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बहुत जल्द, जुर्म “रहेगा ही नहीं”

बहुत जल्द, जुर्म “रहेगा ही नहीं”

बहुत जल्द, जुर्म “रहेगा ही नहीं”

“थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं।”—भजन 37:10.

हमारे सिरजनहार, यहोवा परमेश्‍वर को अपने हाथों की रचना, इंसानों में गहरी दिलचस्पी है। वह हमसे दूर-दूर रहनेवाला बेपरवाह परमेश्‍वर नहीं है, जैसे कि कुछ लोगों का मानना है। (भजन 11:4, 5) और-तो-और, वह दुनिया में हो रहे सभी जुर्म और नाइंसाफी को देख रहा है। यहाँ तक कि ऐसे अपराध को भी, जिनसे इंसान बेखबर हैं। बाइबल कहती है: “यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं।” (नीतिवचन 15:3) इसलिए यकीन रखिए कि दुष्ट सचमुच “फिसलनेवाले स्थानों में” हैं।—भजन 73:12, 18.

दूसरी तरफ, नैतिक रूप से खरे और धर्मी लोगों के लिए एक बढ़िया आशा है, फिर चाहे वे गरीबी में जी रहे हों या ज़ुल्मों के शिकार हो रहे हों। भजनहार दाऊद ने लिखा: “खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहनेवाले पुरुष का अन्तफल अच्छा है।” (भजन 37:37) इन शब्दों से खासकर आज हमें दिलासा मिल सकता है। क्योंकि बहुत जल्द हम इन शब्दों को पूरा होते देखनेवाले हैं।

हम अंतिम दिनों में जी रहे हैं

आज से करीब 2,000 साल पहले, यीशु मसीह के चेलों ने उससे भविष्य के बारे में एक सवाल पूछा था: “हम से कह कि . . . जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (मत्ती 24:3) इस पर यीशु ने उन्हें कुछ बारीक जानकारी दी, जो बाइबल की सुसमाचार किताब, मत्ती के अध्याय 24, मरकुस के अध्याय 13 और लूका के अध्याय 21 में दर्ज़ है। ये तीनों ऐसी किताबें हैं कि अगर किसी विषय पर एक में कोई जानकारी नहीं दी गयी है, तो दूसरी में वह जानकारी देकर उसकी पूरी तसवीर पेश की गयी है। इन ब्यौरों में बताया गया है कि आज हम जिन अंतिम दिनों में जी रहे हैं, उनमें युद्ध, अकाल, महामारियाँ और भूकंप होंगे। साथ ही, अधर्म बड़े पैमाने पर बढ़ जाएगा।

यीशु ने जिन मुश्‍किल हालात के बारे में भविष्यवाणी की थी, वही हालात सन्‌ 1914 से देखने को मिल रहे हैं। इतिहासकार, ऐरिक हौबस्बौम ने अपनी किताब एज ऑफ एक्स्ट्रीम्स (जिसमें यह बताया गया है कि इस दौर में कैसे सबकुछ हद पार कर गया है) में लिखा कि 20वीं सदी “अब तक की सबसे खूनी सदी रही है।”

दुनिया के कोने-कोने तक फैली बुराई के बारे में बाइबल कहती है: “दुष्ट जो घास की नाईं फूलते-फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएं।” (भजन 92:7) जी हाँ, अधर्म का बढ़ना इस बात का सबूत है कि दुष्टों का नाश बहुत करीब है! है ना यह एक खुशखबरी?—2 पतरस 3:7.

“धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे”

भजन 37:29 कहता है: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” उस वक्‍त हर तरह का जुर्म और नाइंसाफी, सब बीती बातें बनकर रह जाएँगे। इसलिए अपराध से जुड़ी बातों का भी नामो-निशान मिट जाएगा। जैसे खिड़की-दरवाज़ों पर लगी ग्रिल, ताले, कोर्ट-कचहरी, वकील, पुलिस और जेल। बाइबल वादा करती है: “पुरानी बातें भुला दी जायेंगी, उन्हें कोई याद नहीं करेगा।”—यशायाह 65:17, बुल्के बाइबिल।

जी हाँ, धरती और इंसानी समाज की ऐसी कायापलट हो जाएगी, जैसी पहले कभी नहीं हुई थी। (यशायाह 11:9; 2 पतरस 3:13) यहोवा के साक्षियों को पक्का यकीन है कि उनकी यह आशा बहुत जल्द पूरी होगी। उन्हें इतना यकीन क्यों है, इस बारे में जाँच-पड़ताल करने के लिए वे आपको न्यौता देते हैं। याद रखिए कि जिस हस्ती ने पवित्र शास्त्र लिखवाया है, वह कभी ‘झूठ नहीं बोल सकता।’—तीतुस 1:2. (g 2/08)

[पेज 9 पर बक्स/तसवीर]

परमेश्‍वर और उसके मकसद जानने में कैदियों को मदद

अमरीका में, सालों से यहोवा के साक्षियों को 4,169 जेलों, कैदियों के सरकारी अस्पतालों और ड्रग्स लेनेवालों के सुधार-केंद्रों से कई चिट्ठियाँ मिलती आयी हैं। कुछ चिट्ठियों में बाइबल साहित्य के लिए, तो कुछ में बाइबल अध्ययन के लिए गुज़ारिश की जाती है। जो लोग यह गुज़ारिश करते हैं, उनसे काबिल साक्षी संपर्क करते हैं। दरअसल, दुनिया-भर में यहोवा के साक्षी बाकायदा जेलों में जाते हैं और ऐसे स्त्री-पुरुषों को बाइबल अध्ययन कराते हैं, जो परमेश्‍वर को जानने की इच्छा ज़ाहिर करते हैं। इन कैदियों में से कइयों ने अपनी शख्सियत में बड़ा बदलाव किया है और बपतिस्मा लेकर मसीही बन गए हैं। अब वे कानून को माननेवाले नागरिक बनकर ज़िंदगी जी रहे हैं।