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सुरक्षा का रखो ध्यान कार दुर्घटना में जाए न जान

सुरक्षा का रखो ध्यान कार दुर्घटना में जाए न जान

सुरक्षा का रखो ध्यान कार दुर्घटना में जाए न जान

ज़ोर से ब्रेक लगना और टायरों का घिसड़ना, भड़ाम से गाड़ी का टकराना, काँच का चकनाचूर होकर बिखरना और लोगों का चीखना-चिल्लाना। ये आवाज़ें शायद अब भी उन लोगों के कानों में गूँज रही हों जिनकी कभी कार दुर्घटना हुई थी। विश्‍व स्वास्थ्य संगठन रिपोर्ट करता है कि दुनिया-भर में “हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 12 लाख लोगों की मौत हो जाती है और 5 करोड़ लोग घायल हो जाते हैं।”

लेकिन अगर सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए और समझ से काम लिया जाए, तो आप कई दुर्घटनाओं से बच सकते हैं। आइए देखें कैसे।

गाड़ी की रफ्तार, सीट बेल्ट और मोबाइल फोन

कुछ सड़कों पर गाड़ियों के लिए निर्धारित रफ्तार शायद बहुत कम लगे। लेकिन अपनी गाड़ी को निर्धारित रफ्तार से ज़्यादा तेज़ चलाने पर भी आप अपनी मंज़िल पर ज़्यादा जल्दी नहीं पहुँचेंगे। उदाहरण के लिए, अगर आपको 50 किलोमीटर दूर जाना है और आप अपनी गाड़ी की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटा करते हैं, तो आप करीब 8 मिनट जल्दी पहुँचेंगे। क्या इतना-सा समय बचाने के लिए दुर्घटना का खतरा मोल लेना समझदारी होगी?

गाड़ियों में सीट बेल्ट हमारी सुरक्षा के लिए होते हैं। अमरीका के एक सरकारी विभाग ने बताया कि सीट बेल्ट लगाने की वजह से सन्‌ 2005 से 2009 के बीच उनके देश में ही 72,000 से ज़्यादा लोगों की जान बची। क्या यह कहना सही होगा कि अगर गाड़ी में एयर बैग है, तो सीट बेल्ट लगाने की ज़रूरत नहीं? यह गलत है। एयर बैग से सुरक्षा तभी मिलती है जब सीट बेल्ट लगा हो। अगर आपने सीट बेल्ट नहीं लगाया है तो एयर बैग किसी काम का नहीं, उलटा यह खतरनाक हो सकता है। इसलिए गाड़ी चलाते वक्‍त सीट बेल्ट लगाने की आदत डालिए और अपने साथ बैठे लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहिए। एक और बात का ध्यान रखिए: गाड़ी चलाते वक्‍त मोबाइल पर बात करने या मेसेज भेजने की कोशिश मत कीजिए।

सड़क की हालत और गाड़ी का रख-रखाव

अगर सड़क गीली है या उस पर धूल-मिट्टी या बजरी फैली हुई है, तो टायर को अच्छी ग्रिप नहीं मिल पाती। इसलिए ऐसी सड़कों पर गाड़ी धीमी रफ्तार से चलाएँ ताकि ब्रेक लगाते वक्‍त गाड़ी के फिसलने की गुंजाइश कम हो। अगर आप सर्दियों में बर्फीले रास्तों पर गाड़ी चलाते हैं, तो ऐसे टायर लगवाने की सोचिए जो खास तौर से बर्फीले इलाकों के लिए बनाए जाते हैं। इस तरह के टायर पर गहरी लकीरें होती हैं जिससे इनकी ग्रिप अच्छी होती है और गाड़ी फिसलती नहीं।

गाड़ी चलानेवालों के लिए चौराहा सबसे खतरनाक होता है। एक विशेषज्ञ सुझाव देता है: ट्रैफिक सिग्नल पर जब बत्ती लाल से हरी हो जाती है, तो आगे बढ़ने से पहले कुछ पल रुकिए। वरना हो सकता है, दूसरी तरफ से तेज़ी से आ रही कोई गाड़ी सिग्नल तोड़कर आपको मारते हुए निकल जाए।

दुर्घटनाओं से बचने का सबसे आसान तरीका है, अपनी गाड़ी को अच्छी हालत में रखना। सोचिए अगर गाड़ी चलाते वक्‍त ब्रेक फेल हो जाए, तो क्या होगा! गाड़ी में इस तरह की खराबियाँ न हों, इसके लिए कुछ लोग समय-समय पर अपनी कार किसी अच्छे मेकैनिक को दिखाते रहते हैं। दूसरी तरफ कुछ लोग अपनी गाड़ी की छोटी-मोटी मरम्मत खुद ही करना पसंद करते हैं। आप चाहे जो भी तरीका अपनाएँ, इस बात का ध्यान रखिए कि आपकी गाड़ी की ज़रूरी जाँच और मरम्मत होती रहे।

शराब पीकर गाड़ी चलाना

आम तौर पर जो लोग सावधानी से गाड़ी चलाते हैं, शराब पीने के बाद वे भी लापरवाही से चलाने लग सकते हैं। अमरीका में सन्‌ 2008 के दौरान कार दुर्घटनाओं में 37,000 से ज़्यादा लोगों की जानें गयीं। इनमें करीब 33 प्रतिशत लोगों की मौत की वजह यह थी कि गाड़ी चलानेवाले नशे की हालत में थे। अगर आप थोड़ा-सी भी पी लेते हैं, तो आप सावधानी से गाड़ी नहीं चला पाएँगे। इसलिए कुछ लोग ठान लेते हैं कि अगर उन्हें गाड़ी चलानी है तो वे शराब बिलकुल नहीं पीएँगे।

यातायात नियमों का पालन करने, सीट बेल्ट लगाने, गाड़ी को सही हालत में रखने और शराब पीकर गाड़ी न चलाने से आपकी और दूसरों की ज़िंदगी बच सकती है। लेकिन सवाल है, क्या आप इन सुझावों को मानेंगे? (g11-E 07)

[पेज 11 पर बक्स/तसवीर]

जब नींद आ रही हो, तो गाड़ी मत चलाइए

अमरीका के नैशनल स्लीप फाउंडेशन के एक अधिकारी ने कहा: “लोगों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि ऊँघते हुए गाड़ी चलाना उतना ही खतरनाक होता है जितना कि शराब पीकर चलाना।” इस अधिकारी की बात से पता चलता है कि जब आपको नींद आ रही हो, तब गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं। आगे दी बातें दिखाती हैं कि कब आपके लिए गाड़ी चलाना ठीक नहीं होगा: *

ध्यान लगाने में दिक्कत हो रही है, आँखें बार-बार बंद हो रही हैं या आँखें नींद से बोझिल हो रही हैं

नींद के मारे सिर सीधा रखना मुश्‍किल हो रहा है

बार-बार उबासियाँ आ रही हैं

पिछले कुछ किलोमीटर जो आपने गाड़ी चलायी है, वह याद करने में दिक्कत हो रही है

यातायात चिन्ह या निकास चिन्ह देखने से चूक गए हैं

आपको इस बात का ध्यान नहीं कि आप कब अपनी लेन से दूसरी लेन में चले गए या आप आगेवाली गाड़ी के बिलकुल पीछे चल रहे हैं या सड़क के एकदम किनारे चला रहे हैं

गाड़ी चलाते वक्‍त अगर आप भी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं, तो गाड़ी किसी और को चलाने दीजिए या किसी सुरक्षित जगह में गाड़ी रोककर थोड़ी देर सो जाइए। दुर्घटना से देर भली! आपकी और आपके साथ बैठे लोगों की ज़िंदगी, समय से ज़्यादा कीमती है।

[फुटनोट]

^ नैशनल स्लीप फाउंडेशन की दी गयी सूची पर आधारित।