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मसीही प्यार—सिर्फ बातों से नहीं

मसीही प्यार—सिर्फ बातों से नहीं

मसीही प्यार—सिर्फ बातों से नहीं

बार्थलम्यू परिवार, ट्रिनिडैड में रहता है। एक दिन आग लगने से उनका घर तहस-नहस हो गया। उनका सब कुछ जल कर राख हो गया, सिर्फ उनकी जान बच गयी। तब पास में रहनेवाली उनकी एक रिश्‍तेदार ने उन्हें अपने घर में बसेरा दिया। लेकिन इसके आगे क्या हुआ?

ऑलिव बार्थलम्यू यहोवा की साक्षी है। जब यह हादसा हुआ, तो उसकी कलीसिया और पड़ोस की सभी कलीसियाओं ने तुरंत चंदा इकट्ठा करना शुरू किया ताकि ऑलिव का घर दोबारा बनाया जा सके। इस काम को पूरा करने के लिए पहले एक कमिटी बनायी गयी और फिर काम शुरू हो गया। काम के लिए करीब 20 साक्षी थे और कुछ पड़ोसियों ने भी मदद की। कुछ जवानों ने भी हाथ बँटाया। दूसरों ने काम करनेवालों के लिए नाश्‍ते-पानी का इंतज़ाम किया।

ऑलिव कहती है: “मेरे परिवार के लोग यहोवा के साक्षी नहीं हैं। जब उन्होंने भाई-बहनों को इस तरह मदद करते हुए देखा, तो वे दंग रह गए। मेरे पति को तो अब भी अपनी आँखों पर विश्‍वास नहीं हो रहा है।” यह बात ट्रिनिडैड के एक अखबार, संडे गार्डियन ने रिपोर्ट की।

इस काम की निगरानी करनेवाले भाई ने सभी लोगों की मेहनत के बारे में ज़ोर देते हुए कहा कि ऐसे काम सच्चे मसीही धर्म की निशानी है। उन्होंने कहा: “हम यहोवा के साक्षी, दूसरों से प्यार करने के बारे में घर-घर जाकर सिर्फ बात ही नहीं करते बल्कि अपने कामों से प्यार दिखाते भी हैं।—यूहन्‍ना 13:34, 35.

[पेज 32 पर तसवीर]

ऑलिव बार्थलम्यू और उसका पति