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सीटी “बात” करने का लाजवाब तरीका!

सीटी “बात” करने का लाजवाब तरीका!

सीटी “बात” करने का लाजवाब तरीका!

मैक्सिको में सजग होइए! लेखक द्वारा

मैक्सिको में वॉहॉकॉ की पर्वत चोटियों में रहनेवाले मॉसॉटेक लोगों के पास टेलीफोन या मोबाइल फोन की सुविधा नहीं है। इसके बावजूद वे दो किलोमीटर या उससे भी ज़्यादा की दूरी से एक-दूसरे से बात करते हैं, जैसे कि पहाड़ियों पर कॉफी के बागानों में काम करते वक्‍त। इसका राज़? बरसों पहले मॉसॉटेक लोगों ने अपनी भाषा के आधार पर सीटी बजाकर बातचीत करने का तरीका ईजाद किया। पेड्रो नाम का एक मॉसॉटेक नौजवान कहता है: “मॉसॉटेको अलग-अलग स्वर में बोली जानेवाली भाषा है। जब हम सीटी बजाते हैं तो हम अपनी बोली जानेवाली भाषा के अलग-अलग स्वर और ताल की नकल करते हैं। हम सिर्फ होंठों से सीटी बजाते हैं, ऊँगलियों का बिलकुल इस्तेमाल नहीं करते।” *

पेड्रो का दोस्त फीडेनस्यो सीटी भाषा के फायदे के बारे में बताता है: “हम सीटी बजाकर बातचीत तब करते हैं जब हम बहुत दूर होते हैं और हमें कम बात करनी होती है। मसलन, एक पिता अपने बेटे को दुकान से टोरटीला (एक किस्म की डबलरोटी) लेने भेजता है, लेकिन टमाटर मँगाना भूल जाता है। अगर उसका बेटा इतनी दूर निकल गया है कि उसकी आवाज़ नहीं सुन सकता, तो पिता सीटी बजाकर उसे टमाटर लाने को कह सकता है।”

यहोवा के साक्षी भी कई बार सीटी बजाकर एक-दूसरे से बात करते हैं। पेड्रो कहता है: “जब मैं अलग-थलग इलाकों में जाता हूँ तो अपने किसी साक्षी भाई को बुलाने के लिए मुझे पूरा रास्ता चलकर उसके घर नहीं जाना पड़ता। मैं बस सीटी बजाकर उसे बुला लेता हूँ।”

पेड्रो यह भी कहता है: “सीटी बजाने का अंदाज़ हम सबका अलग-अलग होता है। इससे हम पहचान जाते हैं कि कौन ‘बात’ कर रहा है। सीटी बजाकर ज़्यादातर आदमी ही बात करते हैं। एक स्त्री शायद इस भाषा को समझे और घर में इस्तेमाल भी करे, लेकिन वह बाहर किसी आदमी से सीटी बजाकर बात नहीं करती। क्योंकि उसका ऐसा करना समाज में बुरा माना जाता है।”

सीटी बजाकर बात करना सिर्फ मॉसॉटेक लोगों की खासियत नहीं है। केनरी द्वीपों, चीन और पपुआ न्यू गिनी में भी लोग सीटी बजाकर बात करते हैं। ये लोग खासकर पहाड़ों या फिर घने जंगलों में रहनेवाले होते हैं। माना जाता है कि करीब 70 से ज़्यादा सीटी भाषाएँ हैं और तकरीबन 12 सीटी भाषाओं का अध्ययन किया गया है।

नयी-नयी चीज़ें ईजाद करने की इंसानी काबिलीयत वाकई कमाल है! इस काबिलीयत के बल पर हम अपनी बातचीत करने की दिली तमन्‍ना कई तरीकों से पूरी कर सकते हैं, फिर चाहे वे हमारी कल्पना के बाहर क्यों न लगें। (g 2/09)

[फुटनोट]

^ एक किताब इस तरह समझाती है: “सीटी की रफ्तार और उसके स्वर और बल में फेरबदल करने के ज़रिए मॉसॉटेक लोग आपस में बहुत-सी बातें कर लेते हैं।”