इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

ब्राटस्लावा—एक छोटे-से शहर से आज की राजधानी तक

ब्राटस्लावा—एक छोटे-से शहर से आज की राजधानी तक

ब्राटस्लावा—एक छोटे-से शहर से आज की राजधानी तक

स्लोवाकिया के सजग होइए! संवाददाता द्वारा

कल्पना कीजिए कि आप सन्‌ 1741 में जा सकते हैं। चारों तरफ भीड़ ही भीड़ हैं। लोग बड़े जोश में हैं और किसी का बेसबरी से इंतज़ार कर रहे हैं। सबके चेहरे खुशी से खिले हुए हैं। अभी रास्ते से एक जुलूस जानेवाला है और लोग उसे करीब से देखने के लिए एक दूसरे को धक्का मार रहे हैं। इस भीड़ में हर तरह के लोग शामिल हैं। किसान अपने सबसे अच्छे कपड़े पहने हुए हैं, घमंडी मध्य-वर्गी लोग सबसे नये फैशन के कपड़े पहने हुए हैं। वहाँ पर ऐसी बड़ी-बड़ी हस्तियाँ भी हाज़िर हैं जो जुलूस देखने और अपना दिखावा करने आई हुई हैं। शाही कर्मचारी सोने और चाँदी के ऐसे सिक्के बाँट रहे हैं जिन पर एक जवान महिला की तस्वीर बनी हुई है। तभी लोग और भी जोश में आ जाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगते हैं। आखिर इतना शोर-गुल क्यों हो रहा है? इसलिए क्योंकि ऑस्ट्रिया के राजकुमार की पत्नी मारिया टॆरीज़ा, हंगरी की रानी का ताज़ पहनने के लिए शहर की तरफ जा रही है।

अब आप कल्पना की दुनिया से हकीकत की दुनिया में आ जाइए। जिस जगह यह ज़रूरी ताज़ पहनाया गया था, अगर आप वह जगह देखना चाहते हैं, तो आप कहाँ जाएँगे? जी नहीं, आपको वीएना जाने की ज़रूरत नहीं है। जहाँ बहुत-से लोग मारिया टॆरीज़ा के शाही महल को देखने जाते हैं। आपको आज के हंगरी की राजधानी बुडापेस्त जाने की भी ज़रूरत नहीं है। इसके बजाय आपको पूर्वी वीएना से 56 किलोमीटर दूर ब्राटस्लावा शहर जाने की ज़रूरत है। जो डानयूब नदी के तट पर है।

ब्राटस्लावा हाल ही में आज़ाद हुए स्लोवाकिया की राजधानी है। आज इस शहर में करीबन पाँच लाख लोग रहते हैं। ब्राटस्लावा की तुलना जब इसके अड़ोस-पड़ोस की राजधानियों से की जाती है, जैसे कि बुडापेस्ट, वीएना और प्राग से तो ब्राटस्लावा की प्रतिष्ठा कुछ खास नहीं लगती। ब्राटस्लावा लगभग दो हज़ार साल तक हंगरी की राजधानी बनी रही। इस वज़ह से यह बहुत मशहूर भी हुई और इसकी तारीफ भी की जाती थी। हंगरी के 11 राजाओं को इसी शहर में ताज़ पहनाया गया। लेकिन ऐसी कौन-सी बात है जो इसे इतना खास बना देती है?

एक पुराना शहर

ब्राटस्लावा शहर, यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी नदी डानयूब के तट पर बसे होने की वज़ह से बहुत मशहूर है। बरसों पहले डानयूब नदी के पानी की रफ्तार इस स्थान पर आकर बहुत धीमी हो गई थी। और पानी की गहराई भी बहुत कम हो गई थी जिसकी वज़ह से इसे आसानी से पार किया जा सकता था। अपने जानवर और बैलगाड़ियों को लेकर लोग इसी जगह से नदी को पार करते थे। यह तब की बात है जब नदी पार करने के लिए पुल नहीं बना था। इसलिए उस ज़माने में ब्राटस्लावा एक बहुत ही भीड़-भाड़वाला चौराहा था। सा.यु.पू. 1500 की शुरूआत में खास सड़कों (एम्बर रूट्‌स) में से एक सड़क इस शहर से गुज़रती थी। ये सड़कें ज़रूरी व्यापारों के लिए उत्तर और दक्षिण यूरोप से जुड़ी हुई थीं। उस ज़माने में इस चौराहे के ट्रैफिक को पहाड़ में बने एक किले से कंट्रोल किया जाता था। आज उस किले को ब्राटस्लावा का किला कहा जाता है।

अगर आप उस ज़माने में पीछे जाएँ तो उस चौराहे पर आपकी मुलाकात किससे होगी? अगर आप करीब चौथी सदी में पहुँचेंगे तो आपका स्वागत करने के लिए केल्ट जाति के लोग मिलेंगे, जिन्होंने इस जगह को अपनी संस्कृति का केंद्र बनाया हुआ था। उस समय केल्ट जाति के लिए आस-पास के पहाड़ एक नगर की तरह थे जहाँ वे मिट्टी के बरतन बनाते थे, और सिक्कों की ढलाई करते थे।

लेकिन अगर आप सामान्य युग की शुरुआत में इस जगह जाएँगे तो? उस समय तक रोमियों ने अपने उत्तर इलाके की सीमा डानयूब नदी तक बढ़ा ली थी। इसलिए अगर आपको थोड़ी बहुत लैटिन भाषा आती है तो आप इस इलाके के लोगों से भी बात कर पाएँगे। इसके साथ-साथ शायद आपकी मुलाकात कुछ जर्मन लोगों से भी हो जो पश्‍चिम से आये थे।

अगर आप मध्य-युग में जाएँगे तो? करीब आठवीं सदी में तो यहाँ ऐसा माहौल था जब सब जाति के लोग इस इलाके में एक-साथ रहते थे। उस समय यूरोप के गरीब देशों से लोग पैसेवाले देशों में जाकर बसने लगे थे और उसी समय के दौरान यूरोप के पूर्वी देशों से स्लाविक लोग भी इस इलाके में आकर बसने लगे थे। हंगरी के लोग अपने घर दक्षिण की ओर बनाते थे लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने ब्राटस्लावा में भी रहना शुरू कर दिया। मगर फिर भी वहाँ स्लाविक लोगों का असर बना रहा। इसका सबूत हमें इस बात से मिलता है कि इस इलाके का सबसे पहला किला जो दसवीं सदी में बना था उसका नाम ब्रेज़ालॆऊस्पूट्‌र्ज़ रखा गया था। यह नाम स्लाविक लोगों से लिया गया था जिसका मतलब है “ब्रास्लॆलॆऊ का किला” यह नाम शायद एक ऊँचे पद पर सैनिक अफसर का था। और उसी के नाम पर इस शहर का स्लोवाक नाम ब्राटस्लावा रखा गया।

मध्य युग का शहर

आज का स्लोवाकिया देश उस समय हंगरी का एक हिस्सा बन गया। इसका इतिहास हमें सा.यु. 1211 से मिलता है। इतिहास में ब्राटस्लावा के किले को हंगरी का सबसे बेहतरीन और सुरक्षित किला कहा जाता है। तीस साल बाद यह बात सच साबित हुई जब टाटर जाति के लोगों ने इस किले पर हमला किया मगर वे किले को जीत नहीं सके। इस जीत की वज़ह से और भी ज़्यादा लोग किले के आसपास आकर बसने लगे। और 1291 में हंगरी के राजा औंड्रा III ने इसे एक नगर का रुतबा दिया। तब से यहाँ के नगरवासियों को अपने लिए मेयर चुनने का हक मिला। वे अपना सामान डानयूब नदी के उस पार तक ले जा सकते थे। और आसानी से “नदी और ज़मीन” दोनों के द्वारा आयात-निर्यात कर सकते थे। गर्मी के मौसम में यहाँ पहाड़ की ढलानों पर बड़ी तादाद में अंगूर लगते थे। इसलिए लोगों को बिना लाइसेंस शराब बेचने की इजाज़त मिली हुई थी जिसके लिए वे बड़े आभारी थे।

बाद में हंगरी के राजाओं ने इस शहर में और भी दूसरी सुविधाएँ उपलब्ध कराईं जिससे इस शहर की बहुत तरक्की हुई। 1526 से 1784 तक काफी समय ब्राटस्लावा हंगरी की राजधानी बना रहा। उसी के दौरान ब्राटस्लावा के लोगों में और भी मिलाप होने लगा। जर्मन और यहूदी लोगों के आने से ज़्यादातर स्लाविक और हंगरी के लोगों को बहुत फायदा पहुँचा। 17वीं सदी में टर्की के लोग पश्‍चिमी और उत्तरी देशों पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ने लगे इस वज़ह से बहुत सारे क्रोएशिया के लोग पनाह के लिए ब्राटस्लावा भाग गए। इसके अलावा चेकोस्लोवाकिया के लोगों ने भी यहाँ आकर पनाह ली। क्योंकि वहाँ पश्‍चिम में कैथोलिक और प्रोटॆस्टैंट के बीच तीस साल से युद्ध चल रहा था।

बीसवीं सदी का ब्राटस्लावा

बीसवीं सदी की शुरुआत में ब्राटस्लावा एक ऐसा शहर बन गया था जिसमें बहुत-से देशों के लोगों के साथ-साथ बहुत-सी संस्कृतियों को देखा जा सकता था। उन दिनों किसी दुकान पर खरीदारी करने का सबसे अच्छा तरीका था कि दुकानदार से जर्मन या हंगरी में बात की जाए। लेकिन उस शहर में चेकोस्लोवाकिया और रोमनीस (बंजारे) लोगों की उतनी ही खास भूमिका थी जितनी यहूदी जाति के लोगों की थी। प्रथम विश्‍व-युद्ध से पहले यहाँ के नागरिकों में स्लोवाक भाषा बोलनेवालों की संख्या सिर्फ 15 प्रतिशत थी यानी बहुत कम। मगर 1921 तक यहाँ के ज़्यादातर नागरिक स्लोवाक भाषा बोलने लगे थे।

जल्द ही यूरोप पर दूसरे विश्‍व-युद्ध के घने बादल छाने लगे। तभी से शुरू होती है ब्राटस्लावा के इतिहास की दुख-भरी कहानी जिसमें शहर की राष्ट्रीय एकता खत्म हो गई। पहले, चेकोस्लोवाकिया के लोगों को इस जगह को छोड़ना पड़ा। उसके बाद बंजारों और यहूदी लोगों को देश निकाला दिया गया। जिनमें से हज़ारों लोग कॉन्सॆंट्रेशन कैम्प में मारे गए। दूसरा विश्‍व-युद्ध खत्म होने के बाद बहुत-से जर्मन भाषा बोलनेवाले लोगों को भी देश निकाला दे दिया गया। लेकिन अंत में, अलग-अलग देशों से आए लोग वापस इस जगह में बस गए। और उनका असर आज भी ब्राटस्लावा को खुशनुमा बना देता है।

आज के ब्राटस्लावा की एक झलक

क्यों न आप हमारे साथ थोड़ी देर के लिए ब्राटस्लावा घूम लें? पहले हम ब्राटस्लावा के किले का दौरा करेंगे जिसे बहुत ही खूबसूरती से दोबारा बनाया गया है। किले में एक बगीचा है जहाँ से हम पूरे शहर का नज़ारा देख सकते हैं, जो डानयूब नदी के दोनों किनारों पर बसा हुआ है।

यह किला एक पहाड़ के ऊपर बना है। जब हम नीचे उतरकर आते हैं तो पुराने शहर में पहुँच जाते हैं। यह ब्राटस्लावा का ऐतिहासिक केंद्र है। फिर हम छोटी-छोटी गलियों से गुज़रते हैं जहाँ तरह-तरह के दिलचस्प नज़ारे देखने को मिलते हैं, यहाँ ऐसा लगता है कि हम किसी पुराने ज़माने में पहुँच गए हैं। हम यहाँ बेहतरीन महलों और मध्य-वर्गीय लोगों के घरों को भी देख सकते हैं। अगर आपकी इच्छा हो तो हम एक ऐतिहासिक कॉफी-हाऊस में जा सकते हैं। और एक कप कॉफी या चाय पी सकते हैं, साथ ही हम अखरोट या खसखस से बनी ब्राटस्लावा की मशहूर पेस्ट्री भी खा लेंगे।

साल-भर में यहाँ जो लोग घूमने आते हैं, वे पुराने शहर के साथ बहती हुई डानयूब नदी के तट पर टहलना बहुत पसंद करते हैं। यहाँ से वे आज के ब्राटस्लावा की पहचान देखना नहीं चूकते। यह पहचान एक नया पुल है, जिसका खम्भा तिरछी टावर के रूप में है और उसमें एक रेस्तराँ बना हुआ है। इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे कि रेस्तराँ डानयूब नदी के दूसरे तट पर पॆत्रज़ोलका के हाउज़िंग सोसाइटी के ऊपर लटका हुआ है।

ब्राटस्लावा शहर को देखकर अगर आपको लगता कि यहाँ बहुत-सी नई इमारतें बनाई जा रही हैं तो आप गलत नहीं हैं। पुराने शहर में बहुत-सी इमारतों को हाल ही में दोबारा बनाया गया है। इसके अलावा 1990 के बाद से शीशे और स्टील के द्वारा तेज़ी से बहुत-सी इमारतें बनाई गई हैं, और कई अभी बनकर तैयार होनेवाली हैं। इस शहर को दफ्तरों, बिज़नॆस सॆंटरों, और बैंकों ने मॉडर्न रूप दे दिया है।

यादगार के रूप में आप ज़रूर यहाँ से कुछ अपने घर ले जाना चाहेंगे। हम हाथ-से बनी चीज़ों की दुकान में चलते हैं। यहाँ लेस से बने सुंदर टेबल-क्लॉथ और ऐसी गुड़ियाँ मिलती हैं जो राष्ट्रीय कपड़े पहने हैं। यहाँ पर आम लोग सदियों से मेन स्क्वेर मार्केट से खरीदारी करते आए हैं, अगर आप चाहते हैं तो हम भी वहीं से खरीदारी कर सकते हैं। शायद आप इस शहर में बना वॉच टावर का सुंदर-सा ब्रांच ऑफिस भी देखना चाहेंगे।

एक दिन शायद आप ब्राटस्लावा घूमने जाएँगे। जब आप जाएँगे तो बेशक नए ज़माने की रंगीन राजधानी घूमकर आपको खूब मज़ा आएगा। यह राजधानी जो एक ज़माने में नदी पार का करने रास्ता थी।

[पेज 15 पर तसवीर]

मारिया टॆरीज़ा

[चित्र का श्रेय]

North Wind Picture Archives

[पेज 16, 17 पर तसवीर]

स्लोवाक का राष्ट्रीय रंगमंच

[पेज 17 पर तसवीर]

पुराने शहर की एक सड़क

[पेज 18 पर तसवीर]

नया पुल और झुकी हुई टावर

[पेज 18 पर तसवीर]

यहोवा के साक्षियों का ब्रांच ऑफिस और किंगडम हॉल