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यिज्रैल की खुदाई से उन्हें क्या मिला?

यिज्रैल की खुदाई से उन्हें क्या मिला?

यिज्रैल की खुदाई से उन्हें क्या मिला?

प्राचीन समय का यिज्रैल शहर सदियों से बंजर पड़ा है। बाइबल के मुताबिक यह शहर कभी बहुत ही प्रमुख और शानदार हुआ करता था। मगर आज इसकी शानो-शौकत और खूबसूरती पहले जैसी नहीं रही। आज यह शहर ज़मीन के नीचे दबा है और बस मिट्टी का एक टीला बनकर रह गया है। हाल के सालों में पुरातत्वविज्ञानियों ने खुदाई में मिली यिज्रैल शहर की चीज़ों की जाँच की। उनकी जाँच से हमें बाइबल में दिए गए वृत्तांतों के बारे में क्या पता चलता है?

बाइबल में बताया गया यिज्रैल शहर

यिज्रैल की तराई के पूर्वी भाग में यिज्रैल शहर बसा हुआ था। यह प्राचीन इस्राएल के शहरों में से, एक सबसे उपजाऊ इलाका था। तराई के ठीक उस पार उत्तर की ओर मोरे नाम की पहाड़ी थी, जहाँ मिद्यानियों ने न्यायी गिदोन और उसकी सेना पर हमला करने से पहले छावनी डाली थी। यिज्रैल के पूर्व की ओर गिलबो * नामक पहाड़ की तलहटी में हरोद नाम का सोता था। इस जगह हज़ारों की तादाद की गिदोन की सेना खड़ी थी। मगर यहोवा ने उनकी संख्या को घटाकर महज 300 कर दिया था जिससे यह साबित हो जाए कि अपने लोगों को छुड़ाने के लिए उसे किसी शक्‍तिशाली सेना की ज़रूरत नहीं है। (न्यायियों 7:1-25; जकर्याह 4:6) इसी गिलबो पहाड़ पर, इस्राएल के पहले राजा शाऊल को पलिश्‍तियों के साथ हुए घमासान युद्ध में मात खानी पड़ी थी। इस लड़ाई में शाऊल के तीन बेटे मारे गए थे जिनमें योनातन भी शामिल था और बाद में शाऊल ने भी आत्महत्या कर ली थी।—1 शमूएल 31:1-5.

बाइबल में यिज्रैल के बारे में जो बातें बतायी गयी हैं, उनसे हमें बहुत कुछ पता चलता है। यह ऐसा शहर था जहाँ अधिकार का दुरुपयोग किया गया था और इस्राएली राजाओं ने सच्चे परमेश्‍वर से मुँह मोड़ लिया था। साथ ही, वहाँ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने यहोवा के प्रति वफादारी और उत्साह दिखाया था। यिज्रैल में ही राजा अहाब ने अपना राजभवन बनवाया था जबकि असल में इस्राएल की राजधानी शोमरोन थी। सा.यु.पू. करीब दसवीं सदी के मध्य में अहाब इस्राएल के उत्तरी दस गोत्रों का राजा था। (1 राजा 21:1, NHT) इसी शहर से अहाब की विदेशी पत्नी ईज़ेबेल ने यहोवा के भविष्यवक्‍ता एलिय्याह को जान से मार देने की धमकी दी थी। क्योंकि एलिय्याह ने बाल-देवता के नबियों को, सच्चा परमेश्‍वर कौन है यह साबित करने की चुनौती दी थी, और इसके लिए उसने कर्म्मेल पहाड़ पर एक परीक्षा रखी थी। जब बाल के नबी उस परीक्षा में हार गए, और यह साबित नहीं कर पाए कि उनका देवता ही सच्चा परमेश्‍वर है, तो एलिय्याह ने निडर होकर उन सबको मौत के घाट उतार दिया। इस बात से ईज़ेबेल बहुत ही आग बबूला हो गयी थी।—1 राजा 18:36–19:2.

यिज्रैल शहर में एक घोर अपराध भी हुआ था। नाबोत नाम के एक यिज्रैली की हत्या कर दी गयी थी। इसकी वज़ह? राजा अहाब को नाबोत की दाख की बारी बहुत पसंद आ गयी और वह उसे किसी भी हालत में पाना चाहता था। जब राजा ने नाबोत से वह ज़मीन माँगी, तब नाबोत ने यह जवाब दिया: “यहोवा न करे कि मैं अपने पुरखाओं का निज भाग तुझे दूं।” इस तरह नाबोत अपनी वफादारी पर कायम रहा और अहाब को उसने ज़मीन नहीं दी जिसकी वज़ह से अहाब बहुत दुःखी हो गया। अहाब का उतरा हुआ चेहरा देखकर रानी ईजेबेल ने नाबोत को मरवा डालने की योजना बनायी। ईज़ेबेल ने छल-कपट किया और एक झूठा मुकदमा चलवाकर नाबोत पर परमेश्‍वर की निंदा करने का झूठा इलज़ाम लगाया। निर्दोष नाबोत को दोषी साबित किया गया और उसे पत्थरवाह करके मार डाला गया। उसके मरने के बाद, राजा ने उसकी दाख की बारी पर कब्ज़ा कर लिया।—1 राजा 21:1-16.

उसके इस नीच काम की वज़ह से एलिय्याह ने यह भविष्यवाणी की: “यिज्रैल के किले के पास कुत्ते ईजेबेल को खा डालेंगे।” एलिय्याह ने आगे कहा: “अहाब का जो कोई नगर में मर जाएगा उसको कुत्ते खा लेंगे; . . . सचमुच अहाब के तुल्य और कोई न था जिसने अपनी पत्नी ईजेबेल के उसकाने पर वह काम करने को जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, अपने को बेच डाला था।” मगर जब एलिय्याह ने यहोवा का यह न्यायदंड अहाब को सुनाया तो उसने खुद को दीन किया और नम्र बना। इस वज़ह से यहोवा ने कहा कि यह न्यायदंड अहाब की मौत के बाद ही दिया जाएगा। (1 राजा 21:23-29) बाइबल का वृत्तांत आगे कहता है कि एलिय्याह के उत्तराधिकारी, एलीशा के ज़माने में इस्राएल के राजा के रूप में येहू का अभिषेक किया गया। और येहू ने यिज्रैल शहर पहुँचते ही आदेश दिया कि ईज़ेबेल को उसके राजभवन की खिड़की से नीचे फेंक दिया जाए, फिर वह घोड़ों के पैरों तले रौंदी गयी। बाद में पता चला कि उसके पूरे शरीर को कुत्ते चट कर गए थे, और बस उसकी खोपड़ी और पाँव, हथेली की हड्डियाँ बची थीं। (2 राजा 9:30-37) बाइबल में बतायी गयी आखरी घटना जो यिज्रैल में हुई, वह अहाब के 70 बेटों को मौत के घाट उतार देने के बारे में है। येहू ने यिज्रैल शहर के फाटक की दोनों तरफ इन राजकुमारों के सिर के ढेर बनाकर रख दिए थे। उसके बाद येहू ने धर्मभ्रष्ट अहाब की मदद करनेवाले बड़े-बड़े प्रमुख लोगों और पुजारियों को मार डाला।—2 राजा 10:6-11.

खुदाई करनेवालों को क्या मिला?

सन्‌ 1990 में कुछ लोगों ने मिलकर यिज्रैल शहर को ढूँढ़ निकालने का काम शुरू किया। इस टीम में, डेविड उसिशकिन के निर्देशन में इंस्टिट्यूट ऑफ आर्कियॉलजी ऑफ तेल अवीव यूनिवर्सिटी, और जॉन वुडहैड के निर्देशन में जरूसलॆम के ब्रिटिश स्कूल ऑफ आर्कियॉलजी के लोग थे। उन्होंने यिज्रैल ढूँढ़कर उसकी जाँच-पड़ताल करने के लिए लगभग 90 स्वंयसेवकों का दल बनाकर, सन्‌ 1990-96 के दौरान सात बार काम किया, जिसमें हर बार वे लगातार छः हफ्ते काम करते रहे।

आजकल पुरातत्वविज्ञानी किसी भी निष्कर्ष तक पहुँचने में, पहले से किए गए अध्ययनों से मिली जानकारी की मदद नहीं लेते। साथ-ही वे बाइबल में दी गयी ऐतिहासिक बातों को ही अपना आधार मानकर कोई निष्कर्ष नहीं निकालते। इसके बजाए वे खुदाई करके निकाली गयी चीज़ों की अच्छी तरह जाँच-परख करके ही किसी निष्कर्ष तक पहुँचने की कोशिश करते हैं। जॉन वुडहैड कहता है, यिज्रैल के संबध में एक समस्या सामने आई। इस शहर के बारे में बाइबल से तो बहुत जानकारी मिलती है, लेकिन दूसरी जगहों से मिलनेवाले लिखित प्रमाण न के बराबर हैं। इसलिए पुरातत्वविज्ञानियों को अपनी जाँच-पड़ताल में यह देखना होगा कि बाइबल इस शहर के बारे में और जिस ज़माने में यह शहर हुआ करता था, उसके बारे में क्या कहती है। तो फिर खुदाई करनेवालों की कोशिशों से क्या पता चला है?

शुरू से ही, जैसे-जैसे शहर की चारदीवारी और मिट्टी के बरतन उजागर होने लगे, यह साफ पता चलने लगा कि ये अवशेष लौह-युग (आयन एज) के ज़माने के हैं। बाइबल यिज्रैल शहर के समय के बारे में जो कुछ बताती है वह लौह-युग के समय से एकदम मेल खाता है। मगर और खुदाई करने पर, कुछ हैरान कर देनेवाली बातें सामने आने लगीं। पुरातत्वविज्ञानियों को यह जानकर ताज्जुब हुआ कि यह जगह बहुत ही बड़ी थी और इसकी शहरपनाह भी बहुत विशाल थी। खुदाई करनेवाले यही सोच रहे थे कि यिज्रैल की शहरपनाह, इस्राएल की राजधानी प्राचीन शोमरोन की शहरपनाह की तरह ही होगी। मगर जैसे-जैसे वे खुदाई करते गये उन्हें यह साफ दिखने लगा कि यिज्रैल शहर शोमरोन से बहुत ही बड़ा था। उसकी शहरपनाह की लम्बाई 300 मीटर और चौड़ाई 150 मीटर थी और अंदर का कुल इलाका उस ज़माने के इस्राएल के किसी भी दूसरे शहर से तीन गुना ज़्यादा बड़ा था। शहरपनाह के चारों तरफ सूखी हुई गहरी खाई थी। शहरपनाह की ऊँचाई से लेकर खाई के तल तक का माप 11 मीटर था। प्रॉफॆसर उसिशकिन कहते हैं कि बाइबल के ज़माने के इस्राएल में यही एक शहर था जिसके चारों तरफ एक गहरी खाई थी। वे कहते हैं, “बाइबल के समयों में कहीं और इस तरह की सुरक्षा का प्रबंध देखने को नहीं मिलता। ऐसी सुरक्षा का प्रबंध तो सिर्फ 11वीं सदी के आस-पास ही दिखायी देने लगा।”

यिज्रैल में एक और खासियत दिखायी दी जिसकी उम्मीद ही नहीं की जा सकती थी। शहर के मध्य में बड़ी-बड़ी इमारतें नहीं थी। शहर के निर्माण के दौरान लाल-भूरे रंग की मिट्टी लायी गयी थी। उस मिट्टी को यहाँ डालकर एक बहुत बड़ा मंच या प्लैटफार्म बनाया गया था। टॆल जॆज़रील में जो खुदाई की गयी थी, उसके बारे में सेकॆन्ड प्रिलिमनरी रिपोर्ट कहती है कि यह खास मंच इस बात का सबूत हो सकता है कि राजा अहाब यिज्रेल में सिर्फ रहता ही नहीं था, “बल्कि यह यिज्रैल ओमराइड [ओम्री और उसके वंशज] राजाओं के ज़माने में इस्राएली राजा की सेना का खास केंद्र था . . . जहाँ राजा के रथ-सारथी और घुड़सवार रहते थे और वहीं उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती थी।” इस बड़े मंच और पूरी शहरपनाह के आधार पर वुडहैड यह अंदाज़ा लगाता है कि यह कोई परेड ग्राउंड रहा होगा जहाँ राजा अपने रथों और घुड़सवारों की फौज का प्रदर्शन करता था क्योंकि उस समय उसकी सेना ही सबसे बड़ी और ताकतवर सेना थी।

खुदाई करने पर शहर के फाटक के जो अवशेष मिले, वे खुदाई करनेवालों को बहुत दिलचस्प लगे। उस शहर के प्रवेश द्वार के फाटक पर दोनों ओर दो-दो कोठरियाँ थीं। लेकिन, शायद सदियों के दौरान बाकी के पत्थरों को चुरा लिया गया होगा, इसलिए किसी भी पक्के निष्कर्ष पर पहुँचना मुश्‍किल है। वुडहैड का कहना है कि यिज्रैल में शायद छः कोठरियोंवाला फाटक रहा हो। क्योंकि मगिद्दो, हासोर, और गेजेर के फाटकों के जो अवशेष पाए गए, उनमें फाटकों के दोनों ओर तीन-तीन कोठरियाँ थीं। और यिज्रैल में पाए गए फाटक का आकार और माप मगिद्दो, हासोर, और गेजेर में पाए गए फाटकों से पूरी तरह मिलता है। *

यिज्रैल शहर बहुत ही फलदायक और उपजाऊ इलाका था और वह पूरी तरह से सुरक्षित था। मगर आश्‍चर्य की बात यह है कि यह शहर बहुत कम समय तक अस्तित्व में रहा। वुडहैड कहता है कि यिज्रैल बहुत ही बड़ा, मज़बूत और सुरक्षित शहर था, मगर यह सिर्फ कुछ दशकों तक ही टिक पाया। यह बात बहुत ही अजीब थी, क्योंकि मगिद्दो, हासोर, और राजधानी शोमरोन जैसे बाइबल के ज़माने के दूसरे देशों का तो कई बार निर्माण किया गया, उनकी सरहदों को बढ़ाया गया और कई सदियों तक उनमें लोग बसे भी। मगर इस बढ़िया शहर का नामो-निशान इतनी जल्दी क्यों मिट गया? वुडहैड इस बारे में अपनी राय देते हैं कि अहाब और उसके साम्राज्य ने इस शहर की आर्थिक स्थिति को बहुत खराब कर दिया था क्योंकि इन लोगों ने राज्य की धन-दौलत को पूरी तरह उड़ा दिया था। यिज्रैल के विशाल आकार और उसे मज़बूत बनाने के लिए किए गए इंतज़ामों से यही ज़ाहिर होता है कि राजा अहाब ने इस शहर पर ही सारा पैसा खर्च कर दिया था। मगर जब येहू राजा बना, तो उसकी सरकार अहाब को पूरी तरह से भुला देना चाहती थी। इसलिए उन्होंने उस शहर को छोड़ दिया।

खुदाई करने पर अब तक जितने भी सबूत मिले हैं, उनसे यही पता चलता है कि यिज्रैल शहर लौह युग में इस्राएलियों का बहुत ही बड़ा केंद्र था। और खुदाई करने पर इसका आकार और शहरपनाह बाइबल में दिए गए ब्योरे से पूरी तरह मिलते हैं। और बाइबल यही बताती है कि अहाब और ईज़ेबेल इस शहर में रहते थे। खुदाई से यह भी पता चला कि इस शहर में लोग बहुत ही कम समय तक रहे जो कि बाइबल भी कहती है। बाइबल कहती है: यह शहर अहाब के राज के समय बहुत जल्दी मशहूर होने लगा था, और फिर यहोवा की आज्ञा पर इस शहर पर शामत आ गयी जब येहू ने “अहाब के घराने के जितने लोग यिज्रैल में रह गए, उन सभों को और उसके जितने प्रधान पुरुष और मित्र और याजक थे, उन सभों को . . . मार डाला, यहां तक कि उस ने किसी को जीवित न छोड़ा।”—2 राजा 10:11.

यिज्रैल कौन-से युग में था?

जॉन वुडहैड कहता है, “पुरातत्वविज्ञान में किसी भी एक चीज़ के तारीख के आधार पर दूसरी चीज़ों की सही तारीख का पता लगाना बहुत कठिन है।” सो जब पुरातत्वविज्ञानियों को पिछले सात सालों की खुदाई से चीज़ें मिलती हैं, तो वे इसकी तुलना दूसरी जगहों पर पायी गयी चीज़ों के साथ करते हैं। तुलना करने पर यह पता चलता है कि पायी गयी चीज़ों को फिर से जाँचना होगा क्योंकि हर व्यक्‍ति इस बारे में अलग-अलग तारीख बताते हैं कि यिज्रैल किस ज़माने में अस्तित्व में था। क्यों? क्योंकि जब इस्राएली पुरातत्वविज्ञानी यिगेल याडीन ने सन्‌ 1960 और 1970 के दशकों के दौरान मगिद्दो की खुदाई करके शहरपनाह और शहर के फाटक खोज निकाले, तब उसने यह निष्कर्ष निकाला कि यह शहर सुलैमान के ज़माने का है। उसके इस निष्कर्ष से बाकी सभी पुरातत्वविज्ञानी सहमत थे। मगर जब यिज्रैल की शहरपनाह, मिट्टी के बरतन और फाटक पाए गए, तब लोगों के मन में शक पैदा होने लगा क्योंकि यहाँ पायी गयी चीज़ें और मगिद्दो पर पायी गयी चीज़ें एक जैसी थीं।

मिसाल के तौर पर, ज़मीन की जिस परत में यिज्रैल के मिट्टी के बरतन पाए गए, उसी परत में मगिद्दो भी पाया गया। और मगिद्दो के बारे में याडीन ने कहा था कि वह सुलैमान के शासन के ज़माने का है। दोनों ही जगहों के फाटकों के माप और उनके बनाने के तरीके काफी मिलते-जुलते हैं। इसलिए वुडहैड कहते हैं: “इन सभी सबूतों को देखकर यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि या तो यिज्रैल सुलैमान के ज़माने का है या फिर [मगिद्दो और हासोर] राजा अहाब के ज़माने का।” बाइबल साफ-साफ बताती है कि यिज्रैल शहर राजा अहाब के ज़माने में था। इसलिए वुडहैड यही मानता है कि मगिद्दो भी अहाब के ज़माने का ही है। डेविड उसिशकिन के मुताबिक, बाइबल यह नहीं कहती कि सुलैमान ने ही उन फाटकों का निर्माण किया। वह सिर्फ यह कहती है कि सुलैमान ने मगिद्दो का निर्माण किया। सो इन फाटकों को आगे जाकर किसी और ने बनाया होगा।

क्या यिज्रैल के इतिहास को हम जान सकते हैं?

खुदाई करके पायी गयी इन चीज़ों की वज़ह से क्या यिज्रैल के बारे में बाइबल का वृत्तांत या सुलैमान के बारे में शक होता है? बिलकुल नहीं। क्योंकि बाइबल पर इन चीज़ों का कोई असर नहीं पड़ता। बाइबल का लक्ष्य अलग है और पुरातत्वविज्ञान का अलग। मगर पुरातत्वविज्ञान से जो भी चीज़ें मिलती हैं, उनसे और बाइबल में दी गयी बातों से हमें पूरी जानकारी मालूम हो जाती है।

बाइबल में पुराने ज़माने की घटनाओं और उस समय के लोगों के बारे में लिखा है। खुदाई करनेवाले लोग इन्हीं घटनाओं और लोगों के बारे में जानकारी पाने के लिए मिट्टी में पाए जानेवाले अवशेषों की जाँच करते हैं। मगर, अकसर ये अवशेष पूरी कहानी नहीं बताते और इसी वज़ह से एक ही खोज के ढेर सारे मतलब या तारीख निकाले जा सकते हैं। इस बारे में, अपनी किताब आर्कियॉलजी ऑफ द लैंड ऑफ द बाइबल—सा.यु.पू. 10,000 से 586 में अमीहाई मेज़ार कहते हैं, “खुदाई का काम . . . एक मायने में कला तो है, मगर इसमें ट्रेनिंग व निपुणता की भी ज़रूरत होती है। इसमें सफलता पाने के लिए हर बार बस एक ही तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। बल्कि इसके लिए नए-नए या अलग-अलग तरीके आज़माने पड़ते हैं जिसके लिए खुदाई के काम में अगुवाई लेनेवालों को तैयार भी रहना चाहिए। किसी भी पुरातत्वविज्ञानी को ट्रेनिंग और बाकी की मदद की तो ज़रूरत है ही, मगर उसके लिए ईमानदार होना और अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करना भी बहुत ज़रूरी है।”

पुरातत्वविज्ञान बाइबल की इसी बात को साबित करती है कि यिज्रैल में राजा की बहुत बड़ी सेना थी और वह बहुत बड़ा केंद्र भी था। मगर आश्‍चर्य की बात है कि वह केंद्र बहुत ही कम समय के लिए टिका। वह केंद्र इतिहास के उस समय में था जब अहाब राज करता था। और भी ढेर सारे दिलचस्प सवाल उठे होंगे जिनका अध्ययन पुरातत्वविज्ञानी आगे के सालों तक करते रहेंगे। मगर, जिस सरल तरीके से परमेश्‍वर का वचन, बाइबल हमें इसकी पूरी कहानी सुना सकता है, उतनी सरलता से पुरातत्वविज्ञानी हमें कभी भी नहीं सुना सकेंगे।

[फुटनोट]

^ हिंदी BSI बाइबल में न्यायियों 7:3 में गिलाद पहाड़ का ज़िक्र किया गया है, मगर कुछ हस्तलिपियाँ कहती हैं कि यह गिलबो पहाड़ है।

^ सन्‌ 1988 के अगस्त 15 की अंग्रेज़ी प्रहरीदुर्ग में दिया गया लेख “फाटकों का रहस्य” देखिए।

[पेज 26 पर तसवीरें]

यिज्रैल की वह जगह जहाँ खुदाई की गयी

[पेज 28 पर तसवीर]

यिज्रैल में पायी गयी कनानी मूर्ती