सजग होइए! अंक 5 2017 | जब कहर टूट पड़े—कुछ कदम उठाएँ और जान बचाएँ
आपदाओं का सामना करने के लिए तैयार होना क्यों ज़रूरी है?
पवित्र शास्त्र में लिखा है, “होशियार इंसान खतरा देखकर छिप जाता है, मगर नादान बढ़ता जाता है और अंजाम भुगतता है।”—नीतिवचन 27:12.
इस पत्रिका में बताया गया है कि आपदा आने से पहले, उसके दौरान और उसके बाद हमें क्या कदम उठाने चाहिए।
पहले पेज का विषय
जब कहर टूट पड़े—कुछ कदम उठाएँ और जान बचाएँ
ये सुझाव लागू करने से आपकी और दूसरों की जान बच सकती है।
जानिए कि कैसे ऊर्जा बचाएँ
ऐसे तीन पहलुओं पर ध्यान दीजिए, जिनमें आप ऊर्जा का समझदारी से इस्तेमाल कर सकते हैं: घर, यातायात के साधन और रोज़मर्रा के काम।
पवित्र शास्त्र क्या कहता है?
युद्ध
पुराने ज़माने में इसराएलियों ने परमेश्वर के नाम से युद्ध किए। क्या इसका यह मतलब है कि आज दुनिया में जो युद्ध होते हैं, वे ईश्वर की मरज़ी से होते हैं?
परिवार के लिए मदद
क्या रोमांच के लिए खतरा मोल लेना सही है?
बहुत-से नौजवान यह देखना चाहते हैं कि वे क्या-कुछ कर सकते हैं। इसके लिए वे कभी-कभी बड़ा खतरा मोल ले लेते हैं। ऐसा करने से उन्हें मज़ा आता है। क्या आपको भी ऐसे ही मज़े लेने का मन करता है?
देश और लोग
आओ चलें कज़ाकिस्तान!
कज़ाकिस्तान के लोग पहले खानाबदोश की ज़िंदगी जीते थे और यर्ट में रहते थे। आज वहाँ के लोगों के जीने के तरीके में उनके पुरखाओं की ज़िंदगी की झलक कैसे मिलती है?
क्या इसे रचा गया था?
समुद्री सीपियों का आकार
सीपियों की मज़बूती उनके आकार और बनावट में है। इस वजह से उनके अंदर रहनेवाला मोलस्क सुरक्षित रहता है।
और जानकारी देखिए
यहोवा के साक्षी युद्ध में हिस्सा क्यों नहीं लेते?
पूरी दुनिया में यहोवा के साक्षी युद्ध में हिस्सा न लेने के लिए मशहूर हैं। जानिए कि हम ऐसा क्यों करते हैं।
विपत्ति के दौरान मसीही प्यार की झलक
कई देशों में यहोवा के साक्षियों ने ज़रूरत की घड़ी में लोगों की मदद की है।