मैं अपनी बाइबल पढ़ाई मज़ेदार कैसे बनाऊँ?
नौजवान पूछते हैं
मैं अपनी बाइबल पढ़ाई मज़ेदार कैसे बनाऊँ?
आप बाइबल कितनी बार पढ़ते हैं? (एक पर निशान लगाइए)
❑ हर रोज़
❑ हफ्ते में एक बार
❑ या फिर .....
नीचे दिया वाक्य पूरा कीजिए।
मैं बाइबल पढ़ना इसलिए पसंद नहीं करता क्योंकि अकसर . . . (निशान लगाइए)
❑ मैं बोर हो जाता हूँ
❑ मेरी समझ में नहीं आता
❑ मेरा ध्यान भटक जाता है
❑ या फिर .....
क्या बाइबल पढ़ने में आपको मज़ा नहीं आता? अगर ऐसा है तो आप 18 साल के विल से सहमत होंगे जो कहता है: “बाइबल पढ़ना बोरिंग हो सकता है।” लेकिन वह यह भी कहता है: “सिर्फ तभी जब आप नहीं जानते कि उसे कैसे पढ़ना है।”
बाइबल कैसे पढ़नी है यह सीखना क्यों ज़रूरी है? अच्छा यह बताइए क्या आप जानना चाहेंगे कि
◼ सही फैसले कैसे लें?
◼ सच्चे दोस्त कैसे बनाएँ?
◼ तनाव पर कैसे काबू पाएँ?
बाइबल में इन पर और ऐसे ही दूसरे विषयों पर बहुत-सी बेशकीमती जानकारी दी गयी है। माना कि इसे ढूँढ़ निकालने में काफी मेहनत लगती है। मगर यह ऐसा है, मानो आप कोई अनमोल खज़ाना ढूँढ़ रहे हों: उसे ढूँढ़ने में आप जितनी ज़्यादा मेहनत करेंगे, उसे पाने पर आपको उतनी ही ज़्यादा खुशी मिलेगी।—नीतिवचन 2:1-6.
आप बाइबल से खज़ाना कैसे ढूँढ़ सकते हैं? यहाँ दायीं तरफ दिए बक्स से आपको पता चलेगा कि बाइबल कैसे पढ़नी चाहिए और अगले पेज पर दिए बक्स में बताया गया है कि आप बाइबल किस क्रम में पढ़ सकते हैं। इसके अलावा, अगले पेज पर दिए इन सुझावों पर भी गौर कीजिए, जो आपको पसंद हैं।
अगर आपके लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करना मुमकिन है तो आप www.watchtower.org वेब साइट पर अलग-अलग भाषाओं में बाइबल पढ़ सकते हैं।
“नौजवान पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.watchtower.org/ype पर उपलब्ध हैं।
इस बारे में सोचिए
कहा जाता है कि आप जितना गुड़ डालेंगे उतना ही मीठा होगा।
◼ बाइबल पढ़ाई के मामले में यह कितना सच है?
◼ आप निजी बाइबल पढ़ाई के लिए कब समय निकाल सकते हैं?
[पेज 13 पर बक्स/तसवीर]
बाइबल कैसे पढ़ें
पढ़ने से पहले . . .
◼ ध्यान रखिए कि माहौल शांत हो ताकि आप मन लगाकर पढ़ाई कर सकें।
◼ अच्छी तरह समझने के लिए प्रार्थना कीजिए।
पढ़ते वक्त . . .
◼ बाइबल की घटनाएँ सजीव बनाने के लिए नक्शों और तसवीरों का इस्तेमाल कीजिए।
◼ हालात पर ध्यान दीजिए और बारीकियों को जाँचिए।
◼ फुटनोट और क्रॉसरेफ्रेंस हैं तो देखिए।
◼ खुद से ये सवाल पूछिए:
जानकारी: यह कब हुआ? ये बातें किसने कहीं? और किससे कहीं?
मतलब: यह बात मैं दूसरों को कैसे समझा सकता हूँ?
अहमियत: परमेश्वर यहोवा ने यह घटना अपने वचन में क्यों दर्ज़ करवायी? इससे यहोवा की शख्सियत और उसके काम करने के तरीके के बारे में क्या पता चलता है? इससे सीखी कौन-सी बातें मैं लागू कर सकता हूँ?
पढ़ने के बाद . . .
◼ और खोजबीन कीजिए। यहोवा के साक्षियों के दूसरे साहित्य, जैसे इनसाइट ऑन द स्क्रिप्चर्स और “ऑल स्क्रिप्चर्स इज इन्सपायर्ड ऑफ गॉड एन्ड बेनिफिशयल” अगर आपकी भाषा में हैं तो उनका इस्तेमाल कीजिए।
◼ फिर से प्रार्थना कीजिए। यहोवा को बताइए कि आपने क्या सीखा और आप उसे कैसे लागू करने की सोच रहे हैं। उसके वचन बाइबल के लिए उसका धन्यवाद कीजिए।
[पेज 14 पर बक्स/तसवीर]
आप बाइबल किस क्रम में पढ़ेंगे?
तरीके . . .
❑ शुरू से आखिर तक पढ़िए।
❑ बाइबल की घटनाएँ जिस क्रम में घटीं या उसकी किताबें जिस क्रम में लिखी गयीं, उसके मुताबिक पढ़िए।
❑ हर दिन बाइबल के अलग-अलग भाग पढ़िए।
सोमवार: सनसनीखेज़ इतिहास (उत्पत्ति से एस्तेर)
मंगलवार: यीशु का जीवन और शिक्षाएँ (मत्ती से यूहन्ना)
बुधवार: मसीहियत की शुरुआत (प्रेषितों)
गुरुवार: भविष्यवाणी और नैतिक मार्गदर्शन (यशायाह से मलाकी, प्रकाशितवाक्य)
शुक्रवार: दिल छू लेनेवाली कविताएँ और गीत (अय्यूब, भजन, श्रेष्ठगीत)
शनिवार: अच्छी तरह जीने के लिए बुद्धि (नीतिवचन, सभोपदेशक)
रविवार: मंडली को लिखे खत (रोमियों से यहूदा)
आप चाहे जो भी तरीका इस्तेमाल करें, इस बात का ध्यान रखिए कि आपने क्या और कहाँ तक पढ़ा है। पढ़ाई के बाद आप ✔ का निशान लगाकर या किसी और तरीके से उसे याद रख सकते हैं।
इसे काटकर अपनी बाइबल में रख लीजिए।
[पेज 14 पर बक्स/रेखाचित्र]
बाइबल की घटनाओं को जीता-जागता बनाइए!
जो आप पढ़ते हैं उसमें पूरी तरह डूब जाइए। उदाहरण के लिए:
❑ उसमें बताए किसी परिवार के सदस्यों के नामों का चार्ट बनाइए।
❑ रेखा चित्र खींचिए। मिसाल के लिए, आप जिस वफादार किरदार के बारे में पढ़ते हैं, बताइए कि वह किन गुणों के लिए मशहूर था और उसे कौन-सी आशीषें मिलीं।—नीतिवचन 28:20.
[रेखाचित्र]
परमेश्वर का मित्र
↑ आज्ञा माननेवाला
↑ वफादार
↑ ↑
अब्राहम
❑ किसी घटना की तसवीरें बनाइए।
❑ एक घटना किस क्रम में घटी उसके अलग-अलग पहलुओं की साधारण-सी तसवीरें बनाइए। लिखिए कि हर तसवीर में क्या हो रहा है।
❑ किसी चीज़ का एक छोटा नमूना बनाइए, जैसे नूह के जहाज़ का।—मदद के लिए जनवरी 2007 की सजग होइए! (अँग्रेज़ी) का पेज 22 देखिए।
❑ दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ ज़ोर से पढ़िए। सुझाव: एक से कहिए कि वह कहानीकार की भूमिका अदा करे। बाकी लोग दूसरे किरदारों की भूमिका अदा कर सकते हैं।
❑ कोई घटना चुनिए और उसे समाचार के तौर पर पेश कीजिए। घटना के खास किरदारों और चश्मदीद गवाहों के “इंटरव्यू” लेने के ज़रिए उसके अलग-अलग पहलुओं को उजागर कीजिए।
❑ ऐसी घटना लीजिए जिसमें किरदार ने गलत फैसला किया और सोचिए कि वह और क्या कदम उठा सकता था! मसलन, इस वाकये पर गौर कीजिए जब पतरस ने यीशु का इनकार किया था। (मरकुस 14:66-72) दबाव के बावजूद पतरस कैसे बेहतर जवाब दे सकता था?
❑ बाइबल के नाटकों की रिकॉर्डिंग देखिए और सुनिए।
❑ बाइबल की किसी घटना पर खुद नाटक लिखिए। यह भी लिखिए कि उससे क्या सबक सीखे जा सकते हैं।—रोमियों 15:4.
तरकीब: अपने कुछ दोस्तों के साथ यह नाटक खेलिए।
[पेज 15 पर बक्स/तसवीर]
दिलचस्पी बढ़ाने के लिए
◼ एक लक्ष्य रखिए! नीचे लिखिए कि आप किस तारीख से बाइबल पढ़ाई का कार्यक्रम शुरू करना चाहते हैं।
.....
◼ बाइबल का वह भाग चुनिए जिसमें आपको दिलचस्पी हो। (“आप बाइबल किस क्रम में पढ़ेंगे?” बक्स देखिए।) फिर नीचे लिखिए कि आप सबसे पहले बाइबल का कौन-सा हिस्सा पढ़ना चाहेंगे।
.....
◼ शुरू-शुरू में कुछ मिनटों के लिए पढ़ाई कीजिए। अगर आप सिर्फ 15 मिनट भी पढ़ें तो काफी है, बजाय इसके कि बिलकुल भी न पढ़ें। नीचे लिखिए कि आप कितनी देर के लिए पढ़ाई करेंगे।
.....
सुझाव: अध्ययन के लिए एक अलग बाइबल रखिए। उसमें नोट्स लिखिए। उन आयतों पर निशान लगाइए जो खासकर आपके लिए मायने रखती हैं।
[पेज 15 पर बक्स/तसवीरें]
आपके हमउम्र क्या कहते हैं
“मैं हर रात बाइबल का कुछ हिस्सा पढ़ने की कोशिश करती हूँ। इससे मैं सोने से पहले कुछ अच्छी बातों पर सोच पाती हूँ।”—मेगन।
“मैं एक आयत पर 15 मिनट तक विचार करता हूँ। उसका हर एक फुटनोट और सभी क्रॉसरेफ्रेंस देखता हूँ। इसके अलावा, उस पर कुछ और भी खोजबीन करता हूँ। कभी-कभी तो 15 मिनट भी कम पड़ जाते हैं। मगर इस तरह पढ़ाई करने से कितनी सारी जानकारी मिलती है!”—कोरी।
“एक बार मैंने पूरी बाइबल दस महीने में पढ़ ली। इस रफ्तार से पढ़ने की वजह से मैं बाइबल के अलग-अलग भागों के बीच का ताल्लुक समझ पाया, जिस पर पहले मैंने कभी गौर नहीं किया था।”—जॉन।
[पेज 15 पर बक्स]
आप चुन लीजिए!
❑ एक घटना चुनिए। बाइबल असल ज़िंदगी की घटनाओं से भरी पड़ी है। कोई ऐसी घटना चुनिए जिसमें आपको दिलचस्पी हो और फिर उसे शुरू से आखिर तक पढ़िए।
सुझाव: किसी घटना से और ज़्यादा सीखने के लिए आप यहोवा के साक्षियों के ज़रिए प्रकाशित किताब युवाओं के प्रश्न—व्यावहारिक उत्तर भाग-2 (अँग्रेज़ी) का पेज 292 देख सकते हैं।
❑ खुशखबरी की एक किताब चुनिए। मत्ती (सबसे पहले लिखी खुशखबरी की किताब), मरकुस (इसमें घटनाएँ सनसनीखेज़ ढंग से लिखी गयीं), लूका (इसमें प्रार्थना और स्त्रियों पर खास ध्यान दिया गया है) या यूहन्ना (इसमें कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जो दूसरी खुशखबरी की किताबों में नहीं मिलतीं) पढ़िए।
सुझाव: पढ़ाई शुरू करने से पहले उस किताब और लेखक के बारे में थोड़ी जानकारी ले लीजिए, जिससे आपको बेहतर समझ मिल जाए कि खुशखबरी की यह किताब बाकी तीनों से कैसे अलग है।
❑ भजन चुनिए। उदाहरण के लिए:
अगर आप अकेलापन या दोस्तों की कमी महसूस करते हैं तो भजन 142 पढ़िए।
अगर आप अपनी ही कमज़ोरियों से निराश हो गए हैं तो भजन 51 पढ़िए।
अगर आपको परमेश्वर के स्तरों पर शक होने लगा है तो भजन 73 पढ़िए।
सुझाव: जिन भजनों से खासकर आपकी हिम्मत बढ़ी है उनकी सूची बना लीजिए।
[पेज 16 पर बक्स]
गहराई से जाँच कीजिए
◼ हालात पर ध्यान दीजिए। जाँचिए कि एक घटना कब, कहाँ और किस माहौल में घटी।
उदाहरण: यहेजकेल 14:14 पढ़िए। जब यहोवा ने अच्छी मिसाल रखनेवाले अपने सेवकों नूह और अय्यूब के साथ-साथ दानिय्येल का भी ज़िक्र किया, तब उसकी उम्र क्या थी?
सुराग: यहेजकेल का 14वाँ अध्याय तब लिखा गया था, जब दानिय्येल को बाबुल में लाए सिर्फ पाँच साल हुए थे और उस वक्त वह शायद एक किशोर था।
छिपा हुआ रत्न: क्या दानिय्येल इतना छोटा था कि यहोवा उसकी वफादारी पर गौर नहीं कर सकता था? उसने ऐसे कौन-से सही फैसले किए जिससे उसे आशीषें मिलीं? (दानिय्येल 1:8-17) दानिय्येल की मिसाल से आपको सही फैसले करने में कैसे मदद मिलेगी?
◼ बारीकियों को जाँचिए। किसी-किसी आयत में सिर्फ एक या दो शब्द भी मायने रखते हैं।
उदाहरण: मत्ती 28:7 और मरकुस 16:7 की तुलना कीजिए। मरकुस ने बाकी चेलों के साथ-साथ “पतरस” का ज़िक्र क्यों किया?
सुराग: मरकुस उन घटनाओं का चश्मदीद गवाह नहीं था, मगर उसे यह जानकारी पतरस से मिली थी।
छिपा हुआ रत्न: पतरस को इस बात से तसल्ली क्यों मिली होगी कि यीशु उससे दोबारा मिलना चाहता है? (मरकुस 14:66-72) यीशु ने कैसे साबित किया कि वह पतरस का सच्चा दोस्त है? आप कैसे यीशु की मिसाल पर चलकर दूसरों के सच्चे दोस्त बन सकते हैं?
◼ और खोजबीन कीजिए: ज़्यादा समझ हासिल करने के लिए दूसरे बाइबल साहित्य देखिए।
उदाहरण: मत्ती 2:7-15 पढ़िए। ज्योतिषी यीशु को देखने कब गए?
सुराग: जनवरी-मार्च 2008 की प्रहरीदुर्ग का पेज 31 देखिए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।
छिपा हुआ रत्न: कैसे पता चलता है कि यहोवा ने मिस्र में यीशु के परिवार की ज़रूरतें पूरी कीं? परमेश्वर पर भरोसा रखने से आप कैसे मुश्किल हालात का सामना कर सकते हैं?—मत्ती 6:33, 34. (g 4/09)