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यहोवा—सामर्थी और अत्यन्त बली

यहोवा—सामर्थी और अत्यन्त बली

यहोवा—सामर्थी और अत्यन्त बली

“वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में से कोई बिना आए नहीं रहता।”—यशायाह 40:26.

1, 2. (क) हमें बिजली कहाँ से मिलती है? (ख) समझाइए कि क्यों यहोवा ही ताकत, अधिकार, शक्‍ति और ऊर्जा देता है।

 शक्‍ति के अनेक रूप होते हैं और अकसर हम इन पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते। जैसे कि बिजली को ही ले लीजिए। अगर बिजली नहीं होती, तो पता नहीं हमारी ज़िंदगी कैसी होती। बिजली हमारे लिए कितनी ज़रूरी है, यह हमें तभी पता चलता है जब बिजली चली जाती है। कहा जाता है कि हमें ज़्यादातर बिजली सूरज की वज़ह से मिलती। * हर सेकंड में सूरज पचास लाख टन इंधन जलाता है, जिससे हमें ऊर्जा मिलती है।

2 तो फिर सूरज को इतना इंधन कहाँ से मिलता है? किसने इतना बड़ा भट्टा बनाकर उसे अंतरिक्ष में रखा है? यहोवा परमेश्‍वर ने। भजन 74:16 (NHT) में उसके बारे में कहा गया है: “तू ही ने सूर्य . . . को बनाया।” जी हाँ, जैसे यहोवा ने सबको जीवन दिया है वैसे ही वह सबको ताकत, अधिकार, शक्‍ति और ऊर्जा भी देता है। (भजन 36:9) हमें कभी-भी उसकी ताकत को मामूली बात नहीं समझना चाहिए। भविष्यवक्‍ता यशायाह के ज़रिए यहोवा ने हमसे आकाश के सूरज, चांद, तारों की ओर नज़रें उठाकर देखने और यह सोचने के लिए कहा कि इन सबको किसने बनाया। “अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में से कोई बिना आए नहीं रहता।”—यशायाह 40:26; यिर्मयाह 32:17.

3. परमेश्‍वर की शक्‍ति से हमें क्या-क्या फायदे होते हैं?

3 यहोवा अत्यन्त बली है, उसकी ताकत कभी खत्म नहीं होगी, और इसलिए सूरज भी हमें रोशनी और गरमी देता रहेगा, जो हमारे लिए बहुत ज़रूरी है, वरना हम मर सकते हैं। लेकिन परमेश्‍वर अपनी शक्‍ति से हमें सिर्फ रोशनी और गर्मी ही नहीं देता। वह अपनी शक्‍ति से हमें पाप और मौत से छुटकारा देता है, हमें उज्ज्वल भविष्य देता है। उसकी अपार शक्‍ति की वज़ह से ही हम उस पर जी-जान से भरोसा कर सकते हैं। (भजन 28:6-9; यशायाह 50:2) बाइबल में ऐसी कई बातें बताई गई हैं जो यह सबूत देती हैं कि परमेश्‍वर अपनी शक्‍ति से जो चाहे बना सकता है, किसी को भी छुड़ा सकता है, अपने लोगों को बचा सकता है और दुश्‍मनों का सर्वनाश कर सकता है।

सृष्टि—परमेश्‍वर की शक्‍ति का सबूत

4. (क) आसमान में बिखरे तारों का दाऊद पर क्या असर हुआ? (ख) अंतरिक्ष के तारों से हमें परमेश्‍वर की शक्‍ति के बारे में क्या पता चलता है?

4 प्रेरित पौलुस ने कहा कि हमारे सृजनहार की ‘सनातन सामर्थ, उसके कामों के द्वारा देखने में आती है।’ (रोमियों 1:20) प्रेरित पौलुस से सदियों पहले, भजनहार दाऊद ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। वह एक चरवाहा रह चुका था और इसलिए उसे कई दफे घर से बाहर रात काटनी पड़ी होगी और तब ज़रूर उसने ऊपर तारों भरे आसमान की ओर देखा होगा और सोचा होगा कि हमारा जहाँ कितना विशाल है और इसे बनानेवाले के पास कितनी ताकत है। दाऊद ने कहा: “जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तारागण को जो तू ने नियुक्‍त किए हैं, देखता हूं; तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?” (भजन 8:3, 4) दाऊद अंतरिक्ष के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं जानता था, मगर वह इतना ज़रूर जानता था कि इस विशाल ब्रह्‍मांड के सृजनहार की बराबरी में वह कुछ भी नहीं है। आज, खगोलशास्त्री इस विश्‍वमंडल की विशालता के बारे में और इस विश्‍वमंडल को चलाने के लिए जितनी शक्‍ति लगती है उसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं। वे कहते हैं कि हमारा सूरज बस हर सॆकंड में इतनी ऊर्जा निकालता है जो 1000 करोड़ मेगाटन टी.न.टी. रसायन के विस्फोट के बराबर है। * इस ऊर्जा का एक बहुत ही छोटा हिस्सा हमारी पृथ्वी तक आता है, ठीक उतना ही जितना इस ग्रह को ज़रूरत है। लेकिन, अंतरिक्ष में ऐसे कई और तारे हैं जो सूरज से काफी गुना शक्‍तिशाली हैं। कुछ तारे तो इतने शक्‍तिशाली हैं कि जितनी ऊर्जा सूरज एक दिन में देता है, उतनी ऊर्जा वे एक सेकंड में देते हैं। तो सोचिए, अगर इन तारों में इतनी ऊर्जा है, तो इनके बनानेवाले में कितनी ताकत होगी! एलीहू ने इस बात को समझते हुए कहा: “सर्वशक्‍तिमान को हम पा नहीं सकते; वह सामर्थ्य में अति महान्‌ है।”—अय्यूब 37:23, NHT.

5. सृष्टि में हम यहोवा की ताकत का कौन-सा सबूत देखते हैं?

5 सो, अगर हम भी दाऊद की तरह ‘यहोवा के कामों पर ध्यान लगाएँ’ तो हमें भी कुदरत की हर चीज़ में परमेश्‍वर की शक्‍ति का सबूत मिलेगा, बहती हवाओं में, समुंदर की लहरों में, बिजली की कौंध में, मूसलाधार बारिश में, तेज़ी से बहती नदियों में, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों में। (भजन 111:2; अय्यूब 26:12-14) फिर यहोवा ने अय्यूब को एहसास दिलाया कि जानवरों की ताकत भी उसी की शक्‍ति का सबूत है। यहोवा ने जलगज या दरियाई घोड़े की मिसाल देते हुए अय्यूब से कहा: “उसकी कटि में बल है, . . . उसकी पसुलियां मानो लोहे के बेंड़े हैं।” (अय्यूब 40:15-18) बाइबल के ज़माने में लोग ये भी जानते थे कि एक जंगली सांड में कितनी ज़्यादा ताकत होती है। दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की कि उसे ‘सिंह के मुंह से, हां, जंगली सांडों के सींगों से’ बचाया जाए।—भजन 22:21; अय्यूब 39:9-11.

6. बाइबल में सांड किसे चित्रित करता है और क्यों? (फुटनोट देखिए।)

6 सांड बहुत ताकतवर होता है, इसलिए बाइबल में उसे यहोवा की ताकत का प्रतीक माना गया है। * प्रेरित यूहन्‍ना ने यहोवा के सिंहासन का जो दर्शन देखा, उसमें उसने चार करूबों को देखा, जिसमें से एक का मुँह बछड़े या जवान सांड की तरह था। (प्रकाशितवाक्य 4:6, 7) सांड की तरह दिखनेवाला करूब, यहोवा के चार प्रमुख गुणों में एक, शक्‍ति को दर्शाता है। यहोवा के बाकी प्रमुख गुण प्रेम, बुद्धि, और न्याय हैं। क्योंकि शक्‍ति परमेश्‍वर के व्यक्‍तित्व का बहुत ही महत्त्वपूर्ण गुण है, सो जब हम उसकी शक्‍ति के बारे में और किस तरह वह अपनी शक्‍ति को इस्तेमाल करता है, इस बारे में अच्छी समझ पाएँगे तो हम उसके और भी नज़दीक आएँगे और यहोवा की तरह हम अपनी शक्‍ति का अच्छा इस्तेमाल करेंगे।—इफिसियों 5:1.

‘शक्‍तिमान, सेनाओं का यहोवा’

7. हम कैसे यकीन रख सकते हैं कि बुराई को हमेशा-हमेशा के लिए निकाल दिया जाएगा?

7 बाइबल में यहोवा को “सर्वशक्‍तिमान्‌ ईश्‍वर” भी कहा गया है। (उत्पत्ति 17:1; निर्गमन 6:3) परमेश्‍वर सर्वशक्‍तिमान है, यानी उसके पास अपार ताकत है जिससे वह अपने दुश्‍मनों का सर्वनाश कर सकता है। इसलिए हालाँकि आज दुष्ट व्यवस्था की जड़ें बहुत ही गहरी हैं, पर यहोवा की नज़रों में “डोल की एक बून्द वा पलड़ों पर की धूलि” के माफिक हैं। (यशायाह 40:15) इसमें कोई शक नहीं कि परमेश्‍वर अपनी ताकत का इस्तेमाल करके बुराई को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर देगा। सो, जबकि आज दुनिया में बुराई बहुत ही बढ़ गयी है, पर हमें यह बात जानकर तसल्ली मिलती है कि ‘सेनाओं का यहोवा, इस्राएल का शक्‍तिमान’ इस बुराई का हमेशा-हमेशा के लिए सर्वनाश कर देगा।—यशायाह 1:24; भजन 37:9, 10.

8. यहोवा के पास कौन-सी सेनाएँ हैं, और हम उनकी ताकत का अंदाज़ा कैसे लगा सकते हैं?

8 बाइबल में यहोवा को करीब 285 बार “सेनाओं का यहोवा” कहा गया है, और ये शब्द भी हमें परमेश्‍वर की शक्‍ति का सबूत देते हैं। यहाँ पर जिन “सेनाओं” का ज़िक्र किया गया है, वे उसके आत्मिक स्वर्गीय प्राणियों की सेनाएँ हैं जो उसका हुक्म बजाती हैं। (भजन 103:20, 21; 148:2) उसके एक स्वर्गदूत की ताकत का अंदाज़ा लगाने के लिए ध्यान दीजिए कि सिर्फ एक ही रात में, एक स्वर्गदूत ने 1,85,000 अश्‍शूरी सैनिकों को मार गिराया, क्योंकि वे यरूशलेम पर चढ़ाई करनेवाले थे। (2 राजा 19:35) सो, अगर हमें यहोवा की सेनाओं पर पूरा विश्‍वास होगा तो हमें दुश्‍मनों से डरने की कोई ज़रूरत नहीं होगी। एक बार जब एक बड़ी सेना ने यहोवा के एक भविष्यवक्‍ता को घेर लिया था, तो उसका दास बहुत डर गया था, लेकिन भविष्यवक्‍ता बिलकुल भी नहीं डरा, क्योंकि वह विश्‍वास की आँखों से देख सकता था कि उसके साथ स्वर्ग की शक्‍तिशाली सेनाएँ हैं।—2 राजा 6:15-17.

9. यीशु की तरह हम भी क्यों यकीन रख सकते हैं कि परमेश्‍वर हमारी रक्षा करेगा?

9 यीशु भी जानता था कि स्वर्ग की सेनाएँ उसके साथ हैं। यह बात एक घटना से पता चलती है जब तलवार और लाठियाँ लिए एक भीड़ गतसमनी के बाग में यीशु को पकड़ने के लिए आयी। जब पतरस ने यीशु के बचाव में तलवार चलाई, तो यीशु ने उससे कहा कि अगर ज़रूरी हो, तो वह अपने पिता से “स्वर्गदूतों की बारह पलटन” भेजने की माँग कर सकता है। (मत्ती 26:47, 52, 53) अगर हमें भी यहोवा की सेनाओं पर पूरा विश्‍वास हो, तो हम भी हर हाल में परमेश्‍वर पर पूरा भरोसा रख सकेंगे। प्रेरित पौलुस ने लिखा: “सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्‍वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?”—रोमियों 8:31.

10. यहोवा अपनी शक्‍ति का इस्तेमाल किस की खातिर करता है?

10 तो फिर इस बात पर पूरा विश्‍वास रखने का हमारे पास हर कारण है कि यहोवा हमारी रक्षा करेगा। वह हमेशा अपनी ताकत का इस्तेमाल न्याय, बुद्धि और प्रेम, इन गुणों को ध्यान में रखते हुए करता है, और वह भी सिर्फ लोगों की भलाई करने के लिए। (अय्यूब 37:23; यिर्मयाह 10:12) जबकि शक्‍तिशाली लोग हमेशा अपने स्वार्थ के लिए गरीबों और छोटे लोगों को अपने पैरों तले रौंदते हैं, यहोवा उन्हें “घूरे [ज़मीन] पर से उठाकर ऊंचा करता है” और उनका “पूरा उद्धार करने की शक्‍ति रखता” है। (भजन 113:5-7; यशायाह 63:1) यीशु की माँ, मरियम बिलकुल सभ्य थी और वह जानती थी कि “शक्‍तिमान” परमेश्‍वर उन लोगों की खातिर अपनी ताकत का इस्तेमाल करता है जो उसका भय रखते हैं। ऐसे लोगों को वह ऊँचा करता है और घमंडी लोगों को नीचा करता है।—लूका 1:46-53.

यहोवा अपने सेवकों को अपनी शक्‍ति दिखाता है

11. सा.यु.पू. 1513 में इस्राएलियों ने परमेश्‍वर की शक्‍ति का कौन-सा सबूत देखा?

11 कई बार यहोवा ने अपने सेवकों को अपनी शक्‍ति दिखाई। ऐसा ही एक बार सा.यु.पू. 1513 में सीनै पर्वत पर हुआ था। उस साल में इस्राएलियों ने परमेश्‍वर की ताकत के काफी सबूत देखे थे। दस बड़ी विपत्तियों के ज़रिए यहोवा ने अपनी ताकत दिखाई थी और यह ज़ाहिर किया था कि मिस्र के देवी-देवता कितने कमज़ोर हैं। इसके बाद जब उसने लाल समुद्र में से इस्राएल को बाहर निकाला और फिरौन की सेना का नाश किया, तब भी उसने अपनी शक्‍ति का सबूत दिया। तीन महीने बाद सीनै पर्वत के पास यहोवा ने इस्राएल को ‘सब लोगों में से अपना निज धन’ ठहराया। और इस्राएलियों ने वादा किया कि “जो कुछ यहोवा ने कहा है वह सब हम नित करेंगे।” (निर्गमन 19:5, 8) तब यहोवा ने अपनी ताकत का एक और सबूत दिया। बादल गरजने लगे और बिजली चमकने लगी, नरसिंगे की भारी आवाज़ आने लगी, और पूरा पर्वत धुंए से भर गया और काँप उठा। काफी दूरी पर खड़े लोग भी काँप उठे। लेकिन मूसा ने कहा कि इस घटना से उन्हें यह सीखना चाहिए कि वे परमेश्‍वर का भय मानें, और इसी वज़ह से वे सर्वशक्‍तिमान एकमात्र सच्चे परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा मानें।—निर्गमन 19:16-19; 20:18-20.

12, 13. एलिय्याह अपना काम छोड़कर क्यों भागा था, मगर यहोवा ने उसे फिर से कैसे ताकत दी?

12 कई सदियों बाद, यानी एलिय्याह के समय पर परमेश्‍वर ने सीनै पर्वत पर फिर एक बार अपनी शक्‍ति का सबूत दिया। भविष्यवक्‍ता एलिय्याह परमेश्‍वर की ताकत को देख चुका था क्योंकि साढ़े तीन साल तक, यहोवा ने इस्राएल के धर्मद्रोह की वज़ह से “आकाश को . . . बन्द” कर रखा था। (2 इतिहास 7:13) इसकी वज़ह से जब सूखा पड़ा, तो करीत नाम की जगह में कौवे एलिय्याह को खाना खिलाते रहे। इसके बाद जब एक विधवा के घर में आटा और तेल खत्म हो गया, तो यहोवा ने एलिय्याह को चमत्कार करने की ताकत दी ताकि वह उन्हें खाना दे सके। उसने उसके मरे हुए बेटे को जी उठाने की भी ताकत दी। कर्मेल पर्वत पर जब परमेश्‍वर की ताकत को ललकारा गया, तो उसने स्वर्ग से एक आग भेजी और एलिय्याह द्वारा चढ़ाई गयी कुर्बानी को भस्म कर दिया। (1 राजा 17:4-24; 18:36-40) लेकिन जब इसके कुछ ही समय बाद ईज़ेबेल ने एलिय्याह को जान से मारने की धमकी दी, तो वह बहुत ही डर गया। (1 राजा 19:1-4) वह यह सोचकर उस नगर को छोड़कर भाग निकला कि भविष्यवक्‍ता के तौर पर उसका काम खत्म हो गया है। लेकिन उसका हौसला बढ़ाने और शक्‍ति देने के लिए यहोवा ने उसे फिर एक बार अपनी ताकत का सबूत दिया।

13 जब एलिय्याह एक गुफा में जाकर छिप गया था, तो यहोवा ने उसे अपनी शक्‍ति प्रकट करने के लिए आंधी, भूँईडोल और आग का इस्तेमाल किया। लेकिन जब उसने एलिय्याह से बात की, तो वह ‘दबी हुई और धीमी’ आवाज़ में बात कर रहा था। फिर उसने उसे और काम दिया और कहा कि उस नगर में यहोवा की उपासना करनेवाले अब भी 7,000 लोग हैं। (1 राजा 19:9-18) सो, अगर एलिय्याह की तरह हमारा भी उत्साह कम हो जाता है, क्योंकि सेवकाई में हमें ज़्यादा फल नहीं मिल रहा, तो हम यहोवा से प्रार्थना कर सकते हैं कि वह हमें “असीम सामर्थ” दे, ताकि हम बिना रुके सुसमाचार का प्रचार करते रहें।—2 कुरिन्थियों 4:7.

यहोवा की शक्‍ति, उसके वादों की गारंटी

14. यहोवा नाम का मतलब क्या है, और उसकी शक्‍ति का उसके नाम से क्या ताल्लुक है?

14 यहोवा की शक्‍ति उसके नाम से और उसका उद्देश्‍य पूरा करने से जुड़ी हुई है। यहोवा, इस नाम का ही मतलब है “वह बनने का कारण होता है,” यानी उसे अपने वादों को पूरा करने के लिए जो भी बनने की ज़रूरत होती है वह खुद को वही बनाता है। कोई भी उसे अपना मकसद पूरा करने से रोक नहीं सकता, चाहे शक करनेवाले उसके उद्देश्‍यों पर जितना भी शक क्यों न करें। यीशु ने अपने प्रेरितों से कहा कि “परमेश्‍वर से सब कुछ हो सकता है।”—मत्ती 19:26.

15. इब्राहीम और सारा को कैसे याद दिलाया गया कि यहोवा के लिए कोई काम कठिन नहीं है?

15 आइए इसका एक उदाहरण देखें। यहोवा ने एक बार इब्राहीम और सारा से वादा किया था कि वह उनसे एक जाति उत्पन्‍न करेगा। लेकिन फिर भी कई सालों तक इब्राहीम के कोई बच्चा नहीं हुआ। जब यहोवा ने कहा कि उसका वादा पूरा होगा, तो वे काफी बूढ़े हो चुके थे, इसलिए सारा हँस पड़ी। लेकिन स्वर्गदूत ने कहा: “क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है?” (उत्पत्ति 12:1-3; 17:4-8; 18:10-14) यहोवा ने अपना वादा पूरा किया और इसके चार सौ साल बाद जब मूसा ने इब्राहीम के वंश को मोआब की तराई में इकट्ठा किया, तो वह एक बड़ी जाति की तरह दिख रहा था। तब मूसा ने उन्हें याद दिलाया कि यहोवा ने इब्राहीम से जो वादा किया था, उसे उसने पूरा किया। मूसा ने कहा: “उस [यहोवा] ने जो तेरे पितरों से प्रेम रखा, इस कारण उनके पीछे उनके वंश को चुन लिया, और प्रत्यक्ष होकर तुझे अपने बड़े सामर्थ्य के द्वारा मिस्र से इसलिये निकाल लाया, कि तुझ से बड़ी और सामर्थी जातियों को तेरे आगे से निकालकर तुझे उनके देश में पहुंचाए, और उसे तेरा निज भाग कर दे, जैसा आज के दिन दिखाई पड़ता है।”—व्यवस्थाविवरण 4:37, 38.

16. सदूकी पुनरुत्थान में विश्‍वास क्यों नहीं करते थे?

16 सदियों बाद, यीशु ने सदूकियों को फटकारा क्योंकि वे पुनरुत्थान में विश्‍वास नहीं करते थे। वे क्यों विश्‍वास नहीं करते थे कि परमेश्‍वर मरे हुओं को ज़िंदा करके अपना वादा पूरा करेगा? यीशु ने इसका जवाब दिया: “तुम पवित्र शास्त्र और परमेश्‍वर की सामर्थ नहीं जानते।” (मत्ती 22:29) बाइबल में हमें यकीन दिलाया गया है कि “जितने कब्रों में हैं, उसका [यीशु का] शब्द सुनकर निकलेंगे।” (यूहन्‍ना 5:27-29) बाइबल पुनरुत्थान के बारे में जो कहती है, अगर हम वह जानते हैं, तो परमेश्‍वर की शक्‍ति हमारे विश्‍वास को मज़बूत करेगी कि मरे हुओं का पुनरुत्थान ज़रूर होगा। परमेश्‍वर “मृत्यु को सदा के लिये नाश करेगा, . . . क्योंकि यहोवा ने ऐसा कहा है।”—यशायाह 25:8.

17. कब हमें एक खास तरीके से परमेश्‍वर की बचाने की ताकत पर विश्‍वास रखना होगा?

17 जल्द ही एक ऐसा समय आनेवाला है जब हममें से हरेक को एक खास तरीके से परमेश्‍वर की बचाने की ताकत पर विश्‍वास रखना होगा। शैतान जल्द ही परमेश्‍वर के लोगों पर हमला करेगा, क्योंकि वे असहाय और बेबस दिखेंगे। (यहेजकेल 38:14-16) लेकिन परमेश्‍वर अपने लोगों को बचाने के लिए अपनी महाशक्‍ति का इस्तेमाल करेगा, और तब सभी लोग जान जाएँगे कि वह यहोवा है। (यहेजकेल 38:21-23) सो, सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर में अपना भरोसा और विश्‍वास बढ़ाने का यही मौका है, वरना हम उस आखिरी नाज़ुक घड़ी में डगमगा जाएँगे।

18. (क) यहोवा की शक्‍ति पर विचार करने से हमें कौन-से फायदे होंगे? (ख) अगले लेख में हम किस बात पर विचार करेंगे?

18 सो हमने देखा कि यहोवा की शक्‍ति पर विश्‍वास करने के लिए हमारे पास बहुत कारण हैं। जब हम उसकी शक्‍ति पर विचार करते हैं, तो हमारा दिल हमें अपने महान सृजनहार की स्तुति करने के लिए उकसाता है। साथ ही, वह जिस बुद्धिमानी और प्यार से अपनी शक्‍ति का इस्तेमाल करता है, उसके लिए हम शुक्रगुज़ार हैं। अगर हम सेनाओं के यहोवा पर विश्‍वास रखें, तो हम कभी नहीं डरेंगे। उसके वादों पर हमारा विश्‍वास अटल रहेगा। लेकिन याद रखिए कि हमें परमेश्‍वर के स्वरूप में बनाया गया है, इसलिए हमारे पास भी कुछ हद तक शक्‍ति है। सो हम अपनी शक्‍ति का इस्तेमाल यहोवा की तरह कैसे कर सकते हैं? अगले लेख में हम इस बात पर चर्चा करेंगे।

[फुटनोट]

^ ज़मीन में से हम जो तेल और कोयला निकालते हैं, उसी से बिजली बनाते हैं। आम तौर पर लोग कहते हैं कि तेल और कोयले को ऊर्जा सूरज से मिलती है।

^ इसकी तुलना में अब तक के सबसे शक्‍तिशाली परमाणु बम की विस्फोटक क्षमता सिर्फ 57 मेगाटन TNT है।

^ बाइबल में ज़िक्र किया गया सांड शायद जंगली बैल की एक जाति है, जिसे अंग्रेज़ी में ऑरक्स कहा जाता है। यह प्राणी 2000 साल पहले गॉल (आज के फ्रांस) में पाया जाता था। जूलियस सीज़र ने इनके बारे में लिखा: “ऑरक्स दिखने में तो सांड है, मगर हाथी जितना विशाल है। इनकी ताकत और रफ्तार के क्या कहने! अगर किसी इंसान या जानवर पर इनकी नज़र पड़ जाए, तो उसकी खैर नहीं।”

क्या आप इनका जवाब दे सकते हैं?

• कुदरत यहोवा की शक्‍ति का सबूत कैसे देती है?

• यहोवा अपने लोगों की मदद करने के लिए किन सेनाओं का इस्तेमाल कर सकता है?

• यहोवा ने अपनी शक्‍ति कब-कब दिखायी थी?

• हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा अपने वादों को ज़रूर पूरा करेगा?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 10 पर तसवीरें]

“अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा?”

[चित्र का श्रेय]

Photo by Malin, © IAC/RGO 1991

[पेज 13 पर तसवीरें]

यहोवा की शक्‍ति के सबूत पर विचार करने से उसके वादों में हमारा विश्‍वास और भी मज़बूत होता है