इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

विश्‍व-दर्शन

विश्‍व-दर्शन

विश्‍व-दर्शन

हाथियों जैसे भारी-भरकम बादल

बादल का वज़न कितना होता है? ABC न्यूज़ रिपोर्ट करता है कि कपासी मेघ (Cumulus) में करीब 550 टन पानी समा सकता है। या जैसे मौसम-विज्ञानी पैगी लमोन कहते हैं, “इसे और भी अच्छी तरह समझने के लिए . . . हाथियों के बारे में सोचिए।” मान लीजिए कि एक हाथी का वज़न करीब 6 टन है, तो एक कपासी मेघ में 100 हाथियों के बराबर पानी होता है। ये सारा पानी छोटी-छोटी बूँदों के रूप में आसमान में लटका रहता है और धरती से उठनेवाली गर्म हवा पर तैरता है। कपासी मेघ से अलग, बड़े-बड़े तूफानी बादलों में पानी का वज़न तकरीबन 2,00,000 हाथियों के बराबर हो सकता है। हरीकेन (तूफानी) बादल के बारे में क्या? लमोन ने पहले हरीकेन बादल के एक घन मीटर में पानी के वज़न का अनुमान लगाया, फिर उसे हरीकेन के कुल आयतन से गुणा किया। नतीजा क्या निकला? इसका वज़न चार करोड़ हाथियों के बराबर निकला। रिपोर्ट कहती है, “इसका मतलब है कि एक हरीकेन बादल में पानी का वज़न, धरती पर पाए जानेवाले कुल हाथियों के वज़न से कहीं ज़्यादा होता है, शायद दुनिया में अब तक जितने भी हाथी हुए हैं, उन सारे हाथियों के वज़न से भी ज़्यादा।” (g04 7/22)

ब्रश कब करें

मेक्सिको सिटी का अखबार मीलेनयो कहता है, खट्टी चीज़ें खाने-पीने के तुरंत बाद ब्रश करने से इनैमल को नुकसान पहुँच सकता है। जर्मन यूनिर्वसिटी, गटींगन में किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट देते हुए अखबार सावधान करता है कि खट्टी चीज़ें “कुछ समय के लिए दाँतों के इनैमल को कमज़ोर कर देती हैं।” इसलिए खाने के तुरंत बाद ब्रश करना दाँतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। तो “यह सलाह दी जाती है कि खाने के बाद, थोड़ी देर रुकना चाहिए जिससे दाँतों को दोबारा मज़बूत होने का वक्‍त मिले।” (g04 7/22)

किशोरों में जुएबाज़ी

मगिल यूनिवर्सिटी में युवा जुएबाज़ी के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के मुताबिक “माना जाता है कि कनाडा में 12 से 17 बरस के आधे से ज़्यादा जवान मज़े के लिए जूआ खेलते हैं, इनमें से 10% से 15% जवानों को आगे चलकर जुएबाज़ी की लत लगने का खतरा है और 4% से 6% तो ‘पक्के जुआरी’ बन सकते हैं।” यह रिपोर्ट टोरोन्टो के नैशनल पोस्ट अखबार में छपी थी। इन्हें यह शौक अकसर बचपन में लगता है जब उन्हें तोहफे में लॉटरी के टिकट दिए जाते हैं या जब वे इंटरनॆट पर जुआ खेलते हैं। खोजकर्ताओं के मुताबिक इसका नतीजा यह हुआ है कि कनाडा के किशोरों को सिगरेट या ड्रग्स जैसी नशीली चीज़ों से ज़्यादा जुए की लत लगी है। टीचर और स्कूल के अधिकारी उम्मीद करते हैं कि कनाडा के हाई-स्कूल में ‘किशोरों में जुएबाज़ी की रोकथाम कार्यक्रम’, इस समस्या से निजात दिलाने में काफी असरदार होगा। (g04 7/8)

कैथोलिक पादरी और बाइबल का ज्ञान

“पादरियों को बाइबल का कितना अच्छा ज्ञान है?” यह सवाल आनड्रिया फोनटाना ने पूछा, जो खुद एक पादरी और कैथोलिक धर्म की शिक्षा देनेवाले ट्युरन डायोसीसन ऑफिस का निर्देशक है। इतालवी कैथोलिक अखबार आवेनीरा में फोनटाना ने लिखा कि यह सवाल मेरे मन में तब आया जब “एक साधारण-से आदमी ने आकर पूछा कि इस इलाके में कोई बाइबल अध्ययन का कोर्स चलाया जाता है या नहीं।” यह आदमी जिस चर्च से था, वहाँ “बाइबल का कभी ज़िक्र ही नहीं होता था।” जवाब में फोनटाना ने लिखा: “बड़े दुःख की बात है, मगर यह हकीकत है कि सेमिनरी का कोर्स पूरा करने के बाद बहुत कम [पादरी] बाइबल का अध्ययन ज़ारी रखते हैं। . . . कई लोग जो बिना नागा चर्च जाते हैं, उन्हें तो सिर्फ रविवार के उपदेशों में ही बाइबल के कुछ वचन सुनने और उन्हें अच्छी तरह समझने का मौका मिलता है।” उस आदमी ने कहा कि “बाइबल की ज़्यादा जानकारी पाने के लिए मैंने खुद ही यहोवा के साक्षियों से मेल-जोल शुरू किया।” (g04 7/8)

“मृत सागर मर रहा है”

असोशिएटिड प्रेस के एक लेख में यह खबर थी, “मृत सागर मर रहा है और बड़े-बड़े इंजीनियरों की खास कोशिशों के बल पर ही इसे बचाया जा सकता है।” मृत सागर, यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसमें नमक की मात्रा बहुत ज़्यादा होने की वजह से जीव-जंतुओं का ज़िंदा रहना नामुमकिन है। यह समुद्र-तल से 400 मीटर नीचे यानी धरती पर पानी की सबसे निचली सतह है। लेख कहता है, “हज़ारों साल तक मृत सागर में [बहुत सारे पानी का भाप बनकर उड़ने के बावजूद] पानी की एक-सी मात्रा बनी रही और यह खासकर यरदन नदी की बदौलत था [जिससे वह फिर से भर जाता है]। मगर हाल के दशकों में इस्राएल और यरदन देश के लोग, अपनी खेती-बाड़ी की बड़ी ज़मीन को इस सकरी यरदन नदी के पानी से सींच रहे हैं, जो इन दोनों देशों के बीच से होकर बहती है। इस वजह से मृत सागर को भरपूर पानी नहीं मिल रहा।” इस्राएलियों का अध्ययन बताता है कि अगर जल्द ही कोई कदम न उठाया गया तो हर साल इसका पानी करीब एक मीटर घटता जाएगा, जिसका आस-पास के इलाकों पर और वहाँ के जानवरों और पेड़-पौधों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। पाँच साल के सूखे ने पहले ही मृत सागर की हालत पतली कर दी है। (g04 7/8)

अपना कटिंग बोर्ड साफ रखिए!

कौन-सा कटिंग बोर्ड इस्तेमाल करना ज़्यादा सुरक्षित है—लकड़ी का या प्लास्टिक का? यू.सी. बर्कले वैलनॆस लैटर कहता है: “अगर बोर्ड पूरी तरह साफ-सुथरा है, तो किसी भी बोर्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। कच्चा गोश्‍त या मुर्गियाँ काटने के लिए चाहे आप लकड़ी का बोर्ड इस्तेमाल करें या प्लास्टिक का, मगर इस्तेमाल करने के बाद इसे साबुन के गर्म पानी से रगड़कर अच्छी तरह धो लें।” अगर बोर्ड में गहरे चीरे लगे हों या तैलीय हो, तो उसकी और भी अच्छी तरह सफाई करने पर ध्यान दें। वैलनॆस लैटर कहता है: “बोर्ड को रोगाणु-मुक्‍त करने के लिए आप ब्लीच के पतले घोल (1 लीटर पानी में 1 छोटा चम्मच ब्लीच) से भी धो सकते हैं।” उसी तरह हाथों और चाकुओं को भी अच्छी तरह साफ करके सुखाना चाहिए। (g04 7/22)

संसार में बढ़ती जा रही झोपड़पट्टियाँ

संयुक्‍त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लंदन का द गॉर्जियन अखबार कहता है: “30 साल के अंदर संसार का हर तीसरा व्यक्‍ति झोपड़ी में रहेगा।” अफसोस कि “94 करोड़ लोग यानी संसार की आबादी का लगभग छठा भाग, पहले से ही गंदे और दूषित इलाकों में रह रहा है। वहाँ ज़्यादातर न तो पानी की, न साफ-सफाई की, न जनता की सुविधाओं की कोई व्यवस्था है और ना ही उन्हें कोई कानूनी सुरक्षा मिलती है।” केन्या के राज्य, नाइरोबी के कीबेरा ज़िले में तकरीबन 6,00,000 लोग झोपड़ियों में रहते हैं। संयुक्‍त राष्ट्र आवास योजना कार्यक्रम, UN-हेबिटैट के निर्देशक, आना टीबाइयूका का कहना है: “जहाँ पर गरीबी और बेरोज़गारी की ज़बदस्त मार हो, वहाँ के लोग अकसर समाज के दुश्‍मन बन जाते हैं। झुग्गी-झोपड़ियाँ तो चोर-उचक्कों का अड्डा होती हैं, शांति और सुरक्षा बहुत दूर की बात है और जवानों की कोई हिफाज़त नहीं होती।” (g04 9/8)

क्या पढ़ने की कोई उम्र है?

नाइरोबी का एक अखबार, डेली नेशन रिपोर्ट करता है: “[केन्या के रिफ्ट वैली ज़िला के प्राथमिक स्कूल में] छः साल के बच्चों की क्लास में, एक विद्यार्थी दूसरों के मुकाबले कुछ ज़्यादा ही लंबा और बड़ा दिखता है।” वे 84 साल के एक बुज़ुर्ग हैं, जिन्होंने हाल में पहली कक्षा में दाखिला लिया ताकि “बाइबल पढ़ना सीख सकें।” हालाँकि इनके नाती-पोते भी हैं जो इनसे ऊँची कक्षाओं में पढ़ रहे हैं, लेकिन वे फिर भी अपनी कक्षा में पढ़ने जाते हैं। इन बुज़ुर्ग ने नेशन अखबार से कहा, “लोग मुझे बाइबल से कुछ-न-कुछ बताते रहते हैं, लेकिन मुझे पता नहीं कि वे बातें सच भी हैं या नहीं, इसलिए मैं खुद इस पवित्र किताब को पढ़कर सच्चाई का पता लगाना चाहता हूँ।” स्कूल की यूनिफॉर्म पहनकर और पढ़ाई की सारी चीज़ें साथ ले जाकर, वे स्कूल के सभी सख्त नियमों के मुताबिक चलने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन एकाध मामलों में उन्हें कुछ अलग करने की इजाज़त है। जब दूसरे विद्यार्थी व्यायाम करते या खेलते-कूदते हैं, तब उन्हें “हलके व्यायाम करने की इजाज़त है।” (g04 9/22)