ईमानदारी दिखाना फायदेमंद है
ईमानदारी दिखाना फायदेमंद है
“छल-कपट से प्राप्त रोटी मनुष्य को मीठी लगती है, पर बाद में उसका मुंह कंकड़ से भर जाता है।”—नीतिवचन 20:17, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन।
क्या बिज़नेस में कामयाब होने के लिए बेईमानी का सहारा लेना ज़रूरी है? जी नहीं। दरअसल देखा गया है कि बेईमानी करने से फायदे कम, नुकसान ज़्यादा होते हैं। वह कैसे? लोग, बेईमान इंसान के बजाय ईमानदार इंसान पर ज़्यादा भरोसा करते हैं। और सच्ची कामयाबी के लिए भरोसे का होना बहुत ज़रूरी है।
भरोसे की अहमियत
शायद आप इस बात से अनजान हों कि आपकी ईमानदारी का असर आपकी कामयाबी पर पड़ता है। फ्राँज़, जिसका ज़िक्र पिछले लेख में किया गया था, इस बात की जीती-जागती मिसाल है। वह कहता है: “जब मैं इस कंपनी में नया-नया आया था, तो मेरे मालिकों ने एक-के-बाद-एक कई तरीकों से मेरी ईमानदारी परखी। ये सब बातें मुझे बाद में जाकर पता चलीं। ईमानदार होने की वजह से उन्होंने मुझे इनाम तो दिया ही, इसके अलावा और ज़्यादा ज़िम्मेदारियाँ और काम करने की आज़ादी भी दी। मैं जानता हूँ कि यहाँ मुझसे ज़्यादा काबिल लोग हैं, जो मेरा काम मुझसे बेहतर तरीके से कर सकते हैं। लेकिन आज तक मेरी नौकरी इसलिए बनी हुई है क्योंकि मेरे मालिकों को मुझ पर भरोसा है।”
बेवकूफी भरे जोखिम मत उठाइए
डेविड जिसका ज़िक्र पिछले लेख में किया गया था, कहता है: “जब मैंने देखा कि कैसे लोग दो पैसे के फायदे के लिए नियमों को तोड़-मरोड़ देते हैं, तो मैंने मन-ही-मन सोचा, ‘चोरी आज नहीं तो कल पकड़ी जाती है।’ हमारे सामने ऐसे कई मौके आए जब हम बिज़नेस में चार सौ बीसी करके पैसे कमा सकते थे, लेकिन हमने उन सारे मौकों को ठुकरा दिया। बहुत-सी कंपनियाँ जिन्होंने उलटे-सीधे काम किए उनका आज नामो-निशान तक नहीं। कुछ लोग तो कानून के घेरे में आ गए। मगर हमारी कंपनी पर ऐसी नौबत नहीं आयी।”
दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका में केन एक पशुफार्म खोलने की सोच रहा था। वह चाहता तो अधिकारियों को घूस देकर दूसरे देशों से अपना सामान जल्दी मँगवा सकता था और टैक्स देने से भी बच सकता था। वह कहता है: “कई पशुफार्म मालिकों ने पैसा खिलाकर अपना काम करवाया। लेकिन हमने ईमानदारी का दामन नहीं छोड़ा और इसीलिए अपना फार्म पूरी तरह शुरू करने में हमें दस साल लग गए। मगर ईमानदारी दिखाने से हमें ही फायदा हुआ। जिन लोगों ने रिश्वत देकर अपना काम निकलवाया था, उन्हें भ्रष्ट अधिकारी बार-बार तंग करके अपना दाना-पानी वसूल करते रहे।”
आर्थिक चुनौतियों का सामना करना
बेईमानी करने का दबाव तब और भी बढ़ जाता है जब धंधा मंदा चल रहा होता है और बिज़नेस डूबने की कगार पर आ जाता है। लेकिन ऐसे हालात में पता चलता है कि अगर एक इंसान ईमानदारी के लिए जाना जाता है, तो उसे कितना फायदा होता है।
बिल की मिसाल पर गौर कीजिए, जो घर बनाने का काम करता था। जब अमरीका में कंस्ट्रक्शन का बिज़नेस ठंडा पड़ गया, तो बिल का धंधा चौपट हो गया। वह उस समय के बारे में बताता है: “जिन बड़ी-बड़ी कंपनियों ने हमें घर बनाने का ठेका दिया था, वे बंद पड़ गयीं। उनके पास हमारे लाखों डॉलर फँसे हुए थे। जब कहीं से आशा की कोई किरण नज़र नहीं आयी, तो मैं अपनी विरोधी कंपनी के पास यह पूछने गया कि क्या वे मुझे या मेरे कर्मचारियों को अपने यहाँ काम पर रख सकते हैं। अड़तालीस घंटे के अंदर ही उन्होंने मुझे और करीब-करीब मेरे सभी आदमियों को काम पर रख लिया। मुझसे कहा गया कि मुझे इसलिए नौकरी दी जा रही है क्योंकि उन्होंने मेरी ईमानदारी और मेरे अच्छे काम के बारे में सुना है।”
इस लेख में जिन लोगों का अनुभव दिया गया है, वे सभी यहोवा के साक्षी हैं। जिस तरह वे बाइबल के सिद्धांतों को अपनी निजी ज़िंदगी में लागू करते हैं, उसी तरह बिज़नेस में भी करते हैं। और जैसा कि आपने देखा, उनकी ईमानदारी उनकी सफलता में रुकावट नहीं बनी बल्कि इससे उनको कई फायदे हुए।
फिर भी, ऐसे हालात आते रहेंगे जब आपको लगेगा कि बेईमानी करने में ज़्यादा फायदा है। लेकिन ज़रा सोचिए क्या पैसों से ही कामयाबी आँकी जाती है? (g12-E 01)
[पेज 6 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
शायद आप इस बात से अनजान हों कि आपकी ईमानदारी का असर आपकी कामयाबी पर पड़ता है
[पेज 7 पर तसवीर]
“मुझसे कहा गया कि मुझे इसलिए नौकरी दी जा रही है क्योंकि उन्होंने मेरी ईमानदारी और मेरे अच्छे काम के बारे में सुना है।”—बिल, अमरीका