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अपना अधिकार जताइए

अपना अधिकार जताइए

कदम 3

अपना अधिकार जताइए

यह कदम उठाना क्यों ज़रूरी है? पत्रिका माता-पिता (अँग्रेज़ी) कहती है कि अध्ययन के मुताबिक, “जो माँ-बाप प्यार से अपना अधिकार जताते हैं, यानी अपने बच्चों की देखभाल करने के साथ-साथ उनके संग सख्ती भी बरतते हैं, उनके बच्चे होनहार निकलते हैं। वे पढ़ाई में अव्वल होते हैं, दूसरों के साथ आसानी से घुल-मिल जाते हैं, खुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं और ज़्यादा खुश रहते हैं। दूसरी तरफ, जो माता-पिता हद-से-ज़्यादा ढील देते या सख्ती बरतते हैं, उनके बच्चों में ये सारे अच्छे गुण नहीं होते।”

चुनौतियाँ: आपके बच्चे छुटपन से लेकर किशोर उम्र तक, कई बार आपके अधिकार को मानने से इनकार करेंगे। माता-पिता का अधिकार! (अँग्रेज़ी) किताब के लेखक, जॉन रोज़मॉन्ड कहते हैं: “बच्चे फौरन भाँप लेते हैं कि कब उनके माता-पिता अपना अधिकार जताने से झिझक रहे हैं और कब वे उनसे अपनी बात मनवा सकते हैं।” रोज़मॉन्ड आगे कहते हैं: “अगर माता-पिता अपने बच्चों को काबू में नहीं रखेंगे, तो बच्चे उनके सिर पर चढ़ जाएँगे।”

हल: इस बात की चिंता मत कीजिए कि अपना अधिकार जताने से, आप अपने बच्चों को खुद से दूर कर रहे होंगे या उन्हें दब्बू बना रहे होंगे। याद रखिए कि परिवार की शुरूआत करनेवाले, यहोवा परमेश्‍वर ने यह कभी नहीं चाहा कि बच्चों को यह फैसला करने का अधिकार दिया जाए कि परिवार को कैसे चलाया जाना है। इसके बजाय, यहोवा ने यह अधिकार माता-पिता को दिया है और बच्चों को हुक्म दिया है: ‘अपने माता-पिता के आज्ञाकारी बने रहो।’—इफिसियों 3:14,15; 6:1-4.

आप एक तानाशाह बने बगैर अपना अधिकार जता सकते हैं। कैसे? यहोवा की मिसाल पर चलकर। उसके पास इतनी शक्‍ति है कि वह चाहे तो इंसानों पर, जो उसके बच्चे हैं, ज़बरदस्ती अपनी मरज़ी थोप सकता है। पर वह ऐसा नहीं करता, बल्कि हमारी अच्छाइयों की बिना पर हमसे गुज़ारिश करता है: “भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान [होती]।” (यशायाह 48:18) यहोवा नहीं चाहता है कि हम उससे खौफ खाकर उसकी आज्ञा मानें। इसके बजाय, वह चाहता है कि हम उससे प्यार करें और इसी वजह से उसकी आज्ञाओं पर चलें। (1 यूहन्‍ना 5:3) वह हमसे हद-से-ज़्यादा की माँग नहीं करता। साथ ही, वह यह भी जानता है कि अगर हम उसके नैतिक स्तरों के मुताबिक जीएँगे, तो इससे हमें ही फायदा होगा।—भजन 19:7-11.

आप अपने अंदर अधिकार का सही इस्तेमाल करने का आत्म-विश्‍वास कैसे पैदा कर सकते हैं? पहली बात, आपको यकीन रखने की ज़रूरत है कि परमेश्‍वर चाहता है कि आप अपना अधिकार जताएँ। दूसरी बात, आपको यह भी यकीन रखने की ज़रूरत है कि परमेश्‍वर के नैतिक स्तरों के मुताबिक जीने में ही आपकी और आपके बच्चों की भलाई है।—रोमियों 12:2.

अपना अधिकार जताने के लिए, आपको खासकर क्या करने की ज़रूरत है? (8/07)

[पेज 5 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

“अपने पुत्र को अनुशासन में रख, तब . . . वह तेरे हृदय को आनन्द देगा।”—नीतिवचन 29:17, नयी हिन्दी बाइबिल