मैं क्यों करूँ मेहनत के काम?
युवा लोग पूछते हैं . . .
मैं क्यों करूँ मेहनत के काम?
“मैंने तो मेहनत का काम करने की कभी सोची ही नहीं। मुझे तो कंप्यूटर पर काम करना ज़्यादा अच्छा लगता है।”—नेथन।
“हम जैसे मेहनत का काम करनेवालों को कुछ बच्चे नीची नज़र से देखते हैं, मानो इसके अलावा कुछ और करने का हमारे पास दिमाग ही नहीं है।”—सॆरा।
मेहनत के काम को बहुत से लोग उबाऊ और गंदा समझते हैं और उसे ज़रा भी पसंद नहीं करते। मेहनत-मज़दूरी के कामों के बारे में अर्थशास्त्र के एक प्रोफेसर कहते हैं: “आजकल जहाँ समाज में रुतबे को काफी तवज्जह दी जाती है, वहीं मेहनत के कामों की कोई कदर नहीं करता।” इसलिए इसमें हैरानी नहीं कि मेहनत के काम की बात आते ही, बहुत-से जवान नाक-भौं सिकोड़ लेते हैं।
मगर कड़ी मेहनत के बारे में बाइबल एकदम अलग नज़रिया रखने का बढ़ावा देती है। राजा सुलैमान ने कहा: “मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं।” (सभोपदेशक 2:24) बाइबल के ज़माने में इस्राएलियों की ज़िंदगी खासकर खेती-बाड़ी पर टिकी थी। हल जोतने, फसल काटने और अनाज रौंदने में खून-पसीना एक करना पड़ता था। फिर भी, सुलैमान ने कहा कि परिश्रम करने से भरपूर आशीषें मिल सकती हैं।
सदियों बाद प्रेरित पौलुस ने कहा: “चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; बरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे।” (इफिसियों 4:28) खुद पौलुस ने भी मेहनत-मज़दूरी की थी। बहुत पढ़ा-लिखा होने के बावजूद, उसने अपनी गुज़र-बसर के लिए कभी-कभी तंबू बनाने का काम भी किया।—प्रेरितों 18:1-3.
मेहनत का काम करने के बारे में आपका क्या खयाल है? आपको चाहे यह बात मालूम हो या न हो, मगर ऐसे कामों से आपको कई तरीके से फायदे हो सकते हैं।
आगे ज़िंदगी में काम आनेवाली ट्रेनिंग
मेहनत के कामों में अपनी ताकत लगाने से शरीर स्वस्थ रहता है, फिर चाहे वह हथौड़ा मारने का काम हो या घास
काटने का। लेकिन इनसे चुस्त-दुरुस्त रहने के अलावा और भी कई फायदे मिलते हैं। क्या आप जानते हैं, टायर पंक्चर हो जाए तो दूसरा टायर कैसे लगाया जाता है या गाड़ी में तेल कैसे बदला जाता है? क्या आप टूटी हुई खिड़की या जाम हुई मोरी को ठीक कर सकते हैं? क्या आप खाना पकाना जानते हैं? क्या आप गुसलखाना अच्छी तरह साफ करके चमका सकते हैं? हर लड़के-लड़की को ऐसे हुनर आने चाहिए क्योंकि एक-न-एक-दिन जब उन्हें अपने बलबूते जीना पड़ेगा तब यही हुनर उनके बहुत काम आएँगे।दिलचस्पी की बात है कि जब यीशु मसीह धरती पर था तो उसने भी कुछ काम सीखे और उनमें महारत हासिल की। उसने बढ़ई का काम सीखा था। बेशक उसने यह पेशा अपने दत्तक पिता, यूसुफ से सीखा होगा इसलिए वह बढ़ई कहलाया। (मत्ती 13:55; मरकुस 6:3) आप भी अपने हाथों से तरह-तरह की कारीगरी सीख सकते हैं, जिनसे आपको बड़ा फायदा होगा।
शख्सियत निखारना
कड़ी मेहनत करने से खुद के बारे में आपका नज़रिया बदल सकता है। अमरीका के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षा केंद्र को लिखते वक्त डॉ. फ्रेड प्रोवेंज़ानो ने कहा कि मेहनत के काम सीखने से आप पहले से ज़्यादा “आत्म-निर्भर बनते हैं और मोटे तौर पर आपका आत्म-विश्वास बढ़ता है” और “आप खुद को अनुशासित करना और हर काम सलीके से करना सीखते हैं। इन्हीं बुनियादी बातों के बल पर आप अपनी नौकरी में कामयाब हो सकेंगे।” जॉन नाम का एक नौजवान कहता है: “मेहनत के काम करने से हम अपने आपमें धीरज का गुण बढ़ाते हैं। समस्याएँ उठने पर हम उनसे निपटना सीखते हैं।”
सॆरा जिसका पहले ज़िक्र किया गया, बताती है: “मेहनत के कामों ने मुझे परिश्रमी बनना सिखाया। मैंने तन और मन दोनों को अनुशासन में रखना सीखा।” क्या मेहनत का काम हमेशा उबाऊ होता है? नेथन कहता है: “मैंने मेहनत के काम करने से खुशी पाना सीखा। जैसे-जैसे मैं अपना हुनर बढ़ाता गया, मैंने देखा कि मैं और भी अच्छा काम कर पा रहा हूँ। इससे खुद पर मेरा भरोसा बढ़ा।”
मेहनत से किया गया कोई काम निपटाने पर बड़ी खुशी भी मिलती है। नौजवान जेम्स अपने विचार इस तरह ज़ाहिर करता है: “मुझे बढ़ई का काम करने में बड़ा मज़ा आता है। बेशक यह काम कभी-कभी मुझे थका देता है, लेकिन जब मैं अपने हाथों की बनायी हुई चीज़ें देखता हूँ तो बड़ा सुकून मिलता है कि उन्हें मैंने बनाया है।” ब्रायन भी कुछ ऐसा ही महसूस करता है। “मुझे मोटर-गाड़ियों का काम बहुत पसंद है। यह एहसास कि मैं बिगड़ी और टूटी हुई चीज़ें फिर से नयी जैसी बना सकता हूँ, मुझमें विश्वास जगाता और संतोष पैदा करता है।”
पवित्र सेवा
जो मसीही जवान कड़ी मेहनत कर सकते हैं, वे परमेश्वर की और भी ज़्यादा सेवा कर सकते हैं। जब राजा सुलैमान को यहोवा के लिए एक शानदार मंदिर बनाने का काम सौंपा गया, तो वह जानता था कि इसमें बहुत मेहनत और कारीगरी की ज़रूरत पड़ेगी। बाइबल कहती है: “राजा सुलैमान ने सोर से हीराम को बुलवा भेजा। वह नप्ताली के गोत्र की किसी बिधवा का बेटा था, और उसका पिता एक सोरवासी ठठेरा था, और वह पीतल की सब प्रकार की कारीगरी में पूरी बुद्धि, निपुणता और समझ रखता था। सो वह राजा सुलैमान के पास आकर उसका सब काम करने लगा।”—1 राजा 7:13, 14.
हीराम के लिए यह कितने बड़े सम्मान की बात थी कि वह यहोवा की उपासना को बढ़ावा देने के लिए अपने हुनर का इस्तेमाल करे! हीराम का अनुभव, बाइबल के इन शब्दों की सच्चाई उजागर करता है, जो नीतिवचन 22:29 में दर्ज़ है: “यदि तू ऐसा पुरुष देखे जो कामकाज में निपुण हो, तो वह राजाओं के सम्मुख खड़ा होगा; छोटे लोगों के सम्मुख नहीं।”
आज कुछ ऐसे जवानों को भी राज्य घर के निर्माण में भाग लेने का मौका मिला है, जिन्हें इस काम का कोई खास या ज़रा भी तजुर्बा नहीं था। इस तरह की निर्माण योजनाओं में हाथ बँटाने की वजह से कुछ जवानों ने ऐसे पेशे सीखे हैं जो आगे चलकर उनके काम आएँगे, जैसे बिजली का काम, नलसाज़ी, राज मिस्तरी और बढ़ई का काम। शायद आप भी अपनी कलीसिया के प्राचीन से बात कर सकते हैं कि आप राज्य घर के निर्माण काम में हिस्सा लेना चाहते हैं।
जेम्स ने कई राज्य घर बनाने में हिस्सा लिया है। वह कहता है: “हो सकता है कि कलीसिया में कई लोगों के पास मदद करने के लिए समय या खास हुनर न हो। इसलिए राज्य घर बनाने में अगर आप हाथ बँटाएँगे तो आप पूरी कलीसिया की मदद कर रहे होंगे।” नेथन जिसने कंक्रीट का काम सीखा, उसने पाया कि इस कौशल की वजह से परमेश्वर की सेवा करने का एक और द्वार उसके सामने खुला है। वह अपने बीते समय को याद करते हुए कहता है: “मुझे ज़िम्बाबवे जाने का मौका मिला और वहाँ मैंने अपना कौशल यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर को बनाने में लगाया। मैंने वहाँ तीन महीने काम किया, जो मेरी ज़िंदगी का एक सबसे बेहतरीन अनुभव है।” कुछ नौजवानों ने अपने देश में यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर में स्वयंसेवकों के तौर पर काम करने के लिए अर्ज़ी भरी है। कड़ी मेहनत करने की इच्छा रखने की वजह से ही उनके दिल ने उन्हें ऐसा करने के लिए उभारा।
मेहनत के कामों में महारत हासिल करने से आप कुछ हद तक “आत्म-निर्भर” भी हो सकते हैं। (1 तीमुथियुस 6:6, NW) यहोवा के साक्षियों के बहुत-से नौजवान, पायनियर यानी पूरे समय के प्रचारक के तौर पर सेवा करते हैं। इनमें से कुछ जवान कोई पेशा सीखने की वजह से अपना खर्च खुद उठा पाते हैं, जिसके लिए उन्हें आगे की पढ़ाई में बहुत ज़्यादा समय या पैसा लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ी।
कैसे सीखें
आप चाहे कारोबार के इरादे से या घर के छोटे-मोटे काम निपटाने की गरज़ से मेहनत का कोई काम सीखें, पर इससे आपको फायदा ज़रूर होगा। शायद आपके स्कूल में ऐसा कोई पेशा सिखाया जाता हो। या हो सकता है, आपको अपने ही घर में कुछ ट्रेनिंग मिल जाए। कैसे? घर के काम-काज सीखने के ज़रिए। डॉ. प्रोवेंज़ानो जिनका पहले भी ज़िक्र किया गया, लिखते हैं: “घर के काम-काज खासकर किशोरों के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं क्योंकि ये बुनियादी काम-काज उन्हें ‘ज़िंदा रहने के ऐसे हुनर’ सिखाते हैं, जो उनके तब काम आएँगे जब वे अपने माँ-बाप से अलग रहना शुरू करेंगे। इसलिए घर का कोई भी छोटा-मोटा काम करने को हरदम तैयार रहिए। देखिए क्या बागीचे में घास काटने की ज़रूरत है, या टूटे शैल्फ को दुरुस्त करना है?
मेहनत का काम करने से आप छोटे नहीं हो जाते, बल्कि आपको कई तरीकों से फायदा ही होता है। मेहनत का काम करने से जी मत चुराइए! इसके बजाय कड़ी मेहनत से ‘सुख’ पाने की कोशिश कीजिए क्योंकि जैसा सभोपदेशक 3:13 कहता है, “यह भी परमेश्वर का दान है।” (g05 3/22)
[पेज 21 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
कोई पेशा सीखने की वजह से कई जवानों को परमेश्वर की सेवा में ज़्यादा करने का मौका मिला है
[पेज 22 पर तसवीर]
अकसर माता-पिता आपको बुनियादी हुनर सिखा सकते हैं