भले कामों से परमेश्वर की बड़ाई होती है
भले कामों से परमेश्वर की बड़ाई होती है
जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे उसके वचन बाइबल से मिलनेवाली आध्यात्मिक रोशनी प्रकट करने की कोशिश करते हैं। ऐसा करके वे यीशु की इस आज्ञा के मुताबिक चलते हैं: “तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में है, बड़ाई करें।” (मत्ती 5:16) अच्छी बोली और अच्छा चालचलन रखने से परमेश्वर की बड़ाई होती है।
यहोवा के साक्षी बाइबल के मुताबिक चलने और दूसरों को आध्यात्मिक रूप से मदद करने के द्वारा परमेश्वर की बड़ाई करने की कोशिश करते हैं। ऐसा वे उन देशों में भी करते हैं, जहाँ उनके काम को कानूनी मान्यता नहीं मिली है। एक ऐसे ही देश की बात लीजिए। उस देश की राजधानी में, वहाँ के साक्षी अपना सालाना अधिवेशन रखते आए हैं जिनमें करीब 6,000 से 9,000 लोग हाज़िर होते हैं। सन् 1999 के अधिवेशनों के लिए साक्षियों ने ऐसे हॉल भाड़े पर लिए जिनमें अकसर प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं। और हमेशा की तरह सैकड़ो साक्षियों ने मिलकर हॉल की अच्छी साफ-सफाई की, साऊँड सिस्टम का इंतज़ाम किया और हज़ारों कुर्सियाँ लगाईं।
साक्षियों की मेहनत और उनके काम करने का तरीका देखकर हॉल के अधिकारियों को बड़ा ताज्जुब हुआ। अधिवेशन में 15,666 लोग हाज़िर हुए थे, फिर भी सारा कार्यक्रम बहुत ही व्यवस्थित ढंग से पूरा हुआ था। जब अधिवेशन के बाद भी साक्षियों ने हॉल की अच्छी सफाई की तो अधिकारी बेहद खुश हुए।
हॉल के अधिकारियों ने साक्षियों के काम के लिए अपनी कदरदानी दिखाते हुए कहा कि अब से वे अपना हॉल सबसे पहले साक्षियों को ही देंगे। यही नहीं, उन्होंने 15 जुलाई, 1999 के दिन, साक्षियों की अधिवेशन कमिटी को एक अवार्ड दिया। उस पर लिखा था: “यहोवा के साक्षियों की कलीसिया।” ऐसे देश में जहाँ साक्षियों के काम पर पाबंदी लगी हुई हो, वहाँ अवार्ड पाना वाकई ताज्जुब की बात थी! यह अवार्ड उन्हें भले कामों की वज़ह से मिला और इससे परमेश्वर की बड़ाई हुई।
सन् 2000/2001 में एक बार फिर इस तरह के अधिवेशन पूरी दुनिया में होंगे जिनमें लाखों की तादाद में लोग आएँगे। इस बार के अधिवेशन का शीर्षक है, “परमेश्वर के वचन पर चलनेवाले।” आप भी उसमें हाज़िर होकर खुद देख सकते हैं कि यहोवा के साक्षी किस तरह के भले काम करते हैं जिससे परमेश्वर की बड़ाई होती है।