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सिगरेट के धुएँ में फँसी दुनिया

सिगरेट के धुएँ में फँसी दुनिया

सिगरेट के धुएँ में फँसी दुनिया

बिल बहुत ही भला इंसान था। अच्छा दिमाग, हट्टा-कट्टा शरीर क्या नहीं था उसके पास। वह अपने परिवार को भी बहुत चाहता था। इसलिए जब कभी वह सिगरेट पीता तो अपने बेटों से कहता, ‘तुम कभी-भी सिगरेट मत पीना, जो बेवकूफी मैंने की है, तुम मत करना।’ बिल ऐसा इसलिए कहता था क्योंकि उसे छोटी उम्र में ही सिगरेट पीने की आदत लग गई थी लेकिन अब उसे अपनी इस आदत से नफरत होने लगी थी। कभी-कभी वह सिगरेट का पैकेट मसलकर दूर फेंक देता, और कसम खाता ‘मैं अब कभी सिगरेट को हाथ तक नहीं लगाऊँगा।’ लेकिन, जल्द ही उसकी यह कसम टूट जाती। पहले तो वह छिप-छिपाकर सिगरेट पीता फिर थोड़े दिनों बाद खुलेआम सिगरेट पीने लगता।

आज बिल नहीं है। पंद्रह साल पहले, कैंसर ने उसकी जान ले ली। मरने से पहले वह कई महीनों तक दर्द में तड़पता रहा। अगर उसे सिगरेट पीने की आदत न होती तो आज वह शायद ज़िंदा होता। उसकी पत्नी विधवा ना होती, उसके बच्चों के सिर से बाप का साया ना उठता।

सिगरेट की वज़ह से जो दुःख बिल के परिवार ने झेला, वही दुःख न जाने और कितने परिवार झेलते हैं। विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, तंबाकू, हर साल तकरीबन चालीस लाख लोगों की जान लेता है, यानी हर आठ सेकंड में एक आदमी की। अगर लोग तंबाकू का इस्तेमाल करना बंद कर दें तो दुनिया की बहुत सारी बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। लेकिन, आज की तरह अगर तंबाकू का इस्तेमाल आगे भी चलता रहा, तो 20 साल बाद, एड्‌स, टीबी, बच्चा जनने, एक्सिडेंट, आत्महत्या और कत्ल से मरनेवाले लोगों की गिनती से कहीं ज़्यादा तंबाकू से मरने या अपंग होनेवालों की गिनती होगी।

सिगरेट लोगों की जान ले रही है फिर भी आपको हर कहीं धड़ल्ले से सिगरेट फूँकते लोग नज़र आ जाएँगे। WHO के मुताबिक सारी दुनिया में कम-से-कम एक अरब दस करोड़ लोग सिगरेट पीते हैं, जिसका मतलब है कि दुनिया के बालिगों में से एक-तिहाई लोग, इसके धुएँ में फँसे हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं कि तंबाकू का कारोबार करनेवाली कंपनियाँ अपने खिलाफ दायर मुकद्दमों पर करोड़ों डॉलर खर्च करती हैं, मगर इससे उन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उन्हें अपने कारोबार से अरबों डॉलरों का मुनाफा होता है। सिर्फ अमरीका में ही, तंबाकू की फैक्ट्रियों में हर दिन 150 करोड़ सिगरेट बनायी जाती हैं। और-तो-और सारी दुनिया में, हर साल सरकारी और निजी तंबाकू कंपनियाँ 50 खरब सिगरेट बेचती हैं!

आखिरकार, इतने सारे लोगों ने ऐसी जानलेवा आदत क्यों पाल रखी है? अगर आप भी सिगरेट पीते हैं तो इसे कैसे छोड़ सकते हैं? इन सवालों के जवाब अगले लेखों में दिए जाएँगे।