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पुराने ज़माने में बैग

पुराने ज़माने में बैग

पुराने ज़माने में बैग

आज के यहोवा के साक्षियों के लिए बैग एक निहायत ही ज़रूरी चीज़ बन चुका है। चाहे आज मसीही सभाओं के लिए किताबें ले जानी हों या फिर दुनिया भर में प्रचार के काम में बाँटने के लिए, बैग ज़रूर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या बाइबल के ज़माने में बैग हुआ करते थे? और क्या उस वक्‍त हर जगह बैग इस्तेमाल किए जाते थे? और ये दिखने में कैसे थे?

पुराने ज़माने में बैगों को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जाता था और ये कई तरह के जानवरों की खालों से और बुनी हुई चीज़ों से बनाए जाते थे। इनमें अनाज, खाने-पीने की दूसरी चीज़ें, तौल के बाट, कीमती सामान, सोने-चाँदी के टुकड़े, सिक्के रखे जा सकते थे और तो और उनमें पानी और दाखमधु भी भरा जा सकता था।—यहोशू ९:४; मत्ती ९:१७.

इब्रानी भाषा में शब्दों की कमी नहीं है और इसलिए इस भाषा में बैग, बटुआ, झोली और गठरी जैसी चीज़ों को बताने के लिए अलग-अलग शब्द इस्तेमाल किए गए हैं। अँग्रेज़ी शब्द सैक इब्रानी शब्द साक से निकला है; बाइबल में टाट और भोजनवस्तु और अनाज रखने के लिए बनाई गई बोरियों के लिए भी इसी इब्रानी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इब्रानी शब्द आमटाखात एक क्रिया से निकला है जिसका मतलब है “फैलाना।” बाइबल में साक और आमटाखात, ये दोनों शब्द मिस्र में यूसुफ के भाइयों के आने का ज़िक्र करते समय एक ही अर्थ में इस्तेमाल हुए हैं। दोनों शब्द उन बोरियों के लिए इस्तेमाल हुए हैं जिनमें मिस्र से अन्‍न ले जाया गया था। लगता है कि आमटाखात से बैग के आकार का और साक से यह पता चलता था कि वह बैग किस चीज़ से बना था।—उत्पत्ति ४२:२५, २७, २८, ३५.

दाऊद और नामान की थैलियाँ

दाऊद ने गोलियत से मुकाबला करने के लिए अपनी चरवाही की थैली में पाँच पत्थर रखे थे। यह एक किस्म का झोला था जिसे कंधे पर आड़ा करके लटकाया जाता था। (१ शमूएल १७:४०) लेकिन यहाँ पर इब्रानी शब्द, केली इस्तेमाल किया गया है जिसका मतलब मिट्टी, लकड़ी, धातु का कोई बर्तन या चमड़े का कोई थैला हो सकता है।

अराम के सेनापति नामान के कोढ़ की भयंकर बीमारी से चंगा होने की कहानी में हम पढ़ते हैं कि उसने लालची गेहजी को “दो किक्कार चान्दी अलग थैलियों में बान्धकर, दो जोड़े वस्त्र समेत अपने दो सेवकों पर लाद दिया, और वे उन्हें उसके आगे आगे ले चले।” (२ राजा ५:२३) यहाँ थैली के लिए इब्रानी शब्द खारिट इस्तेमाल किया गया है। एक किक्कार का वज़न करीब ३४ किलोग्राम होता था, तो ज़ाहिर है कि यह थैली काफी बड़ी और मज़बूत रही होगी ताकि उसमें एक किक्कार और एक जोड़ा कपड़ा भी रखा जा सके। इसलिए इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि दोनों थैलियों को भरने पर उनका वज़न इतना हो गया था कि उन्हें उठाने के लिए दो आदमियों की ज़रूरत पड़ी। लेकिन खारिट शब्द का इस्तेमाल हमेशा एक बड़ी थैली को बताने के लिए नहीं किया जाता था। इसी शब्द का इस्तेमाल बटुओं के लिए भी हुआ है जिन्हें सिय्योन की घमंडी, विलासी स्त्रियाँ फैशन के तौर पर अपने साथ लिए फिरा करती थीं।—यशायाह ३:१६, २२.

व्यापारी का थैला

व्यापारी जिस किस्म के थैले का इस्तेमाल करते थे वह बेशक उन थैलों से काफी मिलता था जिन्हें पूर्वी देशों में आज तक इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के थैले के लिए इब्रानी शब्द किस का इस्तेमाल किया गया है। आज के ऐसे ही थैलों की बनावट को देखकर यह पता चलता है कि उस समय ये थैले शायद सूती कपड़े, मुलायम जलबेंत या चमड़े से बनाए जाते थे। व्यापारी इनमें तौल के बाट रखते थे जिनसे वे कोई माल, अन्‍न या कीमती धातु तौलते थे। किस का ज़िक्र करते हुए मूसा की व्यवस्था ने व्यापार में धोखाधड़ी करने के खिलाफ चेतावनी दी: “अपनी थैली में भांति भांति के, अर्थात्‌ घटती-बढ़ती बटखरे न रखना।” (व्यवस्थाविवरण २५:१३) अपने नबी के ज़रिए यहोवा ने पूछा: “क्या मैं कपट का तराजू और घटबढ़ के बटखरों की थैली लेकर पवित्र ठहर सकता हूं?” (मीका ६:११) किस का इस्तेमाल पैसे और कीमती चीज़ें ले जाने के लिए थैले या बटुए के तौर पर भी किया जा सकता था।—यशायाह ४६:६.

मुहरबंद गट्ठर

इब्रानी शब्द त्सरोर एक क्रिया से निकला है जिसका मतलब है “लपेटना” और यह आम तौर पर इस्तेमाल होनेवाली एक ऐसी बोरी है जिसे रस्सी या डोरी से बाँधकर गट्ठर बनाया जाता था या सिर्फ उसके मुँह को डोरी से बाँधकर बंद किया जाता था। इसी किस्म की थैली में यूसुफ ने वे रुपये वापस कर दिए जो उसके भाइयों ने उसे अन्‍न के बदले में दिए थे और बाइबल बताती है कि हर एक के बोरे में “रुपये की थैली” थी।—उत्पत्ति ४२:३५.

ज़ाहिर है कि मंदिर की चंदा पेटी के धन को निकालकर ऐसी ही थैलियों में बाँधकर रखा जाता था और हर थैली में बराबर रकम डाली जाती थी। पुराने ज़माने में जब व्यापार में भारी रकम का लेन-देन होता था तो अकसर धन को तौलकर एक जैसी बोरियों या थैलियों में रखा जाता था और उन्हें मुहरबंद किया जाता था। यह मुहर इस बात की गारंटी होती थी कि थैली में पूरा धन है और लेन-देन करते वक्‍त लोग इन थैलियों का इस्तेमाल करते थे। इसलिए मुहर का साबुत होना इस बात का सबूत था कि थैले में कितना सोना, चाँदी या कोई और धातु है। अय्यूब १४:१७ (NHT) में परमेश्‍वर से बात करते वक्‍त अय्यूब ऐसे ही मुहरबंद थैले की मिसाल देकर कहता है: “मेरा अपराध थैली में मुहरबन्द है, तू ने अधर्म को सी रखा है।” अबीगैल को भरोसा था कि जब कोई दुश्‍मन दाऊद का पीछा करेगा तब यहोवा उसको बचाएगा। उसने कहा कि दाऊद का प्राण उसके “परमेश्‍वर यहोवा की जीवनरूपी गठरी में बन्धा रहेगा।”—१ शमूएल २५:२९.

मसीही यूनानी शास्त्र में बटुओं का ज़िक्र

मसीही यूनानी शास्त्र में बटुओं, पटुकों और झोलियों का ज़िक्र किया गया है। बटुआ, एक किस्म का थैला या झोली होता था जिसे पुरुष और स्त्री दोनों सोना, चाँदी, ताँबा, सिक्के और दूसरी चीज़ें अपने साथ ले जाने के लिए इस्तेमाल करते थे। (लूका १०:४) अकसर औरतों के पास सुंदर और सजावटी बटुए या सफरी थैले होते थे जो शायद लंबे और गोल आकार के होते थे; इब्रानी भाषा में शब्द खारिट और किस, ऐसे बटुओं के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। (यशायाह ३:२२; ४६:६) पुराने ज़माने में बटुए चमड़े, बुने हुए नरकटों या सूती कपड़े से बनाए जाते थे। उनके सिरों को मिलाकर, चमड़े के फीतों या दूसरी डोरियों से उनका मुँह बाँध दिया जाता था।

यीशु ने अपने शिष्यों को एक प्रचार दौरे पर यहूदिया में भेजा और उनको बताया कि वे सफर के लिए अपने साथ न तो पटुके और ना ही झोले रखें। उसके कहने का मतलब था कि यहोवा उनका ध्यान रखेगा और संगी इस्राएली अपने रिवाज़ के मुताबिक उनकी मेहमान नवाज़ी करेंगे। (मत्ती १०:९, १०) पटुका (जिसका शाब्दिक अर्थ है पट्टी; यूनानी में ज़ोने) शायद एक किस्म का कमरबंद था जिसमें रुपये रखे जाते थे। पटुके अंदर से खोखले होते थे जिनमें रुपये रखे जा सकते थे या अगर पटुका कपड़े का बना होता और उसमें कई तह लगे होते तो रुपयों को तहों में रखा जा सकता था।

यूनानी शब्द, पीरा का अनुवाद झोली किया गया है। जिसका मतलब एक ऐसा थैला है जिसे मुसाफिर अपने कंधों पर लटकाते थे, बेशक उसी तरह जैसे दाऊद अपनी चरवाही की थैली को लटकाता था। उसमें भोजन, कपड़े और दूसरी ज़रूरी चीज़ें होती थीं।

हमेशा तक बने रहनेवाले बटुए

आज लाखों लोग यह समझने लगे हैं कि “थैली-भर बुद्धि की कीमत [थैली-भर] मोतियों से भी ज़्यादा है।” (अय्यूब २८:१८, NW) यही बुद्धि दूसरों को बाँटते हुए यहोवा के साक्षी अपने मसीही प्रचार कार्य में बैगों और पर्सों का अच्छा इस्तेमाल करते हैं। वे वही काम कर रहे हैं जिसकी भजनहार ने भविष्यवाणी की थी, यानी वे बाइबल की सच्चाई का थैला-भर “बीज लेकर” लोगों के पास जा रहे हैं। यह बीज परमेश्‍वर का वचन है जिसमें यह खुशखबरी बताई गई है कि परमेश्‍वर का राज्य इस पृथ्वी को फिर से एक सुंदर बगीचा बना देगा। जब सच्चाई ढूँढ़नेवाले दूसरे लोग भी ईश्‍वरीय बुद्धि पाते हैं तो साक्षी अपनी मेहनत का फल “जयजयकार” करते हुए काटते हैं।—भजन १२६:६.

आध्यात्मिक बातों की अहमियत पर ज़ोर देते हुए यीशु ने अपने चेलों को उकसाया: “अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात्‌ स्वर्ग पर ऐसा धन इकठ्‌टा करो जो घटता नहीं।” जी हाँ, स्वर्गीय खज़ाने से भरा हुआ बटुआ, थैला, बोरी, या गट्ठर सच्ची सुरक्षा देगा और हमेशा तक बना रहेगा।—लूका १२:३३.