अध्ययन के लिए सुझाव
सीखने के इरादे से अध्ययन कीजिए
जब हम अध्ययन करते हैं तो हमें सोचना चाहिए, ‘मैं जो पढ़ने जा रहा हूँ, उससे मैं क्या सीखनेवाला हूँ?’ ऐसा करना अच्छा है, लेकिन हमें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि इस विषय में तो यही बात बतायी जाएगी। अगर हम ऐसा करें, तो हम यह नहीं जान पाएँगे कि यहोवा हमें क्या सिखाना चाहता है। तो फिर हम सीखने के इरादे से कैसे अध्ययन कर सकते हैं? इसके लिए हमें क्या करना होगा?
यहोवा से बुद्धि माँगिए। प्रार्थना करने से आप समझ पाएँगे कि यहोवा आपको क्या सिखाना चाहता है। (याकू. 1:5) किसी विषय के बारे में आप पहले से जो जानते हैं, बस उसी से संतुष्ट मत रहिए।—नीति. 3:5, 6.
बाइबल की बातों का खुद पर असर होने दीजिए। “परमेश्वर का वचन जीवित है।” (इब्रा. 4:12) हर बार जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम कुछ नया सीख सकते हैं और इसका हमारी ज़िंदगी पर गहरा असर हो सकता है। लेकिन ऐसा तभी होगा जब हम सीखने के इरादे से अध्ययन करेंगे।
यहोवा की मेज़ पर रखी हरेक चीज़ का मज़ा लीजिए। यहोवा हमें जो अलग-अलग बातें सिखा रहा है, वह एक बढ़िया “दावत” की तरह है। (यशा. 25:6) इसलिए सिर्फ अपनी पसंद की चीज़ें मत खाइए, बल्कि हरेक चीज़ का मज़ा लीजिए। तब आपको अध्ययन करना अच्छा लगेगा और आप ऐसे इंसान बन पाएँगे जिससे यहोवा खुश हो!