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तेज़ झटके सहनेवाला कठफोड़े का सिर निराला

तेज़ झटके सहनेवाला कठफोड़े का सिर निराला

क्या इसे रचा गया था?

तेज़ झटके सहनेवाला कठफोड़े का सिर निराला

● अगर आपके सिर पर 80 से 100 गुरुत्व की तीव्रता का बल (g-force) पड़े, तो आपके सिर को ज़बरदस्त चोट पहुँच सकती है। जबकि कठफोड़ा इससे ज़्यादा का बल झेल लेता है। वह पेड़ के तने पर धड़ाधड़ अपनी चोंच मारता है, जिसकी वजह से उसके सिर पर करीब 1,200 गुरुत्व की तीव्रता का बल पड़ता है। फिर भी चोट पहुँचना तो दूर, वह चक्कर खाकर गिरता तक नहीं। आखिर वह इतने ज़ोरदार झटके कैसे झेल पाता है?

गौर कीजिए: खोजकर्ताओं ने कठफोड़े के सिर की ऐसी चार खासियतों का पता लगाया है, जिनकी मदद से वह इतने ज़ोरदार झटके झेल पाता है:

1. मज़बूत मगर लचीली चोंच

2. हाइओइड—हड्डी और इलास्टिक ऊतक से बना एक तरह का बैंड जो खोपड़ी के चारों ओर लिपटा होता है

3. खोपड़ी के एक हिस्से में स्पंज जैसी हड्डी

4. खोपड़ी और मस्तिष्क के बीच मस्तिष्क-मेरु द्रव (cerebral-spinal fluid) के लिए सिर्फ थोड़ी-सी जगह

ये चारों चीज़ें कठफोड़े को ज़बरदस्त झटके झेलने में मदद करती हैं और इन्हीं की बदौलत वह बिना अपने मस्तिष्क को कोई नुकसान पहुँचाए, एक सेकंड में 22 बार पेड़ पर वार कर पाता है।

कठफोड़े के सिर की बनावट को देखकर खोजकर्ता ऐसे खोल तैयार करने में लगे हुए हैं जो 60,000 गुरुत्व की तीव्रता का बल झेल सकें। अगर उनकी कोशिशें कामयाब हुईं तो वे कई चीज़ों में इसका इस्तेमाल कर पाएँगे। जैसे हवाई जहाज़ के ब्लैक बॉक्स में, जो फिलहाल सिर्फ 1,000 गुरुत्व की तीव्रता का बल झेल पाता है। ब्रिटेन में क्रैनफील्ड विश्‍वविद्यालय के इंजीनियर किम ब्लैकबर्न कठफोड़े के सिर के बारे में कहते हैं: “यह इस बात का दिलचस्प उदाहरण है कि कैसे कुदरत कमाल के ढाँचे तैयार करती है और अब जाकर हम समझ पाए हैं कि कठफोड़े के सिर के अलग-अलग हिस्से किस तरह काम करते हैं जिससे वह ज़बरदस्त झटके झेल पाता है।”

आपको क्या लगता है? तेज़ झटके सहनेवाला कठफोड़े का सिर क्या इत्तफाक से आ गया? या क्या इसे रचा गया था? (g12-E 01)

[पेज 30 पर रेखाचित्र]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

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[पेज 30 पर चित्र का श्रेय]

लाल सिरवाला कठफोड़ा: © 2011 photolibrary.com