प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 सितंबर, 2000 क्या आप—इंतज़ार करना जानते हैं? मसीह के जैसी मनोवृत्ति दिखाइए! इंतज़ार करने की मनोवृत्ति रखिए! ‘सुधार का समय’—बस करीब है! हमारी विरासत—हमारे लिए कितनी अनमोल है? ‘वे तो प्यार और भलाई की बातें करते हैं’ सच्चाई के बीजों पर चिली में बरसा पानी यहोवा अपने वफादार लोगों को प्रतिफल ज़रूर देता है बरसों की तलाश आखिर रंग लाई खामोशी क्या कह रही थी? क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 सितंबर, 2000 प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 सितंबर, 2000 हिंदी प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 सितंबर, 2000 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/e781f8601f/images/cvr_placeholder.jpg