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मैं ऐसा क्या करूँ कि बाइबल के अध्ययन से मुझे मज़ा आए?

मैं ऐसा क्या करूँ कि बाइबल के अध्ययन से मुझे मज़ा आए?

नौजवान पूछते हैं

मैं ऐसा क्या करूँ कि बाइबल के अध्ययन से मुझे मज़ा आए?

मैं बाइबल क्यों पढ़ूँ?

क्योंकि बाइबल में एक अनमोल खज़ाना छिपा है जिसे आप पा सकते हैं। यह दुनिया की सबसे मशहूर किताब है

● जो आपको बताती है कि आप सबसे बढ़िया ज़िंदगी कैसे जी सकते हैं

● और सिर्फ यही बताती है कि बीते समय में क्या-क्या हुआ था और आनेवाला कल कैसा होगा

● जो आपकी मदद कर सकती है कि आप खुद को जानें और एक बेहतर इंसान बनें *

बाइबल का अध्ययन करने में मेहनत तो लगती है, मगर इस मेहनत का फल मीठा होता है! क्या आप जानना चाहेंगे कि कुछ नौजवान बाइबल का अध्ययन कैसे करते हैं? हालाँकि ऐसा करने में आपके बहुत-से हमउम्र साथियों के सामने कई रुकावटें आयीं, लेकिन वे इन्हें पार कर पाए। और अब वे अपने निजी बाइबल अध्ययन से पूरा-पूरा फायदा उठा रहे हैं। यही बात आगे के पन्‍नों में बतायी गयी है। इन पन्‍नों को काटकर मोड़ लीजिए। अब आपके पास चार पन्‍नोंवाला परचा तैयार है, इसे सँभालकर अपने पास रखिए।

“बाइबल में हर किसी की दिलचस्पी के मुताबिक कुछ-न-कुछ ज़रूर है। इसमें इतना कुछ बताया गया है कि हर बार बाइबल अध्ययन करने पर आपको नयी-नयी बातें सीखने को मिलेंगी।”—वैलरी। * (g12-E 02)

“नौजवान पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.watchtower.org/ype पर उपलब्ध हैं

[फुटनोट]

^ बाइबल आपको यह मदद कैसे दे सकती है, यह जानने के लिए अपने इलाके के यहोवा के साक्षियों से संपर्क कीजिए या इस पत्रिका के पेज 5 पर दिए किसी भी नज़दीकी पते पर उन्हें लिखिए।

^ इस लेख में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

[पेज 13 पर बक्स/तसवीरें]

बाइबल का अध्ययन कैसे करें

समस्या: पढ़ने का मन नहीं करता

“एक घंटा बैठकर पढ़ना, मेरे बस की बात नहीं।”—लीना।

हल: फायदे के बारे में सोचिए

अगर आप चाहते हैं कि बाइबल के अध्ययन से आपको मज़ा आए, तो आपको इस सवाल का जवाब जानना होगा: ‘बाइबल का अध्ययन करने से मुझे क्या फायदा होगा?’ आप परमेश्‍वर के दोस्त बन सकते हैं, आप जान सकते हैं कि दुनिया में जो हो रहा है वह क्यों हो रहा है, आप एक बेहतर इंसान बन सकते हैं। यही नहीं, बाइबल का अध्ययन करने से आपको और भी ढेरों फायदे हो सकते हैं।

“बाइबल के अध्ययन को कोई काम या स्कूल की पढ़ाई मत समझिए। इसके बजाय, यह नज़रिया अपनाइए कि बाइबल का अध्ययन करने से आप परमेश्‍वर यहोवा के करीब आ सकते हैं, क्योंकि उसके जैसा दोस्त आपको पूरे जहान में नहीं मिल सकता।”—भावना।

“जब आप बाइबल का अध्ययन करते हैं, तो दरअसल आप यहोवा परमेश्‍वर के साथ अकेले में वक्‍त बिता रहे होते हैं। ज़रा सोचिए, अगर आप एक व्यक्‍ति के साथ सिर्फ तभी समय बिताएँ जब आपके मम्मी-पापा मौजूद रहते हैं, तो वह व्यक्‍ति आपका दोस्त कहलाएगा या आपके मम्मी-पापा का? इसलिए अगर आप अकेले बैठकर अध्ययन करें तो यहोवा आपका दोस्त बन सकता है।”—बीना।

याद रखिए: “शास्त्र में लिखी सारी बातें परमेश्‍वर की तरफ से हैं। ये बातें लोगों को सिखाने, उन्हें मदद देने, सुधारने और यह दिखाने के लिए फायदेमंद हैं कि उन्हें किस तरह अपनी ज़िंदगी जीनी चाहिए।” (2 तीमुथियुस 3:16, कॉन्टेम्प्ररी इंग्लिश वर्शन बाइबल) ये सब करने में भी बाइबल आपकी मदद कर सकती है।

“मैं अपना पूरा ध्यान इस बात पर लगाता हूँ कि बाइबल के अध्ययन से मुझे क्या फायदा होगा। जैसे, जब मुझे खुद में कोई कमी नज़र आती है, तो मैं अध्ययन के ज़रिए यह पता करने की कोशिश करता हूँ कि मैं अपनी इस कमी को कैसे दूर करूँ।”—मिहीर।

इस बारे में सोचिए:

बाइबल का अध्ययन करने से आपको क्या फायदा होगा?

समस्या: बोरियत महसूस करना

“मैं 10 मिनट अध्ययन करके ही थक जाती हूँ; 20 मिनट में मेरा ध्यान भटकने लगता है और 30 मिनट होते-होते मैं इतनी ऊब जाती हूँ कि मुझसे और अध्ययन नहीं होता।”—अंकिता।

हल: नयी-नयी तरकीबें अपनाइए

आप क्या अध्ययन करेंगे, कैसे करेंगे और कहाँ करेंगे, इस बारे में हर बार कुछ नया सोचिए।

“अगर आपके मन में कुछ सवाल हैं तो समय निकालकर उन पर खोजबीन कीजिए। ऐसा करके आपको गर्व होगा कि आपने कुछ हासिल किया है, साथ ही आपको खुशी भी मिलेगी।”—रिचर्ड।

“जब आप किसी घटना के बारे में पढ़ते हैं, तो कल्पना कीजिए कि आप भी वहाँ मौजूद हैं। सोचिए कि आप उस घटना के अहम किरदार हैं या फिर वहाँ खड़े देख रहे हैं। पूरी घटना को अपने मन की आँखों से देखिए।”—स्टीवन।

“अपना अध्ययन मज़ेदार बनाइए। बगीचे में जाकर बैठिए, नींबू पानी पीजिए। जब मैं अध्ययन करने बैठती हूँ, तो मुझे चटर-मटर खाना बहुत पसंद है। ऐसा करना किसे नहीं पसंद!”—अंजली।

याद रखिए: कोई काम हमें दिलचस्प लगता है या उसमें हम बोरियत महसूस करते हैं, यह हमारी सोच पर निर्भर करता है। इसलिए यह कहने के बजाय कि “अध्ययन बोरिंग है,” यह कहिए कि “मैं बोर हो गया हूँ।” इस तरह अगर आप कबूल करें कि अध्ययन के बारे में आपका नज़रिया सही नहीं है, तो आप इसे बदलने के लिए ज़रूर कदम उठाएँगे।—नीतिवचन 2:10, 11.

“ज़रूरी नहीं कि निजी बाइबल अध्ययन करना उबाऊ हो। आप इसे जैसा चाहें, वैसा बना सकते हैं।”—वर्षा।

इस बारे में सोचिए:

अध्ययन के लिए आप कौन-सी नयी-नयी तरकीबें अपना सकते हैं?

समस्या: वक्‍त ही नहीं

“काश! मुझे बाइबल का अध्ययन करने के लिए थोड़ा और वक्‍त मिल जाता। लेकिन समय ही तो मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या है। मुझे इतना कुछ करना पड़ता है कि देर तक अध्ययन करने के लिए मैं वक्‍त ही नहीं निकाल पाती।”—मारिया।

हल: ज़रूरी बातों को पहली जगह दीजिए

बड़ों की दुनिया में कदम रखते वक्‍त, जवानों को यह भी सीखना पड़ता है कि वे ‘ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातों को पहचानें।’—फिलिप्पियों 1:10.

“मेरी मम्मी ने मुझे यह समझने में मदद दी कि मुझे चौबीस घंटे से ज़्यादा समय कभी नहीं मिलेगा। इसलिए मुझे इसी में से समय निकालना पड़ेगा। और जब मैंने अध्ययन के लिए मन बना लिया, तो समय निकालना मेरे लिए आसान हो गया।” —नताशा।

“जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई, मैंने सीखा कि अध्ययन के लिए मुझे एक समय तय करना होगा। और मैंने ऐसा ही किया। अब चाहे जो भी हो जाए, मैं तय समय पर ही अध्ययन करती हूँ।”—आइशा।

“अगर आप मनोरंजन की जगह अध्ययन को पहली जगह दें, तो मैं यकीन दिलाती हूँ कि आपको अध्ययन करने में मज़ा आएगा। और जब आप मनोरंजन करेंगे तो आपका मन आपको नहीं कोसेगा।”—दिपिका।

याद रखिए: अगर आप ज़रूरी बातों को पहली जगह नहीं देंगे, तो आप समय का सही इस्तेमाल नहीं कर पाएँगे बल्कि आपका सारा समय बेकार के कामों में निकल जाएगा। बेहतर होगा कि आप खुद अध्ययन के लिए एक समय बाँधें और उस पर बने रहें।—इफिसियों 5:15, 16.

“मैं हाई स्कूल में पढ़ता हूँ, इसलिए मैं बड़ी आसानी से अपने स्कूल के कामों में डूब सकता हूँ। तभी मैंने अपने शेड्‌यूल में बाइबल का अध्ययन करने के लिए एक अलग वक्‍त रखा है और उस पर टिके रहने की मैं पूरी कोशिश करता हूँ।”—जॉर्डन।

इस बारे में सोचिए:

अध्ययन के लिए आप कैसा शेड्‌यूल बना सकते हैं?

[पेज 13 पर वक्स/तसवीरें]

आपके हमउम्र के कुछ सुझाव

ज़ैकरीसिर्फ उन्हीं विषयों पर अध्ययन मत कीजिए जिन पर आपके मम्मी-पापा या दूसरे करते हैं। निजी अध्ययन का मतलब है, उन विषयों पर अध्ययन करना जिनके बारे में आप जानना चाहते हैं।

कैलीशुरू-शुरू में अध्ययन के लिए कम समय बिताइए, फिर धीरे-धीरे करके अपना समय बढ़ाइए। चाहे आप पाँच मिनट पढ़ें, फिर भी हर दिन पढ़िए। इसके बाद आप पाँच-पाँच मिनट करके अपना समय बढ़ा सकते हैं जैसे 10, 15, 20 . . . देखते-ही-देखते आपको अध्ययन करने में मज़ा आने लगेगा!

डानियेला—छोटी-छोटी चीज़ें भी बहुत मायने रखती हैं, जैसे अध्ययन करते वक्‍त अलग-अलग रंग के पैन और एक अच्छी-सी नोटबुक का इस्तेमाल करना। आप चाहें तो अपने कंप्यूटर पर ‘निजी अध्ययन’ के नाम से एक फाइल भी बना सकते हैं।

जॉर्डन—अगर मैं अपनी पसंद के किसी विषय पर अध्ययन करूँ, तो मैं ज़्यादा समय बिता पाता हूँ। साथ ही, मुझे एक शांत माहौल चाहिए क्योंकि अगर बहुत शोर मच रहा हो, तो मैं नहीं पढ़ पाता।

[पेज 12 पर रेखाचित्र]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

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