इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

आप तनाव से निपट सकते हैं!

आप तनाव से निपट सकते हैं!

आप तनाव से निपट सकते हैं!

बाइबल ‘तनाव और संकटों से भरे मुश्‍किल दौर’ का ज़िक्र करती है। यकीनन आप इस बात से सहमत होंगे कि आज हम उसी दौर में जी रहे हैं और भारी तनाव का सामना कर रहे हैं। —2 तीमुथियुस 3:1, दी एम्प्लीफाइड बाइबल।

जैसा कि आप जानते हैं कि छोटी-सी आग बुझाना आसान है, लेकिन ज्वाला की बड़ी-बड़ी लपटों पर काबू पाना बहुत मुश्‍किल होता है। उसी तरह, रोज़-ब-रोज़ आनेवाले छोटे-मोटे तनाव से निपटना आसान है, लेकिन अगर इनसे निपटा न जाए तो समय के चलते हम इनके बोझ तले दब सकते हैं। इस बारे में एक डॉक्टर कहता है, “दौड़-धूप और भागम-भागवाली इस ज़िंदगी में यह बेहद ज़रूरी है कि हम हर दिन के तनाव से निपटने की आदत बनाएँ।” *

अगर आप हर दिन के तनाव से निपटने की आदत बना लें, तो आपको दोहरा फायदा होगा। पहला, आपको तनाव पैदा करनेवाली चीज़ों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। दूसरा, हम उस वक्‍त खुद पर काबू रख पाएँगे, जब हम पर ऐसे तनाव आते हैं जिनसे बचा नहीं जा सकता।

क्या बाइबल तनाव से जूझने में हमारी मदद कर सकती है?

बाइबल की मदद लीजिए

बाइबल में पायी जानेवाली सच्चाई हमें तरो-ताज़ा करती है। साथ ही, यह हमें सृष्टिकर्ता के सोच-विचारों को जानने में मदद देती है। दरअसल परमेश्‍वर का वचन, बाइबल सलाहों का एक अनमोल खज़ाना है। इसमें परमेश्‍वर ने तनाव से राहत पाने की अनमोल सलाहें भी दर्ज़ करवायी हैं। ये सलाहें तनाव के वक्‍त हमें ‘डरने और हताश’ होने से बचा सकती हैं और हर दिन के तनाव का सामना करने में कामयाबी दिला सकती हैं।—यहोशू 1:7-9.

बाइबल हमें अपना तनाव कम करने में बढ़िया मदद देती है। यह दिलासा देती है कि स्वर्ग में रहनेवाला हमारा पिता यहोवा ‘गहरी करुणा दिखानेवाला और दयालु’ परमेश्‍वर है। (याकूब 5:11) पैट्रिशिया, जो कैलिफोर्निया के एक विश्‍वविद्यालय की प्रोफेसर रह चुकी है, कहती है, “जब मैं इस बात पर मनन करती हूँ कि परमेश्‍वर कितने शानदार तरीके से अपने मकसद को पूरा कर रहा है, तो इससे मुझे अपने तनाव का सामना करने में मदद मिलती है।”

ज़रा सोचिए, यीशु अपने ज़माने के दीन-दुखियों और चिंताओं में डूबे लोगों के साथ किस तरह पेश आया। उसने अपनी बातों और कामों से कोमलता और प्यार दिखाया और उनकी हिम्मत बढ़ायी। यीशु ने उनसे गुज़ारिश की, “हे लोगो, तुम जो कड़ी मज़दूरी से थके-माँदे और बोझ से दबे हो, तुम सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें तरो-ताज़ा करूँगा।”—मत्ती 11:28-30.

यीशु कभी दूसरों के साथ बेरुखी से पेश नहीं आया बल्कि उसने उन्हें तरो-ताज़ा किया। उसने अपने चेलों की खाने-पीने की ज़रूरतों और उनकी भावनाओं के लिए लिहाज़ दिखाया। यही नहीं, जब चेले प्रचार करके थके-माँदे लौटे तो उसने उनके आराम के लिए बंदोबस्त भी किया। (मरकुस 6:30-32) हम भी यकीन रख सकते हैं कि स्वर्ग में राजा बनने के बाद, यीशु आज हमसे भी हमदर्दी रखता है खासकर तब जब हम किसी ऐसे तनाव से गुज़रते हैं, जो हमारे बरदाश्‍त के बाहर होता है। इतना ही नहीं, वह हमारी तरफ “सही वक्‍त पर मदद” का हाथ भी बढ़ाता है।—इब्रानियों 2:17, 18; 4:16.

खुलकर बातचीत कीजिए

ज़िंदगी में आनेवाले तनाव को कम करने का एक असरदार तरीका है, दूसरों से खुलकर बातचीत करना। बाइबल सिखाती है, “बिना सम्मति की कल्पनाएं निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मति से बात ठहरती है।” (नीतिवचन 15:22) इसलिए कई लोगों ने पाया है कि जब वे अपने जीवन-साथी, दोस्त या साथ काम करनेवालों से खुलकर बात करते हैं, तो उनका तनाव कम हो जाता है।

“सम्मति” यानी बातचीत करने का सबसे ज़रूरी और कारगर तरीका है परमेश्‍वर से प्रार्थना करना। हम कभी-भी और कहीं भी उससे प्रार्थना कर सकते हैं। अगर आप रोज़ प्रार्थना करें, तो आप “किसी भी बात को लेकर चिंता” नहीं करेंगे। बहुतों ने पाया है कि लगातार प्रार्थना करने से उन्हें “परमेश्‍वर की वह शांति [मिली है] जो हमारी समझने की शक्‍ति से कहीं ऊपर है।” साथ ही, उन्होंने बाइबल के इस वादे को भी सच पाया है कि प्रार्थना से ‘दिल के साथ-साथ उनके दिमाग की सोचने-समझने की ताकत’ की भी हिफाज़त हुई है।—फिलिप्पियों 4:6, 7; नीतिवचन 14:30.

तनाव के बारे में एक किताब कहती है, “जिन लोगों के पास दोस्तों का सहारा होता है, वे तनाव का और भी बढ़िया तरीके से सामना कर पाते हैं। उनकी मानसिक सेहत उन लोगों से बेहतर होती है जो सबकुछ खुद ही करने की कोशिश करते हैं।” आप सच्चे परमेश्‍वर यहोवा की उपासना करनेवालों के बीच ऐसी ही दोस्ती का आनंद उठा सकते हैं, जो आपको और कहीं नहीं मिल सकती। बाइबल की सलाह को मानते हुए वे नियमित तौर पर सभाओं के लिए इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे की हिम्मत बँधाते हैं। (इब्रानियों 10:24, 25) इन सभाओं में हाज़िर होनेवाले एक व्यक्‍ति का कहना है: “कभी-कभी मुझे देर तक काम करना पड़ता है और मैं बहुत तनाव महसूस करता हूँ। इसके बावजूद, जब मैं सभा में जाता हूँ, तो आखिरी प्रार्थना के आते-आते मेरा सारा तनाव उड़न छू हो जाता है और मैं तरो-ताज़ा महसूस करता हूँ।”

मज़ाकिया स्वभाव भी हमें तनाव का सामना करने में मदद दे सकता है। सभोपदेशक 3:4 कहता है, “रोने का समय, और हंसने का भी समय” है। हँसना सेहत के लिए फायदेमंद होता है और इससे एक इंसान ताज़गी महसूस करता है। इस बारे में एक डॉक्टर कहता है, “जब हम हँसते हैं तो हमारा शरीर एंडोर्फिन नाम का रसायन पैदा करता है और एड्रीनालीन नाम के हॉर्मोन की मात्रा घट जाती है।” एक पत्नी कहती है, “जब किसी बात को लेकर बहुत तनाव होता है, तो मेरे पति मज़ाकिया अंदाज़ में कुछ ऐसा कह देते हैं कि पूरा माहौल ही बदल जाता है।”

परमेश्‍वर के गुण पैदा कीजिए

बाइबल हमें ऐसे गुण बढ़ाने के लिए उकसाती है जिससे तनाव पर काबू पाया जा सकता है। इन गुणों में “प्यार, खुशी, शांति, सहनशीलता, कृपा, भलाई, विश्‍वास, कोमलता [और] संयम” शामिल हैं, जिन्हें “परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति का फल” कहा जाता है। यही नहीं, बाइबल सलाह देती है कि हम “जलन-कुढ़न, गुस्सा, क्रोध, चीखना-चिल्लाना और गाली-गलौज” से दूर रहें। यह आगे कहती है, “एक-दूसरे के साथ कृपा से पेश आओ और कोमल-करुणा दिखाते हुए एक-दूसरे को दिल से माफ करो।”—गलातियों 5:22, 23; इफिसियों 4:31, 32.

एक डॉक्टर बताता है कि बाइबल की शिक्षाओं पर अमल करना बहुत ज़रूरी है, खासकर आज के ज़माने में। उसका कहना है, “दूसरों के साथ इज़्ज़त से पेश आना, तनाव कम करने का गज़ब का नुस्खा है।” इसके अलावा, बाइबल हमें उकसाती है कि हम अपने अंदर मर्यादा का गुण बढ़ाएँ यानी अपनी काबिलीयतों के बारे में सही नज़रिया बनाए रखें।—मीका 6:8.

परमेश्‍वर चाहता है कि हम नम्रता दिखाते हुए अपनी शारीरिक, दिमागी और जज़्बाती हदें पहचानें और कबूल करें कि हम वह हर काम नहीं कर सकते जो हम करना चाहते हैं। हालाँकि ऐसा करना मुश्‍किल हो सकता है लेकिन जब किसी काम को करना हमारे बस के बाहर होता है तो ज़रूरी है कि हम न कहना सीखें।

हम यह नहीं कहते कि इस लेख में दी बाइबल आधारित सलाह पर अमल करने से आप तनाव से पूरी तरह निजात पा लेंगे। क्योंकि सच तो यह है कि शैतान इब्‌लीस ने परमेश्‍वर की उपासना करनेवालों को अपना निशाना बनाया हुआ है और वह यह साबित करना चाहता है कि वे तनाव आने पर सच्ची उपासना करना छोड़ देंगे। (प्रकाशितवाक्य 12:17) लेकिन जैसा हमने देखा परमेश्‍वर हमें तनाव कम करने और उसका सामना करने में सही समय पर और कई तरीकों से मदद देता है। * (g10-E 06)

[फुटनोट]

^ पैरा. 3 अगर आप लंबे समय से किसी तनाव से जूझ रहे हैं या तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि आपको सेहत से जुड़ी समस्याएँ हो रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर के पास जाएँ।

^ पैरा. 20 तनाव का सामना करने के कुछ और तरीके क्या हैं, यह जानने के लिए 8 अप्रैल, 1998 की सजग होइए! का श्रृंखला लेख “आप तनाव को सँभाल सकते हैं!” और 15 दिसंबर 2001 की प्रहरीदुर्ग का लेख “तनाव से राहत पाने का कारगर उपाय” देखिए।

[पेज 27 पर बक्स]

तनाव कम करने के कुछ तरीके

● न खुद से और न ही दूसरों से सिद्धता की उम्मीद कीजिए। —सभोपदेशक 7:16.

● ज़रूरी बातों को पहली जगह दीजिए।—फिलिप्पियों 1:10, 11.

● नियमित तौर पर कसरत कीजिए।—1 तीमुथियुस 4:8.

● यहोवा के हाथ की कारीगरी निहारिए।—भजन 92:4, 5.

● समय निकालकर अकेले में कुछ पल बिताइए।—मत्ती 14:23.

● भरपूर आराम और नींद लीजिए।—सभोपदेशक 4:6.

[पेज 25 पर तसवीर]

तनाव कम करने के लिए खुलकर बात करना ज़रूरी है

[पेज 25 पर तसवीर]

परमेश्‍वर के गुण बढ़ाने से तनाव कम होता है