एक टीचर का बदला नज़रिया
एक टीचर का बदला नज़रिया
◼ कुछ साल पहले जॉर्जिया देश के बतुमी शहर में एक टीचर ने अपनी कक्षा के बच्चों से बाइबल के दस नियम बताने को कहा। टीचर यह देखकर हैरान रह गयी कि उसकी कक्षा की एक लड़की आन्ना ने वे नियम बिलकुल सही-सही बताए। आन्ना ने बाइबल के दूसरे सवालों के जवाब भी बड़े लाजवाब ढंग से दिए। इस पर टीचर ने उससे पूछा कि उसे बाइबल की इतनी सारी जानकारी कहाँ से मिली? आन्ना ने बताया कि उसने ये बातें यहोवा के साक्षियों से सीखी हैं। यह सुनते ही टीचर ने आन्ना की बात बीच में काटते हुए कहा कि यहोवा के साक्षी बड़े कट्टरपंथी होते हैं।
एक बार उस टीचर ने बच्चों से जॉर्जिया के लोगों की ज़िंदगी और वह देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा था, उस पर एक निबंध लिखने को कहा। आन्ना ने अपने निबंध के आखिर में लिखा: “समाज की बुराइयों को जड़ से मिटाने के लिए इंसान चाहे एड़ी चोटी का ज़ोर लगा ले, मगर वह कामयाब नहीं हो सकता। क्योंकि यिर्मयाह 10:23 कहता है: ‘मनुष्य का मार्ग उसके वश में नहीं है, मनुष्य चलता तो है, परन्तु उसके डग उसके अधीन नहीं हैं।’ दुनिया की सारी समस्याएँ सिर्फ परमेश्वर के राज के ज़रिए ही खत्म हो सकती हैं।”
अगले दिन उस टीचर ने कक्षा में आन्ना के निबंध की तारीफ की और कहा: “मुझे आन्ना का निबंध पढ़ने में बड़ा मज़ा आया। यह बिलकुल अलग था, जिसे उसने अपने शब्दों में लिखा था। इस निबंध में उसने बताया कि दुनिया की हालत कैसे सुधर सकती है।” उस टीचर पर आन्ना के चालचलन का भी काफी अच्छा असर हुआ। उसने पूरी कक्षा के सामने आन्ना के अच्छे तौर-तरीके और शालीन पहनावे की तारीफ की।
जब यहोवा के साक्षी उस टीचर के घर गए तो उसने बताया कि पहले वह उन्हें कट्टरपंथी समझती थी, लेकिन उसकी एक विद्यार्थी आन्ना की वजह से अब उसका नज़रिया बदल गया है। सन् 2007 में, वह टीचर यहोवा के साक्षियों के साथ यीशु की मौत के स्मारक में हाज़िर हुई और पूरा कार्यक्रम बड़े ध्यान से सुना।
स्मारक के बाद टीचर ने कबूल किया कि यहोवा के साक्षियों को वाकई बाइबल की अच्छी समझ है। अब यहोवा के साक्षी उसके साथ नियमित तौर पर बाइबल अध्ययन कर रहे हैं। बेशक, इस टीचर की तरह आप भी खुले विचारों के हैं, तभी तो आपने दूसरों के विश्वास और उनके व्यवहार के बारे में जानने की इच्छा दिखायी। तो क्यों न आप किसी यहोवा के साक्षी से गुज़ारिश करें कि वह आपके घर आकर आपको मुफ्त बाइबल अध्ययन कराए? (g 3/09)
[पेज 9 पर तसवीर]
आन्ना निबंध लिखते हुए