कामयाबी का राज़—कैसे जाने आज?
कामयाबी का राज़—कैसे जाने आज?
दोजोशीले नौजवान बड़े कायदे से एक अजीबो-गरीब मशीन को उड़ाने की कोशिश कर रहे थे। यह परीक्षण बड़ा अहमियत रखता था। अचानक, हवा के एक तेज़ झोंके ने उस हलकी-फुल्की और नाज़ुक मशीन को उठाया, तेज़ी से हवा में घुमाया और ज़ोरदार धमाके के साथ उसे ज़मीन पर लाकर पटक दिया। निराश होकर, ये दोनों भाई खामोशी से उसे देखते रहे। उन्होंने इस मशीन को बड़े ध्यान से बनाया था, इसे बनाने में कड़ी मेहनत की थी और रात-दिन पसीना बहाया था। मगर अब वह मशीन लकड़ी और धातु का मलबा बन चुकी थी।
सन् 1900 के अक्तूबर में, उस दिन जो हुआ वह ऑरविल और विलबर राइट के लिए कोई नयी बात नहीं थी। उन्होंने पहले भी काफी कोशिश की थी कि हवा में उड़नेवाले विमान बनाए मगर उनके हाथ बस निराशा और नाकामयाबी ही लगती थी। विमान बनाकर उसे उड़ाने की कोशिश उन्होंने कई सालों से की और इसमें काफी पैसा भी खर्च किया।
आखिरकार उनकी लगन और मेहनत रंग लायी। दिसंबर 17, 1903 के दिन, अमरीका के नॉर्थ कैरोलाइना राज्य के किटी हॉक शहर में राइट भाई, मोटर से चलनेवाले एक विमान के मॉडल को उड़ाने में कामयाब हो ही गए। यह विमान तकरीबन 12 सेकॆंड हवा में उड़ा। हालाँकि आज भरी जानेवाली उड़ानों की तुलना में वह उड़ान बहुत छोटी थी, मगर उसने हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया का रुख बदल दिया!
किसी भी काम में अगर कामयाबी हासिल करनी है तो उसमें धीरज से लगे रहना बहुत ज़रूरी है, अब चाहे कोई नयी भाषा सीखने की बात हो या कोई नया धंधा, या फिर किसी से दोस्ती करने की ही बात क्यों न हो, इन सब में कामयाबी तभी हाथ लगेगी जब एक व्यक्ति धीरज के साथ उस काम में लगा रहता है। लेखक चार्ल्स टॆम्पलटन कहता है, “अगर दस बार कामयाबी हासिल हुई है, तो नौ बार का श्रेय कड़ी मेहनत को जाता है।” लेनार्ड पिट्स जूनियर नाम का लेखक कहता है, “कामयाबी हासिल होने पर हम हुनर और लक की बात करते हैं, मगर अकसर इन ज़रूरी बातों को भूल जाते हैं कि उसके पीछे हमने कितने घंटे लगाए थे, कितनी मेहनत की थी और कितनी बार हम नाकाम हुए थे।”
इससे मालूम होता है कि बाइबल की यह बात कितनी सच है: “कामकाजी लोग प्रभुता करते हैं।” (नीतिवचन 12:24) परिश्रम का मतलब है कि लगन के साथ हम कोशिश करते रहें और कभी हार न मानें। अगर हम अपनी मंज़िल तक पहुँचना चाहते हैं तो लगन और परिश्रम बहुत ज़रूरी है। तो सवाल यह उठता है कि लगन का मतलब क्या है? और हम किस बात में लगे रह सकते हैं और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए हम किस तरह डटे रह सकते हैं? इन सवालों का जवाब अगले लेख में दिया जाएगा।
[पेज 3 पर चित्र का श्रेय]
U.S. National Archives photo