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दर्द के उपचार में प्रगति

दर्द के उपचार में प्रगति

दर्द के उपचार में प्रगति

कुछ ही समय पहले तक बहुत कम डॉक्टर दर्द के बारे में काफ़ी कुछ जानते थे और अब भी अनेक नहीं जानते। डॉ. जॉन लीबसकाइन्ड, इन्टरनैशनल पेन फाउन्डेशन के भूतपूर्व अध्यक्ष ने कुछ वर्ष पूर्व कहा: “मैं नहीं समझता कि दुनिया में एक ऐसा चिकित्सीय स्कूल है जहाँ दर्द-संबंधी समस्याओं की जाँच करने और उनका उपचार करना सिखाने के लिए विद्यार्थियों के साथ चार वर्षों में चार से अधिक घंटे बिताए जाते हैं।”

लेकिन, दर्द की समझ में आकस्मिक उन्‍नति, इसका उपचार करने के ज़्यादा बड़े प्रयासों के साथ-साथ हुई है। इस तरह दर्द के पीड़ित लोगों के लिए आशा और उज्ज्वल हुई है। अमरीकी स्वास्थ्य (अंग्रेज़ी) पत्रिका ने रिपोर्ट किया, “हम सभी आभारी हो सकते हैं कि चिकित्सा अब जीर्ण दर्द को मात्र एक लक्षण नहीं मानती, लेकिन अपने आप में एक उपचार-योग्य रोग मानती है।” इस दृष्टिकोण ने दर्द के उपचार करने के लिए समर्पित अनेक चिकित्सालयों की अत्यधिक वृद्धि में योग दिया है।

जहाँ दर्द का उपचार होता है

डॉ. जॉन जे. बॉनिका ने अमरीका में पहला बहु-शाखा दर्द चिकित्सालय खोला। “वर्ष १९६९ तक संसार-भर में मात्र ऐसे १० चिकित्सालय थे,” उसने रिपोर्ट दी। लेकिन पिछले २५ वर्षों में दर्द का उपचार करने के लिए समर्पित चिकित्सालयों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। अब एक हज़ार से अधिक दर्द चिकित्सालय हैं, और एक राष्ट्रीय जीर्ण-दर्द सेवा संघ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि “लगभग हर दिन नए चिकित्सालय खुलते हैं।” *

सोचिए उसका अर्थ क्या है! “जिन मरीज़ों को गंभीर दर्द से राहत पाने के लिए सैकड़ों या हज़ारों मील यात्रा करनी पड़ती थी अब वे उसे घर के क़रीब ही पा सकते हैं,” न्यू यॉर्क शहर में एक संवेदनाहारक, डॉ. गैरी फेल्डस्टाइन ने कहा। यदि आप एक पीड़ित व्यक्‍ति हैं, तो दर्द का उपचार करने के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञों के दल से सहायता प्राप्त करना क्या ही आशीष हो सकती है!

लिन्डा पारसन्स, यहोवा के गवाहों के एक सफ़री ओवरसियर की पत्नी, कई वर्षों से पीठ के दर्द से पीड़ित थी। वह एक के बाद एक चिकित्सक के पास सहायता पाने के लिए गयी, फिर भी उसका दर्द कम हुए बिना जारी रहा। पिछले वर्ष मई में, लगभग पूरी तरह से निराश होकर, उसके पति ने टेलीफ़ोन डायरेक्टरी उठायी और शीर्षक ‘दर्द’ के नीचे देखा। वे दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में सेवा कर रहे थे। उस क्षेत्र के पास ही एक दर्द चिकित्सालय का फ़ोन नंबर वहाँ सूचीबद्ध था। मिलने का समय निर्धारित किया गया, और कुछ दिनों बाद लिन्डा अपने आरंभिक परामर्श और जाँच के लिए डॉक्टर से मिली।

लिन्डा को बाहरी मरीज़ के तौर पर उपचार करने के प्रबंध किए गए। उसने सप्ताह में तीन बार उपचार के लिए चिकित्सालय जाना शुरू किया और घर पर भी उपचार कार्यक्रम का पालन किया। कुछ ही सप्ताहों में उसने उल्लेखनीय सुधार महसूस करना शुरू किया। उसका पति कहता है: “मुझे याद है एक शाम वह लगभग आश्‍चर्य से बोल उठी, ‘मुझे विश्‍वास नहीं हो रहा कि मुझे अब थोड़ा भी दर्द नहीं होता।’” कुछ ही महीनों में, चिकित्सालय में नियमित भेंट बंद की जा सकती थी।

लिन्डा को अपने दर्द को नियंत्रित करने में प्राप्त सहायता, अनेक बहु-शाखा दर्द चिकित्सालयों द्वारा प्रदान की जानेवाली सहायता के समान है। ऐसा चिकित्सालय स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक दल की निपुणता को काम में लाता है, जो डॉ. बॉनिका के अनुसार, “जीर्ण दर्द से निपटने का सर्वोत्तम तरीक़ा है।” उदाहरण के लिए, लिन्डा के दर्द का उपचार कैसे किया गया?

दर्द का उपचार कैसे हो सकता है

चिकित्सालय का एक ब्रोशर आगमन पर प्रक्रिया का विवरण देता है: “यह निर्धारित करने के लिए कि दर्द का आधार क्या है, चिकित्सक द्वारा प्रत्येक व्यक्‍ति की जाँच की जाती है और फिर यथार्थ लक्ष्यों और उपचार कार्यक्रमों की रूपरेखा दी जाती है। . . . दर्द और चिन्ता को कम करने और दर्दनिवारक गोलियों पर निर्भरता से दूर रहने के लिए एनडॉरफिन्स्‌ (शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पन्‍न होनेवाले रसायनों) को उत्पन्‍न करने में शरीर की सहायता के लिए विशिष्टीकृत तकनीकों और तरीक़ों का प्रयोग किया जाता है।”

लिन्डा पर जो उपचार किए गए उसमें एक्यूपंक्चर और टेन्स्‌ (TENS) थे, जो अंग्रेज़ी में ‘ट्रांसक्यूटेनिअस (त्वचा के आर-पार) विद्युत तंत्रिका उत्तेजन’ के लिए प्रथमाक्षरी नाम है। उस पर चिकित्सालय में विद्युत उत्तेजन के उपचार किए गए और घर में इस्तेमाल करने के लिए उसे एक छोटा टेन्स्‌ यूनिट प्रदान किया गया। जैव-परिशोधन (Bio-feedback) का भी प्रयोग किया गया—एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें मरीज़ को अपने शरीर की प्रतिक्रियाओं को जाँचना और दर्द के प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें बदलना सिखाया जाता है।

शारीरिक चिकित्सा, जिसमें गहन ऊतक मालिश भी सम्मिलित है, उपचार नित्यक्रम की एक विशेषता थी। कुछ समय बाद, लेकिन सिर्फ़ तभी जब लिन्डा इसके लिए तैयार थी, चिकित्सालय की व्यायामशाला में एक व्यायाम कार्यक्रम शुरू किया गया, और यह उपचार का एक महत्त्वपूर्ण भाग बन गया। व्यायाम महत्त्वपूर्ण है क्योंकि पता चला है कि इससे जीर्ण दर्द के द्वारा कम हो चुके एनडॉरफिन्स्‌ पुनःस्थापित होते हैं। लेकिन, चुनौती यह है कि दर्द से पीड़ित लोगों को एक लाभकारी व्यायाम कार्यक्रम को चलाने में सहायता देना।

चिकित्सालयों में आनेवाले अनेक जीर्ण-दर्द से पीड़ित व्यक्‍ति बड़ी मात्रा में दर्द की दवाइयाँ लेते हैं, लिन्डा कोई अपवाद नहीं थी। लेकिन जल्द ही उसकी दवाइयाँ छुड़ाई गईं, जो दर्द चिकित्सालयों का एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य है। लिन्डा को निवर्तन के चिह्नों का अनुभव नहीं हुआ, लेकिन वह असामान्य नहीं है। दर्द विशेषज्ञ डॉ. रॉनल्ड मेलज़क ने कहा कि “१०,००० से भी अधिक जले के शिकारों के सर्वेक्षण में . . . , एक भी व्यक्‍ति के बाद में व्यसनी होने का उत्तरदायित्व अस्पताल में रहते हुए उन्हें दी गयी दवाइयों को नहीं दिया जा सकता, जो उन्हें दर्द से राहत पाने के लिए दी गयी थीं।”

जीर्ण दर्द में अकसर एक मुख्य मनोवैज्ञानिक पहलू होता है, इसलिए चिकित्सालय वास्तव में दर्द को भुलाने के लिए मरीज़ों की सहायता करने का प्रयास करते हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफ़ेसर, डॉ. आर्थर बार्स्की ने समझाया, “आप किसके बारे में सोचते हैं, किस बात की अपेक्षा करते हैं, अपनी भावनाओं पर कितना ध्यान देते हैं—यह सभी बातें इस बात पर अत्यधिक प्रभाव डालती हैं कि आप वास्तव में क्या महसूस करते हैं।” सो मरीज़ों को अपने दर्द को छोड़ अन्य मामलों पर ध्यान लगाने के लिए सहायता की जाती है।

इलाज के लिए प्रत्याशाएँ

क्या ये नए दर्द चिकित्सालय मानवजाति के दर्द की समस्याओं का हल हैं? जबकि यहाँ वर्णित दर्द-उपचार तरीक़े सहायक हो सकते हैं, एक व्यक्‍ति को किसी सक्षम चिकित्सालय या दर्द विशेषज्ञ को चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए। तब भी, अपेक्षाएँ यथार्थवादी होनी चाहिए।

सफलता की एक सामान्य कहानी का उदाहरण लीजिए: स्टीवन कॉफमन, भूतपूर्व ओल्मिपिक भारोत्तोलक की गरदन पर एक लुटेरे ने गोली चलायी। इस घटना के बाद वह जीर्ण दर्द से पीड़ित हुआ और क़रीब-क़रीब एक अशक्‍त व्यक्‍ति रह गया। दर्द-उपचार कार्यक्रम में आठ महीनों के पश्‍चात्‌, वह पूरे-समय के काम में वापस लौट सका और आख़िरकार प्रतियोगी भारोत्तोलन भी कर सका। फिर भी उसने कहा: “कई बार मेरे पैर की उँगलियाँ ऐसे जलती हैं, मानो उबलते पानी में हों।”

सो सभी उत्तेजक उन्‍नति के बावजूद भी, बाइबल की प्रतिज्ञा, ‘पीड़ा न रहेगी,’ को पूरा करना स्पष्टतया मानवीय समर्थता से परे है। (प्रकाशितवाक्य २१:४) तो फिर, कैसे इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है?

[फुटनोट]

^ सजग होइए! किसी विशेष दर्द चिकित्सालय या उपचार के तरीक़े का समर्थन नहीं करती।

[पेज 9 पर तसवीरें]

दर्द का उपचार करने के तरीक़े, जिनमें विद्युत तंत्रिका उत्तेजन भी सम्मिलित है

[चित्र का श्रेय]

Courtesy of Pain Treatment Centers of San Diego