4. रेस्तराँ में खाते वक्त एहतियात बरतिए
4. रेस्तराँ में खाते वक्त एहतियात बरतिए
अमरीका में रहनेवाला 38 साल का जेफ एक स्वस्थ और फुर्तीला आदमी था। एक दिन वह अपने परिवार के साथ पिट्सबर्ग, पेन्सिलवेनिया के पास एक रेस्तराँ में खाना खाने गया। एक महीने बाद जेफ की मौत हो गयी, क्योंकि उसके कलेजे ने काम करना बंद कर दिया था। आखिर उसकी हालत इतनी खराब कैसे हो गयी? उसके खाने में हरी प्याज़ थी, जिसमें हेपाटाइटिस-ए के जीवाणु थे।
पश्चिम के एक देश में लोग खाने पर जितना खर्च करते हैं, उसका आधा वे रेस्तराँ में खर्च करते हैं। बताया जाता है कि उसी देश में दूषित खाने से फैलनेवाली करीब 50 प्रतिशत बीमारियों की वजह, रेस्तराँ का खाना है।
यह सच है कि अगर आप रेस्तराँ में खाते हैं तो कोई दूसरा खाने की चीज़ें खरीदता, रसोई साफ करता और पकाता है। इन बातों पर तो आपका कोई ज़ोर नहीं, लेकिन आप यह फैसला ज़रूर कर सकते हैं कि आप कौन-से रेस्तराँ में खाएँगे, क्या खाएँगे और बचा हुआ खाना घर ले जाएँगे या नहीं।
● एक नज़र दौड़ाइए।
ब्राज़ील में रहनेवाली डायाना कहती है, “जब मैं अपने परिवार के साथ किसी रेस्तराँ में पहली बार जाती हूँ तो सबसे पहले एक नज़र दौड़ाकर यह देखती हूँ कि वहाँ के टेबल, टेबल पर बिछा कपड़ा, बरतन और वेटर साफ-सुथरे हैं या नहीं। अगर नहीं, तो हम वहाँ से निकलकर दूसरे रेस्तराँ में चले जाते हैं।” कुछ देशों में स्वास्थ्य अधिकारी नियमित तौर पर सारे रेस्तराँ की जाँच करते हैं और उनकी साफ-सफाई के हिसाब से उन्हें ग्रेड देते हैं। फिर उनकी रिपोर्ट लोगों की जानकारी के लिए प्रकाशित की जाती है।
● बचा हुआ खाना घर ले जाना हो, तो सावधानी बरतिए।
अमरीका के खाद्य और औषधि प्रशासन की सलाह है: “अगर आप खाना परोसे जाने के दो घंटे के अंदर [और अगर मौसम का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा है, तो और भी जल्दी] घर नहीं पहुँचनेवाले, तो बचा हुआ खाना घर मत ले जाइए।” अगर आपने बचा हुआ खाना पैक कराया है, तो रेस्तराँ से सीधे घर जाइए और खाने को फ्रिज में रख दीजिए।
अगर आप इस श्रृंखला में दिए चार सुझावों को मानेंगे, तो आप काफी हद तक दूषित खाने से बच पाएँगे। (g12-E 06)
[पेज 7 पर बक्स/तसवीर]
अपने बच्चों को सिखाइए: “हम अपने बच्चों को सिखाते हैं कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं खाना चाहिए जो दूषित हो सकता है।”—नोएमी, फिलिपाईन्स