मार्गदर्शन और आशा का सच्चा स्रोत
मार्गदर्शन और आशा का सच्चा स्रोत
यहोवा परमेश्वर सबसे ज़्यादा बुद्धिमान और शक्तिशाली है। वह प्यार का प्रतिरूप भी है। (1 यूहन्ना 4:8) उसकी सलाह हमेशा सही होती है, जिसे वह बिलकुल मुफ्त देता है और वह हमेशा हमारी भलाई चाहता है। वाकई, उसकी सलाह और ओझाओं और भूत-प्रेत साधनेवालों की सलाह में ज़मीन-आसमान का अंतर है! परमेश्वर कहता है, “सब [आध्यात्मिक रूप से] प्यासे लोगों, पानी के पास आओ; और जिनके पास रुपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रुपए और बिना दाम ही आकर ले लो। जो भोजनवस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रुपया लगाते हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये क्यों परिश्रम करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उत्तम वस्तुएं खाने पाओगे और चिकनी चिकनी वस्तुएं खाकर सन्तुष्ट हो जाओगे।”—यशायाह 55:1, 2.
बाइबल हमारे प्यारे सृष्टिकर्ता की प्रेरणा से लिखी गयी थी, इसलिए वह हमें आशा, आध्यात्मिक तौर पर हिफाज़त, ज़िंदगी में मकसद और जीने के लिए सबसे बेहतरीन सिद्धांत देती है। क्यों न हम कुछ देर आगे दिए सवालों और उनसे संबंधित बाइबल वचनों पर ध्यान दें? (g11-E 02)
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● मैं सच्ची शांति कैसे पा सकता हूँ? बाइबल कहती है: “यहोवा जो तेरा छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं। भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता।”—यशायाह 48:17, 18.
● क्या बुराई हमेशा बनी रहेगी? “धर्मी लोग देश में बसे रहेंगे, और खरे लोग ही उस में बने रहेंगे। दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे, और विश्वासघाती उस में से उखाड़े जाएंगे।” (नीतिवचन 2:21, 22) जी हाँ, दुष्ट इंसान और दुष्ट स्वर्गदूत हमेशा के लिए नाश कर दिए जाएँगे, मानो उन्हें आग में जला दिया जाएगा।—प्रकाशितवाक्य 20:10, 14.
● क्या बीमारी और दुख-तकलीफें कभी खत्म होंगी? “देखो! परमेश्वर का डेरा इंसानों के बीच है। वह उनके साथ रहेगा और वे उसके लोग होंगे। और परमेश्वर खुद उनके साथ होगा। और वह उनकी आँखों से हर आँसू पोंछ देगा, और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा। पिछली बातें [आज की कई समस्याएँ] खत्म हो चुकी हैं।”—प्रकाशितवाक्य 21:3, 4.
दुष्ट स्वर्गदूत झूठ बोलते हैं, लेकिन परमेश्वर कभी झूठ नहीं बोलता। दरअसल वह “झूठ नहीं बोल सकता।” (तीतुस 1:2) इसके अलावा अगला लेख दिखाएगा कि उसकी सच्चाई न सिर्फ हमें आज़ादी दिलाती है, बल्कि जीवन की ओर भी ले जाती है।—यूहन्ना 8:32; 17:3.