एक आदर्श दुनिया
एक आदर्श दुनिया
अगर आप पिछले तीस-चालीस सालों की जाँच करें तो आप लोगों के चालचलन में इतनी भारी गिरावट पाएँगे जितनी पहले कभी नहीं देखी गई। हमारे ज़माने में इतना भारी बदलाव क्यों हो रहा है? आखिर, भविष्य में क्या होनेवाला है?
कुछ लोग कहते हैं कि ये सब इस दुनिया की बर्बादी की निशानियाँ हैं। बहुत जल्द पूरी मानवजाति ही खत्म हो जाएगी। दूसरी तरफ ज़्यादातर लोगों का यह मानना है कि सदियों से ऐसे बदलाव होते रहे हैं। कलयुग के बाद सतयुग, और सतयुग के बाद फिर कलयुग आता रहेगा। लेकिन क्या उनका यह मानना सही है?
‘अन्तिम दिन’
सच्चाई जानने के लिए, आइए हम आज के हालातों को एक ऐसी किताब की नज़र से देखें जिसे सदियों से लोग सच्चा मार्गदर्शक मानते आए हैं। वह किताब है परमेश्वर का वचन, बाइबल। इसमें एक ऐसे ही भारी बदलाव की भविष्यवाणी की गई थी जैसा आज हम अपने समय में देख रहे हैं। हमारे समय को बाइबल में ‘अन्तिम दिन’ या “जगत के अन्त” का समय कहा गया है। (2 तीमुथियुस 3:1; मत्ती 24:3) इन शब्दों का मतलब है कि इस बुरे ज़माने और इसमें रहनेवाले दुष्ट लोगों का हमेशा के लिए अंत हो जाएगा और यह लौटकर फिर कभी नहीं आएगा। लेकिन इसके नाश के साथ ही एक नये ज़माने की शुरूआत भी होगी।
बाइबल में अन्तिम दिनों की पहचान दी गई है। इसमें बताया गया है कि अन्तिम दिनों में “कठिन समय आएँगे।” इसके अलावा भी बहुत सारी निशानियाँ और घटनाएँ बताई गई हैं जो एक समय के दौरान एकसाथ घटती दिखाई देतीं। आइए हम खुद इनकी जाँच करें।
लोगों के अवगुण
बाइबल अन्तिम दिनों की एक निशानी यह बताती है: ‘मनुष्य भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की शक्ति को न मानेंगे।’ (2 तीमुथियुस 3:2, 5) आज के ज़माने में लोगों ने धर्म को जिस तरह ताक पर रख दिया है, वैसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। आज ज़्यादातर लोग अपनी मरज़ी के मालिक हैं। वे परमेश्वर से नहीं डरते ना ही उसके वचन बाइबल को मानते हैं। माना कि आज ढेर सारे धर्म मौजूद हैं लेकिन अब तो ये बस नाम के लिए ही रह गए हैं।
बाइबल अन्तिम दिनों की एक और निशानी बताती है: “मनुष्य . . . असंयमी, क्रूर” हो जायेंगे क्योंकि “अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा।” (2 तीमुथियुस 3:2, 3, NHT; मत्ती 24:12) जिस यूनानी शब्द का अनुवाद यहाँ “क्रूर” किया गया है, उसके बहुत-से अर्थ हैं, जैसे “बेदर्दी या बेरहम।” आज के ज़माने में यह कितना सच है। आज तो छोटे-छोटे बच्चे भी इतने “बेरहम” बनते जा रहे हैं कि उनमें से कई बहुत ही बुरे-बुरे अपराध कर रहे हैं।
इसके अलावा, टेकनॉलजी और बिज़नेस में हुई बेहिसाब तरक्की की वज़ह से लोग लालची हो गए हैं। नतीजा यह हुआ है कि वे ज़्यादा-से-ज़्यादा पैसा, नाम या शोहरत कमाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, यहाँ तक कि अपना ईमान तक बेचने के लिए तैयार हैं। पिछले कुछ सालों में जुआ खेलनेवालों और अपराधियों की गिनती में भारी बढ़ोतरी भी, आज बढ़ती लालच और स्वार्थ का बड़ा सबूत है।
आज एक और बात साफ दिखाई देती है: “मनुष्य . . . परमेश्वर के नहीं बरन सुखविलास ही के चाहनेवाले” हैं। (2 तीमुथियुस 3:2, 4) इसकी एक मिसाल दुनिया भर में फैली बदचलनी है। आज लोग सेक्स तो चाहते हैं लेकिन शादी नहीं। वे ज़िंदगी भर एक ही साथी से बँधे रहना नहीं चाहते। नतीजा, घर-घर में क्लेश, तलाक, मायूस और लाचार बच्चे जिनके माँ-बाप होते हुए भी ना होने के बराबर हैं। इतना ही नहीं, ऐसे नाजायज़ संबंधों की वज़ह से आज एड्स और दूसरी घिनौनी लैंगिक बीमारियों की बाढ़ सी आ गई है।
अन्तिम दिनों की एक और पहचान है: “मनुष्य अपस्वार्थी, लोभी” होंगे। (2 तीमुथियुस 3:2) जर्मनी की मैगज़ीन डी ज़ाइट के मुताबिक “[आज की आर्थिक] व्यवस्था के पीछे स्वार्थ का सबसे बड़ा हाथ है।” आज लोग पैसा कमाने के चक्कर में अंधाधुंध भागे जा रहे हैं। पैसा ही उनका भगवान बन चुका है। उनके लालच और स्वार्थ ने उन्हें इस कदर अंधा कर दिया है कि वे आदर्शों को भूल ही गए हैं।
दुनिया की घटनाएँ
आदर्शों में भारी गिरावट के बारे में बताने के अलावा, बाइबल अन्तिम दिनों की एक और निशानी बताती है कि इनमें ऐसी हैरतअंगेज़ घटनाएँ घटेंगी जो सारी दुनिया को दहलाकर रख देंगी। मिसाल के तौर पर बाइबल कहती है, “जाति पर जाति और राज्य पर राज्य चढ़ाईं करेगा। और बड़े बड़े भूईंडोल होंगे, और जगह जगह अकाल और मरियां पड़ेगी।”—लूका 21:10, 11.
अगर हम पूरे इतिहास को जाँचे तो हम पाएँगे कि पहले कभी, इतने कम समय में इतनी हैरतअंगेज़े घटनाएँ नहीं घटीं जिस तरह 20वीं सदी में एक-के-बाद-एक घटती चली गयीं। इन घटनाओं ने जितने लोगों की ज़िंदगी बर्बाद की वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। मिसाल के लिए, इस सदी के दौरान 10 करोड़ से ज़्यादा लोग युद्ध में मारे गये। यह गिनती पिछली कई सदियों के दौरान युद्धों में मारे गये लोगों की कुल संख्या से भी कई गुना ज़्यादा थी। बीसवीं सदी में ही दो ऐसे महायुद्ध लड़े गए जो दूसरे युद्धों से इतने ज़्यादा विनाशकारी थे कि उन्हें विश्वयुद्ध का खिताब दिया गया। इनसे पहले ऐसे युद्ध कभी नहीं लड़े गए थे जिनमें दुनिया के लगभग हर देश ने हिस्सा लिया हो।
भरमानेवाली दुष्टात्मा
बाइबल, एक शक्तिशाली दुष्ट आत्मिक प्राणी “इब्लीस और शैतान” के बारे में बताती है, कि वह “बड़े क्रोध के साथ [पृथ्वी पर] . . . उतर आया है; क्योंकि प्रकाशितवाक्य 12:9, 12.
जानता है, कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है।” उसका मकसद है लोगों को ऊँचे आदर्शों से दूर ले जाकर अनैतिकता की दलदल में धकेल देना।—शैतान के बारे में बाइबल कहती है कि वह ‘इस धरती के ऊपर की दुष्ट आत्मिक शक्तियों का स्वामी है।’ उसी की ‘आत्मा अब उन व्यक्तियों में काम कर रही है जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते।’ (इफिसियों 2:2, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) जैसे हमें हवा में फैली ज़हरीली गैसें नज़र नहीं आतीं और हम उनमें साँस लेते रहते हैं उसी तरह आज ज़्यादातर लोग इस बात से बिलकुल बेखबर हैं कि वे इब्लीस यानी शैतान के चंगुल में है।
उदाहरण के लिए आज वीडियो, फिल्में, टेलीविज़न, इंटरनॆट, विज्ञापन, किताबें, मैगज़ीन और अखबार जैसे साधनों का इस्तेमाल करके शैतान, लोगों को जातिभेद, तंत्र-मंत्र, बदचलनी और हिंसा जैसी घृणित और खतरनाक बातें सिखा रहा है। वह खासकर नासमझ नौजवानों को अपना शिकार बना रहा है।
बाइबल में दी गई अन्तिम दिनों की हर भविष्यवाणी जिस ढंग से आज पूरी हो रही है उसे बहुत-से नेकदिल इंसान देखकर हैरान रह जाते हैं। यह सच है कि 20वीं सदी से पहले भी इतिहास में ऐसी कई घटनाएँ घटीं जो बाइबल में दी गयी भविष्यवाणियों से मेल खाती थीं। लेकिन सिर्फ 20वीं सदी में, और अब 21वीं सदी में, अन्तिम दिनों की सभी निशानियाँ एक-साथ पूरी होती दिखाई दे रही हैं और हम सब खुद इसके चश्मदीद गवाह हैं। तो क्या भविष्य में कोई और बड़ी घटना होनेवाली है?
एक आदर्श दुनिया
जो लोग मानते हैं कि सारी मानवजाति का नाश होगा, वे गलत हैं और वे लोग भी गलत हैं जो यह दावा करते हैं कि आगे भी दुनिया उसी तरह चलती रहेगी जैसे कि आज तक चलती आयी है। इसके बजाय, बाइबल साफ-साफ कहती है कि आज का दुष्ट संसार हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा और उसकी जगह एक आदर्श दुनिया आएगी।
अन्तिम दिनों का चिन्ह देने के बाद, यीशु ने कहा: “इसी रीति से जब तुम ये बातें होते देखो, तब जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट है।” (लूका 21:31) यीशु के प्रचार का मुख्य विषय था, परमेश्वर का राज्य। (मत्ती 6:9, 10) और परमेश्वर ने यीशु को ही अपने राज्य का राजा ठहराया है और यह राज्य बहुत जल्द पूरी पृथ्वी पर राज करेगा।—लूका 8:1; प्रकाशितवाक्य 11:15; 20:1-6.
बहुत जल्द यहोवा के स्वर्गीय राज्य का राजा यीशु मसीह, इस दुष्ट संसार के साथ-साथ शैतान और उसके साथियों का नामो-निशान मिटा देगा। आज की बुरी और गिरी हुई दुनिया की जगह, यह राज्य इसी ज़मीन पर एक आदर्श दुनिया बसाएगा। (दानिय्येल 2:44) तब कहीं लालच, स्वार्थ या भ्रष्टाचार नहीं होगा। कहीं खून-खराबा या हिंसा नहीं होगी। दुष्ट, क्रूर और बदचलन लोगों का नामोनिशान मिट जाएगा। सिर्फ भले, धर्मी और ऊँचे आदर्शों पर चलनेवाले लोग ही इस आदर्श दुनिया में होंगे। फिर कोई दुःख, तकलीफ या गम नहीं होगा। सारी धरती एक खूबसूरत बगीचा बन जाएगी जिसमें चारो तरफ रंग-बिरंगे फूल और फलों से लदे हरे-भरे पेड़ होंगे।—लूका 23:43; 2 पतरस 3:13; प्रकाशितवाक्य 21:3, 4.
इस जहान का मालिक और महाराजा, यहोवा परमेश्वर इंसानों से बेहद प्यार करता है और उसी ने यह वादा किया है। बहुत जल्द वह अपना वादा पूरा करनेवाला है। तो जो लोग आज के संसार के गिरे हुए आदर्शों से नफरत करते हैं और यह समझते हैं कि आज की घटनाएँ अन्तिम दिनों के चिन्ह को पूरा कर रही हैं, वे आनेवाली आदर्श दुनिया की आशा कर सकते हैं।—भजन 37:10, 11, 29; 1 पतरस 5:6, 7.
हमारा प्रेममय सृजनहार, यहोवा परमेश्वर सच्चाई की खोज करनेवाले हर इंसान को इस धर्मी, आदर्श दुनिया में जीने का मौका देना चाहता है। अगर आप भी आनेवाली आदर्श दुनिया में हमेशा की ज़िंदगी पाने की इच्छा रखते हैं तो क्यों न यहोवा के साक्षियों से इसके बारे में और ज़्यादा जानकारी हासिल करें। बाइबल कहती है, “अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें।”—यूहन्ना 17:3.
[पेज 10 पर तसवीर]
भले, धर्मी और ऊँचे आदर्शों पर चलनेवाले लोग ही इस आदर्श दुनिया में रहेंगे