सरेस सुड़कना—क्या यह मुझे नुक़सान पहुँचा सकता है?
युवा लोग पूछते हैं . . .
सरेस सुड़कना—क्या यह मुझे नुक़सान पहुँचा सकता है?
“यह बहुत ही मज़ेदार लगता है—बिल्कुल कार्टून देखने की तरह।” मॉस्को, रूस से १३-वर्षीया स्फीता ऐसा कहती है। * लेकिन स्फीता किसी नवीनतम फ़िल्म या विडियो की बढ़ा-चढ़ा कर प्रशंसा नहीं कर रही। वह एक प्रकार के नशीले पदार्थ के दुष्प्रयोग में हुए अपने अनुभव का वर्णन कर रही है। यह दुष्प्रयोग संसार-भर में हज़ारों युवाओं के बीच लोकप्रिय है—सरेस सुड़कना।
लेकिन सरेस उन अनेक वस्तुओं में से मात्र एक वस्तु है जिन्हें कुछ युवा सुड़कते हैं। उदाहरण के लिए, अभी युवा लोग (अंग्रेज़ी) पत्रिका के अनुसार, ब्रिटेन में हवा को ताज़ा करनेवाले रसायन, ज्वलनशील द्रव्य और “२० से ३० अन्य सामान्य घरेलू चीज़ों का . . . दुष्प्रयोग किया जा रहा है।” इसमें “दर्द-निवारक स्प्रे, फर्नीचर पॉलिश और पहियों का पंक्चर ठीक करने का सामान” सम्मिलित है। कुछ युवा तो अग्नि-शामक धुएँ को भी सुड़कते हैं! इसलिए इस हानिकारक लेकिन लोकप्रिय आदत को “विलायक द्रव्य दुष्प्रयोग” या “वाष्पशील पदार्थ दुष्प्रयोग” कहना ज़्यादा ठीक होगा, जैसे कि कुछ विशेषज्ञ कहते हैं।
चाहे वे सरेस का दुष्प्रयोग कर रहे हों या फर्नीचर पॉलिश का, सुड़कनेवाले समान परिणाम चाहते हैं। एक स्रोत के अनुसार, वे “शराब से उत्पन्न होनेवाले नशे के समान ‘मदहोश’ होना” चाहते हैं। विलायक द्रव्य कोकीन जैसे व्यसनकारी नशीले पदार्थों से सस्ते और ज़्यादा सुलभ हैं। इसलिए ब्रिटेन की नया वैज्ञानिक (अंग्रेज़ी) पत्रिका ने रिपोर्ट किया: “विलायक द्रव्य फिर एक बार ग़रीब, युवा और बेघर लोगों के लिए नशीले पदार्थ बन गए हैं: ग्वाटेमाला के बेघर बच्चों और उत्तर अमरीका में बस्तियों के निवासियों, साथ ही ब्रिटेन में होस्टल और सरायों के युवा लोगों के लिए ये नशीले पदार्थ बन गए हैं।” कुछ प्राधिकारी मानते हैं कि ब्रिटेन में १० में से १ किशोर-किशोरी ने विलायक द्रव्यों को सुड़का है। और उसके प्रभाव निश्चय ही अहानिकर नहीं हैं।
पुस्तिका नशीले पदार्थ का दुरुपयोग (अंग्रेज़ी) समझाती है कि “सुड़के गए विलायक धुएँ को फेफ़ड़ों द्वारा अंदर लिया जाता है और जल्द ही यह मस्तिष्क तक पहुँच जाता है।” विलायक द्रव्य केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं, और शराब की तरह वे तात्कालिक मदहोशी का एहसास उत्पन्न करते हैं। कुछ इस्तेमाल करनेवालों में, वे विभिन्न प्रकार के अल्प-कालिक विभ्रम भी उत्पन्न करते हैं—और शुरूआत में स्फीता द्वारा वर्णित विभ्रम की तरह सभी सुखद नहीं होते। डेविड नामक एक युवा, जो १४ साल की उम्र में सरेस सुड़कता था, कहता है: “मैंने बहुत सारे चूहे देखे। वे हज़ारों की संख्या में थे—छोटे बड़ों से निकलते हुए। मुझे लगा वे मेरे दोस्त को खा रहे थे।” काज़ूहीको नामक एक जापानी युवा, जिसने १७ वर्ष की उम्र में सरेस सुड़कना आरंभ किया, याद करता है: “मैंने देखा कि ज़मीन फट रही है और पशु मेरे ऊपर हमला कर रहे हैं।”
तो फिर, विलायक द्रव्य सुड़कना कुछ युवाओं के लिए इतना आकर्षक क्यों है? ली ने १३ वर्ष की उम्र में सरेस सुड़कना शुरू किया, वह कहता है: “मूलतः, सच्चाई से छिपने का प्रयास करने के लिए लोग ऐसा करते हैं।” जी हाँ, कुछ युवाओं के लिए, विलायक द्रव्यों का नशा करना कठिनाइयों को भूलने का एक तरीक़ा है। अन्य उत्तेजना के लिए लालायित होते हैं; वे सोचते हैं कि एक डरावना विभ्रम एक मनोरंजक भयानक फ़िल्म की तरह है। आयरलैंड का स्वास्थ्य विभाग कहता है: “अन्य कारणों में जिज्ञासा, समकक्ष समूह के दबाव की ओर प्रतिक्रिया, प्रतिष्ठा प्राप्त करने के प्रयास, कम आत्म-सम्मान और अपर्याप्तता की भावनाओं की क्षतिपूर्ति करना सम्मिलित हैं।”
आकस्मिक मृत्यु
चाहे इसका आकर्षण जो भी हो, विलायक द्रव्य सुड़कना एक घातक अभ्यास है! ब्रिटेन में वर्ष १९९० में इसके कारण १४९ मृत्यु हुईं और कभी-कभी यह मिनटों में ही मार देता है। इसे “आकस्मिक सुड़कना मृत्यु” कहते हैं। उदाहरण के लिए, रेचल अपनी आस्तीन पर एक ऐसा रासायनिक द्रव्य डाला करती थी, जिसे टाईप करते वक्त की गयी गलतियों को मिटाने के लिए प्रयोग किया जाता है, और स्कूल में उसे सुड़कती थी। एक दिन उसने बस में यात्रा करते वक्त उसे सुड़का। वह बस से उतरी और गिर गयी। वह पल भर के लिए उठी और फिर गिर पड़ी—मृत! रेचल १५ वर्ष की थी।
विशेषकर डरावना तथ्य यह है कि पहली ही बार जब आप उनका दुष्प्रयोग करते हैं तभी विलायक द्रव्य आपको मार सकते हैं! विलायक द्रव्य दुष्प्रयोग के विरुद्ध लड़ने के लिए बनायी गयी एक ब्रिटिश ख़ैराती संस्था, रि-सॉल्व रिपोर्ट करती है कि “वर्ष १९७१ और १९८९ के बीच सभी विलायक द्रव्य दुष्प्रयोग से मरनेवालों में से १८% पहली बार ‘सुड़कनेवाले’ थे।” मरनेवालों में सबसे कम उम्र का लड़का सिर्फ़ नौ वर्ष का था। शराब के दुष्प्रयोग की तरह, विलायक द्रव्य दुष्प्रयोग भी कहा जा सकता है कि “सर्प की नाईं” डसता है, “और करैत के समान काटता है।”—नीतिवचन २३:३२.
विलायक द्रव्यों के प्रभाव में रहते समय, होनेवाली दुर्घटनाओं की वजह से भी सुड़कनेवाले व्यक्ति मर सकते हैं। कुछ लोग इमारतों से नीचे गिर पड़ते हैं या डूबकर मर जाते हैं। अन्य बेहोश होकर अपनी ही उल्टी से दम घुटकर मर गए हैं। कुछ लोग अपने सिरों पर प्लास्टिक की थैली रखकर सुड़कने के परिणामस्वरूप मरे हैं; वे इतने मदहोश हो जाते हैं कि थैली निकाल नहीं सकते, और उनका दम घुट जाता है। इसके अलावा जब विलायक द्रव्यों में आग लग गयी तो अन्य लोग जलकर मरे हैं।
शारीरिक प्रदूषण और अन्य ख़तरे
हालाँकि ऐसे प्रचण्ड परिणामों का अनुभव सभी को नहीं होता, एक विशेषज्ञ लिखता है: “नियमित दुष्प्रयोग करनेवाला जानता है कि वह अपने शरीर को ‘दूषित’ कर रहा है और वह छाती में दर्द, संतुलन की कमी, सिरदर्द, याददाश्त खोना और ऐसे अनेक अन्य लक्षणों का अनुभव करता है, जिन्हें वह मुश्किल ही स्वीकार करता है।” ली (जिसका उल्लेख पहले किया गया है) याद करता है: “मुझे अपने जीवन का सबसे बुरा सिरदर्द हुआ।” संस्था रि-सॉल्व कहती है कि विलायक द्रव्यों को सुड़कना, गुर्दों और यकृत को भी नष्ट कर सकता है। ये मानसिक क्षति और हताशा ला सकते हैं।
फिर नैतिक ख़तरे भी हैं। कुछ सुड़कनेवाले अपनी आदत को बनाए रखने के लिए चोर बन गए हैं। या जापान की डेली योमीयुरी (अंग्रेज़ी) में जो रिपोर्ट किया गया उस पर विचार कीजिए: “एक किशोरी की हत्या करने के लिए आरोपित तीन युवाओं में से एक ने [कहा] कि उसे लड़की को मारते वक्त दोष की कोई भावना का एहसास नहीं हुआ क्योंकि वह उस समय [विलायक द्रव्यों] के प्रभाव में था।”
आख़िरकार, विलायक द्रव्य दुष्प्रयोग विलायक द्रव्यों पर भावात्मक निर्भरता—व्यसन—में परिणित हो सकता है। “विलायक द्रव्यों का दुष्प्रयोग करनेवालों में लगभग १०% आदतन सुड़कनेवाले बन गए,” स्कॉटलैंड का ग्लास्गो हैरल्ड (अंग्रेज़ी) कहता है। यह एक व्यक्ति की भावात्मक और आध्यात्मिक वृद्धि में मात्र अड़चन ही डाल सकता है। पहला कुरिन्थियों १४:२० में बाइबल के शब्दों पर विचार कीजिए: “समझ में बालक न बनो: . . . परन्तु समझ में सियाने बनो।” इस मामले में एक व्यक्ति कैसे सयाना बनता है? बाइबल इब्रानियों ५:१४ में समझाती है: “अन्न सयानों के लिये है, जिन के ज्ञानेन्द्रिय अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिये पक्के हो गए हैं।” एक व्यसनी अपनी ज्ञानेन्द्रियों को विकसित नहीं करता। समस्याओं का सामना करने के बजाय, वह नशीले पदार्थ से उत्पन्न हुई मदहोशी में डूब जाने के द्वारा उनसे बचना चाहता है। पत्रिका अभी युवा लोग (अंग्रेज़ी) ने कहा कि आदतन सुड़कनेवाले “प्रौढ़ता की ओर बढ़ने में असमर्थ—किशोरावस्था में फँस जाते हैं।”
इसे आज़माइए ही नहीं!
आप शायद कुछ समकक्षों को जानते होंगे जिन्होंने विलायक द्रव्यों को सुड़ककर आज़माया है, और जिज्ञासु होना मात्र स्वाभाविक है। लेकिन बाइबल कहती है: “जब कि ये प्रतिज्ञाएं हमें मिली हैं, तो आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें, और परमेश्वर का भय रखते हुए पवित्रता को सिद्ध करें।” (२ कुरिन्थियों ७:१) ऐसी चीज़ को क्यों आज़माएँ जो आपके शरीर को संदूषित करती है या जो तात्कालिक तौर पर ही सही, आपके मन का नियंत्रण खोने का कारण बनती है? परमेश्वर के वचन की हमारे लिए सलाह है कि “सावधान रहें।” (१ थिस्सलुनीकियों ५:६) अक्षरशः इस वाक्यांश का अर्थ है कि “हम होश में रहें।” अपनी बहुमूल्य सोच-विचार की योग्यताओं को दूषित करने के बजाय, एक मसीही बुद्धिमत्तापूर्वक उनकी रक्षा करता है।—नीतिवचन २:११; ५:२.
काज़ूहीको कहता है: “मुझे दुःख है कि मैंने उस आदत को शुरू किया।” ली यह कहते हुए स्वीकार करता है: “यह मूर्खता है। यह बहुत ही ख़तरनाक कार्य है।” अपने आप को बहुत ज़्यादा दर्द और दुःख से बचाइए और विलायक द्रव्य सुड़कने की आज़माइश शुरू भी मत कीजिए। जैसे बाइबल कहती है वैसे कीजिए: “चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देखकर छिप जाता है; परन्तु भोले लोग आगे बढ़कर दण्ड भोगते हैं।”—नीतिवचन २२:३.
लेकिन इस सलाह को लागू करना शायद आसान न हो। युवाओं का विलायक द्रव्य दुष्प्रयोग में फँसने का एक सबसे आम कारण “समकक्ष समूह दबाव” बताया गया है। युवा डेविड कहता है, “मेरे भाई ने सरेस सुड़कने में मेरी दिलचस्पी जगायी।” और काज़ूहीको कहता है, “मेरे दोस्तों ने इससे मेरा परिचय करवाया।” जी हाँ, जैसे १ कुरिन्थियों १५:३३ कहता है, “बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है।” अपने समकक्षों को अपना जीवन नष्ट करने क्यों दें? हमारा स्वर्गीय पिता, यहोवा परमेश्वर आग्रह करता है: “हे मेरे पुत्र, यदि पापी लोग तुझे फुसलाएं, तो उनकी बात न मानना।”—नीतिवचन १:१०.
यदि दूसरे लोग नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करने के लिए आप पर दबाव डाल रहे हैं, तो अपने माता-पिता को बताना बुद्धिमानी होगी। ना कहने के आपके निश्चय को मज़बूत करने में वे आपकी सहायता कर सकते हैं। दूसरी ओर, शायद दबाव के कारण या समस्याओं से अभिभूत होकर आप विलायक द्रव्य सुड़कने की आज़माइश करने के लिए प्रलोभित हों। तनाव के लिए कहीं ज़्यादा बेहतर राहत है कि अपनी समस्याओं को अपने माता-पिता या किसी अन्य परिपक्व, तदनुभूतिशील वयस्क को बताएँ। आपको मार्गदर्शन की आवश्यकता है, नशीले पदार्थों द्वारा उत्पन्न बचाव की नहीं। सामना करने में आपकी सहायता करने के लिए आप प्रार्थना के प्रबंध का भी लाभ ले सकते हैं। “हर समय [परमेश्वर] पर भरोसा रखो,” भजनहार ने कहा। “उस से अपने अपने मन की बातें खोलकर कहो।”—भजन ६२:८.
विलायक द्रव्य सुड़कना शायद उत्तेजक प्रतीत हो, लेकिन यह आपकी समस्याओं को नहीं सुलझाएगा। निश्चय ही, यह आपके जीवन को नष्ट कर सकता है। चतुर बनिए। इसे कभी नहीं आज़माइए।
[फुटनोट]
^ कुछ नाम बदल दिए गए हैं।
[पेज 13 पर तसवीरें]
समकक्ष दबाव से इस घातक अभ्यास में पड़ने के लिए स्वयं को प्रलोभित होने न दीजिए