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अच्छी सलाह की तलाश कीजिए

अच्छी सलाह की तलाश कीजिए

कदम 1

अच्छी सलाह की तलाश कीजिए

यह कदम उठाना क्यों ज़रूरी है? माँ-बाप जब पहली बार अपने नए जन्मे बच्चे को अपनी गोद में उठाते हैं, तो उनमें खुशी और डर जैसी भावनाओं का सागर उमड़ पड़ता है। ब्रिटेन का रहनेवाला एक पिता, ब्रेट कहता है: “मेरी खुशी का कोई ठिकाना न था और मैं बस अपने बच्चे को देखता ही रह गया। लेकिन अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि पिता बनना कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी है। मुझे ऐसा लगा मानो मैं इसके लिए तैयार नहीं हूँ।” अर्जेंटाइना की रहनेवाली एक माँ, मोनिका कहती है: “मेरे मन में न जाने कितने ही सवाल घुमड़ने लगे। ‘क्या मैं अपनी नन्ही-सी गुड़िया की ज़रूरतों को पूरा कर पाऊँगी? क्या मैं उसे एक ज़िम्मेदार इंसान बना पाऊँगी?’”

ऊपर बतायी माँ और पिता ने जो खुशी और डर ज़ाहिर किया, क्या आप उसे महसूस कर सकते हैं? वाकई, बच्चों को पालना उन कामों में से एक है, जिनमें इंसानों का पूरा समय और पूरी ताकत खर्च हो जाती है, मगर साथ ही उन्हें संतोष भी मिलता है। इसमें उन्हें कई बार निराशा हाथ लगती है, फिर भी आगे चलकर उन्हें ढेर सारी खुशियाँ मिलती हैं। जैसे एक पिता का कहना है, बच्चे की ज़िंदगी में उसका बचपन सिर्फ एक ही बार आता है; इसलिए अगर उसकी परवरिश में माता-पिता की तरफ से कोई कमी रह जाए, तो इसका खमियाज़ा उसे उम्र-भर उठाना पड़ सकता है। बच्चों की सेहत और खुशी का दारोमदार काफी हद तक उनके माता-पिता पर होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, आप शायद महसूस करें कि एक अच्छे माता-पिता बनने के लिए आपको भरोसेमंद सलाह की सख्त ज़रूरत है।

चुनौतियाँ: बच्चों को कैसे पालना है, इस बारे में सलाह देनेवालों की आज कोई कमी नहीं है। बीते ज़माने में जब एक जोड़ा पहली बार माँ-बाप बनता था, तो वह या तो अपने माता-पिता की मिसाल पर चलकर या फिर, अपनी धार्मिक शिक्षाओं के मुताबिक अपने बच्चे की परवरिश करता था। लेकिन आजकल, कई देशों में परिवार टूटते जा रहे हैं और धर्म का भी लोगों पर पहले जैसा दबदबा नहीं रहा है। नतीजा, बहुत-से माता-पिता ऐसे पेशेवर विशेषज्ञों के पास जाने लगे हैं, जो बच्चों के पालन-पोषण के बारे में सलाह देते हैं। इन विशेषज्ञों की कुछ सलाहें तो सही सिद्धांतों पर आधारित होती हैं। मगर उनकी ज़्यादातर सलाहें आपस में बिलकुल भी मेल नहीं खाती हैं और वे शायद जल्द ही पुरानी हो जाएँ।

हल: ज़िंदगी देनेवाले परमेश्‍वर यहोवा से सलाह लीजिए, क्योंकि वही सबसे अच्छी तरह जानता है कि बच्चों की परवरिश कैसे की जानी चाहिए। (प्रेरितों 17:26-28) उसके वचन, बाइबल में ऐसी साफ-साफ सलाहें और कारगर मिसालें दी गयी हैं, जो आपको एक अच्छे माँ-बाप बनने में मदद दे सकती हैं। यहोवा वादा करता है: “मैं तुझे सलाह दूँगा, मेरी नज़र तुझ पर होगी।”—भजन 32:8, किताब-ए-मुकद्दस।

परमेश्‍वर, माता-पिताओं को क्या सलाह देता है, जिससे उन्हें अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करने और उन्हें खुश रखने में मदद मिले? (8/07)

[पेज 3 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

“तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।”—नीतिवचन 3:5