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खतरों के साए में जीना

खतरों के साए में जीना

खतरों के साए में जीना

“हम हर रोज़ जो भी करते हैं उसमें एक भी ऐसा काम नहीं जिससे हमारी ज़िंदगी को खतरा न हो, और वह शायद हमारी ज़िंदगी का आखिरी काम बन जाए। इसमें नींद लेने जैसी मामूली बात भी शामिल है।”—डिस्कवर मैगज़ीन।

ज़िंदगी की तुलना एक ऐसे मैदान से की गयी है जिसमें बारूदी-सुरंगें बिछी हों, और जहाँ से गुज़रते समय अचानक, किसी भी वक्‍त मौत हो सकती है या फिर व्यक्‍ति अपाहिज बन सकता है। वैसे तो हर देश में अलग-अलग तरह के खतरे होते हैं। कहीं सड़क पर दुर्घटना होने का खतरा रहता है, तो कहीं गृह-युद्ध, अकाल, एड्‌स, कैंसर, दिल की बीमारियों का सामना करने का खतरा। खतरों की यह लिस्ट कभी खत्म नहीं होती। मिसाल के लिए, सब-साहारन अफ्रीका को ही लीजिए। वहाँ सिर्फ एड्‌स की वजह से सबसे ज़्यादा लोग मरते हैं। यू.एस.न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट पत्रिका में कहा गया है कि सन्‌ 1999 में, वहाँ एड्‌स की वजह से “22 लाख लोग मारे गए और यह संख्या अफ्रीका में अब तक के गृह-युद्धों में मारे गए लोगों की संख्या से 10 गुना ज़्यादा है।”

इतना ही नहीं, दुनिया भर में लोग बीमार और अपाहिज होने के खतरों को कम करने और लंबी ज़िंदगी जीने के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा देते हैं। इसके लिए काफी सुझाव भी दिए जाते हैं, जैसे पौष्टिक खाना-पीना और कसरत करना, जिनसे कुछ हद तक फायदा हो सकता है। मगर, ज़िंदगी के हर पहलू के बारे में ऐसी भरोसेमंद जानकारी भी मौजूद है जिसकी मदद से हम सबसे ज़्यादा सुरक्षित और कुशल ज़िंदगी बिता सकते हैं। यह जानकारी हमें सिर्फ बाइबल में मिलती है। इसमें हमारी

सेहत और दूसरे कई मामलों के बारे में मार्गदर्शन दिए गए हैं। हाँ, ये सच है कि बाइबल में हर समस्या से निपटने के लिए बारीकी से ब्योरा नहीं दिया गया है। मगर, इसमें ऐसे उम्दा उसूल दिए गए हैं जिनसे हमें भोजन, अच्छी सेहत, सही मनोवृत्ति, लैंगिक बातें, शराब, तंबाकू, नशीले पदार्थों, और ढेर सारी अन्य बातों के बारे में सही मार्गदर्शन मिलता है।

इतना ही नहीं, कई लोगों को आर्थिक मामलों को लेकर काफी तनाव रहता है कि कल उनके हाथ में पैसे होंगे या नहीं। ऐसे मामलों में भी बाइबल हमारी मदद करती है। बाइबल में न सिर्फ रुपए-पैसों के बारे में सही नज़रिया रखने और उनका सही इस्तेमाल करने के बारे में सलाह दी गयी है, बल्कि यह भी बताया गया है कि हम कैसे बेहतर मालिक या कर्मचारी बन सकते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, बाइबल न केवल आर्थिक और शारीरिक मामलों के बारे में, बल्कि ज़िंदगी के हर पहलू के बारे में उम्दा सलाह देती है। क्या आप जानना चाहते हैं कि बाइबल हमारे लिए कितने फायदेमंद हो सकती है? अगर आप जानना चाहते हैं, तो आगे पढ़ते रहिए।