एक ऐसा पेड़ जिसे देखते ही आपके कदम थम जाएँगे
एक ऐसा पेड़ जिसे देखते ही आपके कदम थम जाएँगे
इक्वेडोर में सजग होइए! लेखक द्वारा
दिसंबर का महीना, आधा खत्म हो चुका था। इक्वेडोर के तटवर्तीय इलाकों में बारिश का मौसम अभी शुरू नहीं हुआ था। ऊँची-नीची पहाड़ियों पर जमी धूल की वजह से सभी पेड़-पौधे धूमिल-से दिख रहे थे। आसमान में भूरे रंग के बादलों के छा जाने से चारों तरफ उदासी ही उदासी थी। ऐसे में कुछ मुसाफिर, पश्चिम में प्रशांत महासागर की ओर जानेवाले रास्ते पर जा रहे थे। अचानक वे गाड़ी रोक देते हैं और उन सबकी नज़र रास्ते के किनारे लगे एक पेड़ पर पड़ती है। वह कौन-सा पेड़ था?
उन्होंने फूलों से लदे ग्वायकन पेड़ को देखा था! पलभर के लिए सबके लबों पर चुप्पी छा गयी और फिर उनमें से एक बोल उठा: “वाह! क्या नज़ारा है! क्या आपने कभी ऐसा शानदार रंग देखा है? मैंने कई पेड़ देखे हैं जिनमें गुलाबी, बैंजनी, लाल, या नारंगी रंग के फूल खिलते हैं। मगर इस पेड़ की दमक के सामने तो वे सब फीके पड़ जाते हैं!”
उस सुनहरे पेड़ की खूबसूरती को काफी देर तक निहारने के बाद वे अपने सफर में आगे बढ़े। उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि यह तो बस शुरूआत ही है। वे अभी थोड़ी ही दूर गए थे कि उन्होंने एक और ग्वायकन पेड़ को फूलों से लदे हुए देखा फिर एक और पेड़ को। ऐसे लग रहा था जैसे कि पहाड़ियों पर जगह-जगह सूरज की सुनहरी किरणें फूट रही हों! हर साल की तरह, यह मौसम ग्वायकन पेड़ों के लिए बहार का मौसम है। यह ऐसा समय है जब इन बदरंगी जंगलों में अनगिनत रंगों की बहार छा जाती है।
मगर, फूलों से लदे इस पेड़ की खूबसूरती न सिर्फ इस देश में बल्कि दक्षिण और मध्य अमरीका के कई भागों में भी देखी जा सकती है। दरअसल इन्हीं जगहों से इन पेड़ों की शुरूआत हुई है। इस पेड़ के कई नाम हैं जैसे कि एराग्वेने, ग्वायकन अमारील्लो, साथ ही गोल्डन ट्रम्पेट, और ट्रम्पेट ट्री, जिस पर तुरही के आकार के सुनहरे फूल खिलने की वजह से इनका यह नाम पड़ गया है। इसका वैज्ञानिक नाम, तैबेबूया क्रिसैन्था है।
ग्वायकन पेड़ से चिकनी लकड़ी मिलती है और कई सालों से इसका इस्तेमाल बढ़िया फर्नीचर तैयार करने में किया जा रहा है। इसी वजह से ये पेड़ खत्म हो रहे हैं और कुछ देशों ने मजबूर होकर इन पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए कई नियम बनाए हैं। इन नियमों की बदौलत यहाँ के निवासी और मुसाफिर दोनों उस वक्त इन पेड़ों की बेमिसाल खूबसूरती का मज़ा उठा सकते हैं जब इनमें फूल खिलते हैं, भले ही ये चंद दिनों के लिए या साल में एक बार ही क्यों न हो।
इसमें कोई दो राय नहीं कि यह ग्वायकन पेड़ उस महान कलाकार को एक जीती-जागती श्रद्धांजलि है। जी हाँ, हमारी इस बेजोड़ पृथ्वी का महान सिरजनहार और शिल्पी वही है।(g01 3/8)