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क्या हम सिर्फ दोस्त हैं या कुछ और? भाग 1

क्या हम सिर्फ दोस्त हैं या कुछ और? भाग 1

नौजवान पूछते हैं

क्या हम सिर्फ दोस्त हैं या कुछ और? भाग 1

ऊपर दिया शीर्षक पढ़कर क्या आपके मन में किसी एक व्यक्‍ति का खयाल आया?

हाँ नहीं

फौरन यह लेख फिर भी यह लेख

पढ़िए। शायद आपको पढ़िए। इसमें दी हिदायतों

इसमें दी हिदायतों से आपको विपरीत लिंग के

की सख्त ज़रूरत हो। व्यक्‍ति के साथ अपनी दोस्ती

को सही हद में रखने में मदद मिलेगी।

आगे दिया वाक्य सही है या गलत, उस पर निशान लगाइए:

जब तक मैं शादी के लिए तैयार नहीं हो जाता, मुझे विपरीत लिंग के किसी भी व्यक्‍ति के साथ दोस्ती नहीं करनी चाहिए।

___ सही ___ गलत

गौर कीजिए: हालाँकि यीशु शादी करने की नहीं सोच रहा था, लेकिन उसके दोस्तों में स्त्रियाँ भी थीं। (मत्ती 12:46-50; लूका 8:1-3) बाइबल में बताए तीमुथियुस के साथ भी ऐसा ही था। वह कुँवारा था, इसीलिए प्रेषित पौलुस ने उससे कहा कि वह “कम उम्र की स्त्रियों को बहनें समझकर सारी पवित्रता के साथ” उनसे पेश आए।—1 तीमुथियुस 5:1, 2.

पौलुस जानता था कि जब तीमुथियुस अलग-अलग मंडलियों में सेवा करेगा तो उसकी मुलाकात कई जवान स्त्रियों से होगी। (मरकुस 10:29, 30) क्या तीमुथियुस का उनसे मिलना-जुलना, बात करना गलत होता? नहीं! मगर अभी फिलहाल उसका शादी करने का इरादा नहीं था, इसलिए उसे खुद के लिए कुछ हदें तय करनी थीं ताकि वह किसी से दिल न लगा बैठे। और किसी जवान स्त्री से इश्‍कबाज़ी करने या उसकी भावनाओं से खिलवाड़ करने की वह सोच भी नहीं सकता था, क्योंकि यह एक मसीही के लिए पूरी तरह गलत है।—लूका 6:31.

आपके बारे में क्या? क्या आप शादी की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए सचमुच तैयार हैं?

अगर हाँ ⇨ तो विपरीत लिंग के व्यक्‍तियों से दोस्ती करने से शायद आपको अपना जीवन-साथी ढूँढ़ने में मदद मिले।—नीतिवचन 18:22; 31:10.

अगर नहीं ⇨ तो आपको कुछ हदें तय करनी होंगी। (यिर्मयाह 17:9) ऐसा करना आसान नहीं है। अट्ठारह साल की नेहा * कहती है, “एक लड़का-लड़की की दोस्ती आसानी से प्यार में बदल सकती है, क्योंकि वे यह तय नहीं कर पाते कि उनकी दोस्ती में क्या हदें होनी चाहिए।”

आपको हद तय करने की ज़रूरत क्यों है? क्योंकि अगर आपने ऐसा नहीं किया तो या तो आपका का दिल टूटेगा या दूसरे का। गौर कीजिए कि ऐसा क्यों होता है।

ज़िंदगी की सच्चाई: अगर आप शादी के लिए तैयार नहीं हैं मगर किसी से दिल लगा बैठते हैं, तो आप दोनों में से किसी एक को चोट ज़रूर पहुँचेगी। काव्या जो 19 साल की है, कहती है, “मेरे साथ ऐसा दो बार हुआ। एक बार मैं एक लड़के को चाहने लगी और दूसरी बार एक लड़का मुझसे प्यार करने लगा। दोनों ही बार किसी के दिल को चोट पहुँची और आज तक मेरे घाव हरे हैं।”

सोचिए:

विपरीत लिंग के लोगों के साथ आपका मिलना-जुलना कब सही होगा और कब गलत?

एक ही व्यक्‍ति के साथ अकेले में समय बिताना, यहाँ तक कि दूसरों की मौजूदगी में भी सारा ध्यान उसी पर लगाना, क्यों बुद्धिमानी नहीं होगी? इससे उस व्यक्‍ति को क्या लगेगा? इससे आप क्या महसूस करेंगे?

“कभी-कभी मैंने खुद से झूठ बोला है कि ‘हम तो सिर्फ दोस्त हैं। वह तो मेरे भाई जैसा है।’ लेकिन जब वह किसी दूसरी लड़की के साथ वक्‍त बिताने लगता है, तो मुझे बहुत बुरा लगता है, जैसे कि उसे सिर्फ मेरे साथ रहना चाहिए।”—दीक्षा।

बाइबल कहती है: “बुद्धिमान्‌ खतरा देख कर छिप जाता है, किन्तु मूर्ख आगे बढ़ता और कष्ट पाता है।”—नीतिवचन 22:3, वाल्द-बुल्के अनुवाद।

ज़िंदगी की सच्चाई: अगर आप शादी के लिए तैयार नहीं हैं मगर किसी से दिल लगा बैठते हैं, तो आप एक अच्छी दोस्ती खो सकते हैं। सोलह साल की कंचन कहती है, “मैं और एक लड़का एक-दूसरे को मैसेज भेजते थे, लेकिन जल्द ही वह मुझे रिझाने की कोशिश करने लगा। और हम लगभग हर दिन एक-दूसरे को मैसेज भेजने लगे। फिर एक दिन उसने मुझे बताया कि वह मुझे बहुत पसंद करता है और हमारे रिश्‍ते को आगे बढ़ाना चाहता है। लेकिन मैंने उसे कभी उस नज़र से नहीं देखा था। जब मैंने उसे यह बताया तो हमारी बातचीत कम होती गयी और एक दिन हमारी दोस्ती टूट गयी।”

सोचिए:

कंचन के मामले में किसके दिल को चोट पहुँची और क्यों? क्या इस अंजाम से बचा जा सकता था? अगर हाँ, तो कैसे?

मैसेज भेजते वक्‍त कोई अनजाने में यह कैसे ज़ाहिर कर सकता है कि वह दूसरे व्यक्‍ति में दिलचस्पी लेने लगा है और दोस्ती से ज़्यादा कुछ चाहता है?

“कभी-कभी मुझे किसी लड़के के साथ वक्‍त बिताने से खुद को रोकना पड़ता है। लड़के बहुत अच्छे दोस्त हो सकते हैं, लेकिन मैं दोस्ती के रिश्‍ते को ज़्यादा आगे बढ़ाकर इसे खराब नहीं करना चाहती।”—लतिका।

बाइबल कहती है: “विवेकी जन सोच-समझकर पैर रखता है।”—नीतिवचन 14:15, हिंदी ईज़ी-टू-रीड वर्शन।

सौ बात की एक बात: विपरीत लिंग के लोगों के साथ मिलना-जुलना अपने आपमें गलत नहीं है। लेकिन अगर आप अपने रिश्‍ते को दोस्ती तक ही सीमित रखना चाहते हैं, तो आपको कुछ हदें तय करनी होंगी।

अगले लेख में . . .

जानिए कि अगर आप शादी करने की नहीं सोच रहे हैं और किसी से दिल लगा बैठते हैं, तो इससे कैसे आपका नाम खराब हो सकता है। (g12-E 06)

“नौजवान पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.pr418.com पर उपलब्ध हैं

[फुटनोट]

^ इस लेख में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

[पेज 22 पर बक्स/तसवीर]]

आप क्या करते?

सच्ची कहानी: “मेरा एक दोस्त करीब 1,500 किलोमीटर दूर रहता था। हम एक-दूसरे को मैसेज भेजते थे, शायद हफ्ते में एक बार। मैं उसे सिर्फ एक दोस्त समझती थी, और कुछ नहीं। और मेरे हिसाब से वह भी मुझे सिर्फ एक दोस्त मानता था। लेकिन फिर एक दिन उसने मुझे मैसेज भेजा: ‘मेरी जान, तुम्हारी बहुत याद आ रही है। वैसे तुम क्या कर रही हो?’ मैसेज पढ़कर मैं एकदम हकबका गयी। मैंने उससे कहा कि मैंने उसे हमेशा एक दोस्त की नज़र से देखा है। उसने जवाब में मैसेज किया, ‘जैसी तुम्हारी मरज़ी।’ इसके बाद उसने फिर कभी मैसेज नहीं किया।”—जैनेट।

● अगर आप शादी करने के बारे में नहीं सोच रहे, न ही आपके हालात इसकी इजाज़त देते हैं और कोई आपको उस तरह का मैसेज भेजता जैसा जैनेट को मिला, तो आप क्या करते?

● अगर आप एक लड़के हैं, तो क्या आपको लगता है कि जैनेट को जो मैसेज भेजा गया वह सही था? अपने जवाब की वजह बताइए।

● आपको क्या लगता है, लड़का-लड़की के दिल में एक-दूसरे के लिए चाहत पनपने की गुंजाइश कब ज़्यादा होती है? जब वे एक-दूसरे को मैसेज भेजते हैं या आमने-सामने बात करते हैं? आपके जवाब की वजह क्या है?

[पेज 23 पर बक्स]

क्यों न अपने माता-पिता से पूछें?

इस लेख में आपको जिन सवालों पर सोचने के लिए कहा गया है, उनके बारे में अपने माता-पिता से पूछिए। क्या उनके विचार आपके विचारों से अलग हैं? अगर हाँ, तो किस तरह? उनकी सोच अपनाने में आपको क्या फायदा नज़र आता है?—नीतिवचन 11:14.

[पेज 23 पर बक्स/तसवीरें]

आपके हमउम्र क्या कहते हैं

जोशुआ—जितना ज़्यादा आप एक ही व्यक्‍ति के साथ वक्‍त बिताएँगे, उतनी ज़्यादा यह गुंजाइश रहेगी कि आप उसे चाहने लगेंगे।

नताशा—अगर आप किसी व्यक्‍ति के साथ सिर्फ दोस्ती का रिश्‍ता चाहते हैं लेकिन फिर हमेशा फुरसत के पल उसी के साथ बिताते हैं, तो किसी एक में या दोनों में कुछ-कुछ होने लगेगा।

केल्सी—भले ही आप शुरू में सिर्फ दोस्त हों, लेकिन अगर आप बहुत ज़्यादा वक्‍त साथ बिताएँगे तो जज़्बात बदलते देर नहीं लगेगी। दोस्ती को दोस्ती तक ही सीमित रखना नामुमकिन नहीं, लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि आपमें उतनी समझ हो।

[पेज 22 पर तसवीर]

अगर आप शादी करने की नहीं सोच रहे, तो किसी से दिल लगा बैठने से मुसीबत खड़ी हो सकती है