“मेरे प्रोफेसर एकदम खुश!”
“मेरे प्रोफेसर एकदम खुश!”
पहले साल के एक मेडिकल स्टूडंट ने सजग होइए! के प्रकाशक को एक खत में यह बात लिखी। वह जॉर्जिया देश की टबिलसी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। उसने सजग होइए! को खत क्यों लिखा?
“मैं सन् 1998 से आपकी पत्रिकाएँ पढ़ रहा हूँ। . . . मुझे अपनी पढ़ाई में इनसे सचमुच काफी मदद मिलती है। इनके लेख हमेशा सही समय पर, जानकारी से भरपूर और भरोसेमंद होते हैं। हाल ही में मुझे ‘क्लोन बनाने और स्टेम सॆल की अलग-अलग किस्में,’ विषय पर निबंध लिखना था जिसके लिए मैंने नवंबर 22, 2002 की सजग होइए! (अँग्रज़ी) के श्रृंखला लेख, ‘स्टेम सॆल्स—हैज़ साइंस गॉन टू फार?’ से जानकारी ली। निबंध पढ़कर तो मेरे प्रोफेसर एकदम खुश हो गए और मुझे क्लास में सबसे ज़्यादा नंबर मिले!
“मैं बहुत खुश हूँ कि आप ऐसे दिलचस्प विषयों पर लेख छापते हैं, खासकर चिकित्सा के बारे में। वैसे ना तो मैं और ना ही मेरा परिवार यहोवा का साक्षी है, मगर हमें आपकी पत्रिकाएँ पढ़ना अच्छा लगता है क्योंकि दुनिया में जो हो रहा है, उसके बारे में ये पत्रिकाएँ हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं।”
आपको यह जानकर शायद हैरानी हो कि बाइबल में कई मामलों पर कारगर सलाह दी गयी हैं, जो हमारे तन और मन दोनों के लिए फायदेमंद हैं। इस बारे में 32 पेजवाले एक दिलचस्प ब्रोशर, सब लोगों के लिए एक किताब में बहुत अच्छी तरह समझाया गया है। इस ब्रोशर के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने के लिए आप इस कूपन को भरकर पेज 5 पर दिए किसी भी नज़दीकी पते पर भेज सकते हैं। (g05 1/22)
□ बगैर किसी बंधन के मैं, सब लोगों के लिए एक किताब ब्रोशर के बारे में और जानना चाहता हूँ।
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