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दुनिया के हर कोने तक पहुँची टेक्नॉलजी

दुनिया के हर कोने तक पहुँची टेक्नॉलजी

दुनिया के हर कोने तक पहुँची टेक्नॉलजी

यूरोप के एक देश अल्बानिया में यह नज़ारा कोई नयी बात नहीं। एक बुज़ुर्ग आदमी गधे पर सवार, सेल फोन पर बात कर रहा है। वहीं भारत में, एक भिखारी थोड़ी देर के लिए भीख माँगना छोड़ अपने मोबाइल फोन पर किसी का कॉल लेता है या किसी को फोन करता है। जी हाँ, चाहे सेल फोन हो, कंप्यूटर हो या टीवी, आज टेक्नॉलजी दुनिया के हर कोने तक पहुँच चुकी है। और कई लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बन गयी है, फिर चाहे वे अमीर हों या गरीब।

पूरी दुनिया में टेक्नॉलजी की धूम मची है, यह इस बात से देखा जा सकता है कि आज चारों तरफ मोबाइल फोन की भरमार है। इनमें से कई फोन, फोन कम बाकी चीज़ें ज़्यादा हैं। जैसे इनका इस्तेमाल इंटरनेट पर जाने, ई-मेल और एसएमएस भेजने, टीवी देखने, गाने सुनने, तसवीरें खींचने और जीपीएस (यानी सैटेलाइट की मदद से एक व्यक्‍ति कहाँ है, यह पता करने) के लिए किया जाता है।

वॉशिंगटन पोस्ट अखबार रिपोर्ट करता है कि “1965 में उत्तरी अमरीका की वायु सेना के अड्डे में जितनी जानकारी रखी जाती थी, उससे कई गुना ज़्यादा जानकारी” आज पर्सनल कंप्यूटर की तरह काम करनेवाले एक स्मार्ट फोन में रखी जा सकती है। अखबार यह भी बताता है: “आज धरती पर हर दूसरे व्यक्‍ति के पास मोबाइल फोन है।” और कम-से-कम 30 देश ऐसे हैं जहाँ मोबाइल फोन की गिनती लोगों से ज़्यादा है। जी हाँ, अखबार का कहना बिलकुल सही है कि मोबाइल फोन “इंसान के इतिहास में सबसे तेज़ी से बढ़नेवाली टेक्नॉलजी है।”

दुनिया-भर में मोबाइल फोन इस्तेमाल करनेवाले करीब 60 प्रतिशत लोग विकासशील देशों में रहते हैं। इसका मतलब हुआ कि सेल फोन, नयी टेक्नॉलजी का ऐसा पहला उपकरण है जिसके ज़्यादातर ग्राहक इन देशों से हैं। उदाहरण के लिए, अफगानिस्तान में 2008 के दौरान हर महीने करीब 1,40,000 लोगों ने मोबाइल कनेक्शन लिया। और कुछ सालों से अफ्रीका में मोबाइल का इस्तेमाल हर साल करीब 50 प्रतिशत बढ़ा है।

लेकिन बोलचाल के इन यंत्रों में जितनी तरक्की हुई है, इनसे उतनी समस्या भी खड़ी हुई है। जहाँ एक तरफ कुछ लोगों को लगता है कि सेल फोन, पेजर और लैपटॉप की वजह से उन्हें एक मिनट भी आराम नहीं मिलता। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों को टेक्नॉलजी की इतनी बुरी “लत” लगी है कि वे चौबीसों घंटे इनमें डूबे रहते हैं। उन्हें यह जानना ही जानना है कि क्या चल रहा है, क्या नहीं।

“लत” लगना, ध्यान बँटना और बार-बार काम में रुकावट आना, ये कुछ आम समस्याएँ हैं जो टेक्नॉलजी * की वजह से आती हैं। लेकिन इन इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों के कई फायदे भी हैं। तो फिर आप इनका सोच-समझकर इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? आगे के लेखों में इस सवाल पर चर्चा की जाएगी। (g09-E 11)

[फुटनोट]

^ पैरा. 7 इस लेख में और आगे के दो लेखों में मोबाइल फोन, कंप्यूटर, टीवी और इंटरनेट जैसे उपकरणों की बात की गयी है। इसलिए जहाँ कहीं भी शब्द “टेक्नॉलजी” आया है और उसे खुलकर समझाया नहीं गया, तो उस शब्द का मतलब ये उपकरण हैं।