क्या आपको याद है?
क्या आपको याद है?
क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाओं को पढ़ा है? अगर हाँ, तो देखिए कि आप इन सवालों का जवाब दे सकते हैं या नहीं:
• किन वज़हों से कोरिया के लोगों ने क्रिसमस को आसानी से अपना लिया?
पुराने ज़माने में कोरिया और कुछ दूसरे देशों के लोग रसोई के देवता को मानते थे जो दिसंबर में लोगों के रसोई-घरों में चिमनी के रास्ते आता था और अपने साथ तोहफे लाता था। साथ ही, दूसरे विश्व युद्ध के बाद, अमरीकी सैनिक वहाँ के चर्चों में खासकर क्रिसमस के समय लोगों में तोहफे, कपड़े-लत्ते और दवाइयाँ बाँटते थे। इन सब वज़हों से कोरिया के लोगों ने धीरे-धीरे क्रिसमस को अपनाना शुरू किया।—12/15, पेज 4, 5.
• यशायाह 21:8 के मुताबिक, परमेश्वर ने हमारे समय में किसे ‘पहरुआ’ ठहराया है?
आज यह पहरुओं का वर्ग अभिषिक्त मसीहियों से बना है जो दुनिया भर में होनेवाली घटनाओं पर नज़र रखते हैं और लोगों को बाइबल भविष्यवाणियों के पूरा होने की खबर बराबर देते रहते हैं। उन्होंने बाइबल का अध्ययन करनेवालों की मदद की ताकि वे गलत शिक्षाओं और कामों को पहचानें और उनसे दूर रहें।—1/1, पेज 8, 9.
• “पॉलिश भाइयों” के पंथ की शिक्षाएँ क्या थीं और उनके साथ क्या हुआ?
यह 16वीं और 17वीं शताब्दी में पोलैंड का एक छोटा-सा धार्मिक पंथ था जो लोगों को बाइबल को पूरी तरह से मानने के लिए बढ़ावा देता था। इसलिए इस पंथ ने उस समय की त्रिएक, शिशुओं का बपतिस्मा और नरकाग्नि जैसी चर्च की शिक्षाओं को ठुकराया था। जब उनकी शिक्षाएँ ज़ोर पकड़ने लगीं, तब उन्हें बुरी तरह सताया गया और इस तरह उन्हें दूसरे देशों में भाग जाने के लिए मज़बूर किया गया।—1/1, पेज 21-3.
• भविष्यवक्ताओं या ज्योतिषियों द्वारा की गयी भविष्यवाणियों के बजाय बाइबल की भविष्यवाणियों पर क्यों पूरा भरोसा किया जा सकता है?
खुद को भविष्यवक्ता कहनेवाले ऐसे सभी इंसान बिलकुल झूठे साबित हुए हैं क्योंकि वे यहोवा और बाइबल को पूरी तरह से ठुकराते हैं। सिर्फ बाइबल से ही आपको यह जानने में मदद मिल सकती है कि इंसान के बारे में की गई परमेश्वर की भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी होंगी, जिससे कि आपको और आपके परिवार को हमेशा-हमेशा के लिए फायदा हो।—1/15, पेज 3.
• हम अंत के दिनों में जी रहे हैं, इसके कौन-से सबूत हैं?
शैतान को स्वर्ग से खदेड़ दिए जाने के बाद इस पृथ्वी पर जो भी उथल-पुथल हुई है, वह इसका एक सबूत है। (प्रकाशितवाक्य 12:9) फिर प्रकाशितवाक्य 17:9-11 में आखिरी “राजा” के बारे में जो भविष्यवाणी की गई थी वह आज हमारे समय में पूरी हो रही है। साथ ही आज अभिषिक्त मसीहियों की संख्या कम होती जा रही है, हालाँकि ज़ाहिर होता है कि बड़ा क्लेश शुरू होने के वक्त कुछ अभिषिक्त मसीही इस पृथ्वी पर ज़रूर होंगे।—1/15, पेज 12, 13.
• हबक्कूक की किताब कब लिखी गयी थी और हमें इसमें दिलचस्पी क्यों लेनी चाहिए?
हबक्कूक की किताब सा.यु.पू. 628 के करीब लिखी गयी थी। इसमें उन न्यायदंडों के बारे में बताया गया है जो यहोवा ने पुराने ज़माने के यहूदा और बाबुल के राष्ट्रों पर सुनाए थे। इसमें परमेश्वर के उस न्यायदंड के बारे में भी बताया गया है जो बहुत जल्द इस दुष्ट दुनिया पर चुकाया जाएगा।—2/1, पेज 8.
• एक माँ ने योग्य पत्नियों के लिए जो बेहतरीन सलाह दी, वह बाइबल में कहाँ दर्ज़ है?
यह बेहतरीन सलाह नीतिवचन के आखरी अध्याय, यानी 31वें अध्याय में दी गयी है।—2/1, पेज 30, 31.
• यहोवा ने हमें “मसीह का मन” ज़ाहिर किया है, इसके लिए हमें उसका एहसान क्यों मानना चाहिए? (1 कुरिन्थियों 2:16)
खुशखबरी की किताबों के ज़रिए, यहोवा ने हमें यीशु के सोच-विचार, उसकी गहरी भावनाएँ, उसके काम और जो बातें उसकी ज़िंदगी में ज़्यादा अहमियत रखती थीं, उनके बारे में सीखने में मदद दी है। इस तरह हम और भी बेहतर रूप से यीशु की तरह बन सकते हैं, खासकर उसकी तरह प्रचार काम को ज़्यादा अहमियत देना सीख सकते हैं जिससे लोगों की ज़िंदगी बच सकती है।—2/15, पेज 25.
• क्या परमेश्वर आज हमारी प्रार्थनाओं का जवाब देता है?
जी हाँ, ज़रूर देता है। लेकिन बाइबल दिखाती है कि परमेश्वर सभी प्रार्थनाओं का जवाब नहीं देता। मगर आज के अनुभवों से पता चलता है कि उसने अकसर ऐसे लोगों की प्रार्थनाओं का जवाब दिया है जिन्होंने हौसला पाने के लिए और अपने शादीशुदा ज़िंदगी में होनेवाली समस्याओं को सुलझाने के लिए मदद माँगी है।—3/1, पेज 3-7.
• परमेश्वर से शक्ति पाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
हम शक्ति के लिए परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं। बाइबल भी हमें आध्यात्मिक रूप से मज़बूत कर सकती है। साथ ही हम मसीही भाई-बहनों के द्वारा भी शक्ति पा सकते हैं।—3/1, पेज 15, 16.
• माता-पिता अपने बच्चों की किस तरह मदद कर सकते हैं ताकि वे मीटिंगों का पूरा-पूरा फायदा उठाएँ?
वे अपने बच्चों को मीटिंग में ले जाने से पहले झपकी लेने के लिए कह सकते हैं ताकि वे मीटिंगों में न सोएँ। साथ ही उन्हें मीटिंग के दौरान “नोट्स” लेने के लिए कह सकते हैं, जैसे उनसे कहा जा सकता है कि जब प्लैटफॉम से जानेमाने शब्द या नाम कहे जाते हैं, तो वे इन्हें अपनी किताब में लिख लें।—3/15, पेज 17, 18.
• अय्यूब की मिसाल से हम क्या सीख सकते हैं?
अय्यूब ने परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को सबसे ज़्यादा अहमियत दी, वह लोगों के साथ अच्छा सलूक करता था, अपनी पत्नी के प्रति वफादार था, उसे अपने परिवार के लोगों की आध्यात्मिक ज़रूरतों की फिक्र थी, और वह परीक्षाओं के दौरान वफादार रहा।—3/15, पेज 25-7.
• क्या बाइबल के अक्षरों में कोई गुप्त संदेश है जिससे हम उसमें छिपी गूढ़ बातों को समझ सकें?
यह दावा झूठा है कि बाइबल के अक्षरों में कोई गुप्त संदेश छिपा हुआ है क्योंकि किसी भी किताब के बारे में ऐसा दावा किया जा सकता है। साथ ही अलग-अलग इब्रानी हस्तलिपियों में अलग-अलग वर्तनी इस्तेमाल की गयी है जिससे यह बात साफ ज़ाहिर होती है कि बाइबल के अक्षरों में गुप्त संदेश हो ही नहीं सकता।—4/1, पेज 30, 31.