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इस मौके को हाथ से जाने मत दीजिए!

इस मौके को हाथ से जाने मत दीजिए!

इस मौके को हाथ से जाने मत दीजिए!

किस मौके की बात हो रही है? “परमेश्‍वर के वचन पर चलनेवाले,” यहोवा के साक्षियों के ज़िला अधिवेशन की। इस अधिवेशन का सिलसिला मई महीने में अमरीका के देशों से शुरू हो गया है। ये अधिवेशन अब आनेवाले महीनों में दुनिया-भर के सैकड़ों शहरों में आयोजित किए जाएँगे। ज़्यादातर जगहों पर प्रोग्राम की शुरूआत, शुक्रवार सुबह 9.30 बजे संगीत के साथ होगी।

अधिवेशन के शुरू में हाज़िर लोगों को परमेश्‍वर के वचन के मुताबिक चलने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। उसके बाद सुबह के कार्यक्रम में दो भाषण होंगे जिनका विषय है, “यहोवा की भलाई आपके मुख पर रौनक लाए” और “अनदेखे को मानो देखते हुए दृढ़ रहिए।” सुबह के कार्यक्रम का अंत मूल-विचार भाषण “आश्‍चर्यक्रम करनेवाले परमेश्‍वर—यहोवा की स्तुति करो,” से होगा।

दोपहर के कार्यक्रम का पहला भाषण है, “भले काम करने में हियाव न छोड़ें।” इसके बाद तीन-भागवाली परिचर्चा पेश की जाएगी जिसमें इन विषयों पर बात की जाएगी: किस तरह हम सही जीवन-साथी का चुनाव कर सकते हैं, किस तरह परिवार को आध्यात्मिक रूप से मज़बूत बना सकते हैं और किस तरह बच्चों को यहोवा से प्यार करना सिखा सकते हैं। दिन के आखिरी भाषण का विषय है, “यहोवा के संगठन के साथ कदम से कदम मिलाते हुए चलना।” इसमें यह बताया जाएगा कि हमारे समय में परमेश्‍वर के मकसद के बारे में किस तरह हमें और ज़्यादा समझ दी गई है।

शनिवार की सुबह के कार्यक्रम में दूसरी तीन-भागवाली परिचर्चा पेश की जाएगी जिसका विषय है “परमेश्‍वर के वचन के प्रचारक।” इस परिचर्चा में चेले बनाने के बारे में सुझाव दिए जाएँगे। उसके बाद एक शानदार भाषण दिया जायेगा जिसका शीर्षक है “ऐसा कोई काम ना करना जिससे परमेश्‍वर को शर्मिंदा होना पड़े।” फिर बपतिस्मा पर भाषण दिया जाएगा जिसमें योग्य लोगों को बपतिस्मा लेने का मौका मिलेगा।

शनिवार दोपहर को “आध्यात्मिकता बढ़ाने के लिए मेहनत कीजिए,” विषय पर तीसरी तीन-भागवाली परिचर्चा पेश की जाएगी। इसमें आध्यात्मिक बातों पर मन लगाने के लिए कारगर सुझाव दिए जाएँगे। दोपहर का कार्यक्रम एक बड़े रोमांचक भाषण के साथ खत्म होगा जिसका विषय है “परमेश्‍वर के वचन के बढ़ते प्रकाश में चलते रहना।” इस भाषण में यशायाह के 25 और 26 अध्याय पर चर्चा की जाएगी और यह भी बताया जाएगा कि किस तरह हम इस मज़ेदार किताब को और भी बेहतरीन रूप से समझ सकेंगे।

रविवार सुबह के कार्यक्रम में आखिरी तीन-भागवाली परिचर्चा पेश की जाएगी जिसका शीर्षक है “परमेश्‍वर की इच्छा पर चलनेवालों के लिए सपन्याह की महत्त्वपूर्ण भविष्यवाणी।” इसमें यह समझाया जाएगा कि किस तरह यह भविष्यवाणी प्राचीन समय में यहूदी जाति पर लागू हुई थी और किस तरह आज हमारे समय पर भी लागू होती है, खासकर दुनिया के धर्मों पर। उसके बाद आपको “इस्राएलियों की कहानी, हमारे लिए चेतावनी” ड्रामा का आनंद उठाने और साथ ही उससे सबक सीखने का मौका मिलेगा। ड्रामा में यह दिखाया जाएगा कि कैसे प्रतिज्ञा किए हुए देश में जाने से पहले इस्राएली पुरुष लैंगिक कामों में फँस गए थे। रविवार दोपहर की विशेषता जन भाषण होगी, जिसका शीर्षक है “परमेश्‍वर के आश्‍चर्यकर्मों पर क्यों विचार करें।”

पूरे तीन दिन हाज़िर होने के लिए अभी से योजना बनाइए। आपके शहर में किस जगह पर यह अधिवेशन होनेवाला है इसके लिए अपने इलाके में यहोवा के साक्षियों से सम्पर्क कीजिए या इस पत्रिका के प्रकाशकों को लिखिए।