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“तेरा शरीर [नाभि] स्वस्थ रहेगा”

“तेरा शरीर [नाभि] स्वस्थ रहेगा”

“तेरा शरीर [नाभि] स्वस्थ रहेगा”

माना जाता है कि इंसान की ज़्यादातर बीमारियों की वजह है भावनात्मक दबाव जैसे डर, दुःख, जलन, द्वेष, नफरत, और दोष-भावना। ऐसे में हमें बाइबल में कही बात से बहुत सांत्वना मिलती है कि ‘यहोवा का भय मानने’ से “तेरा शरीर [नाभी, फुटनोट] स्वस्थ रहेगा तथा तेरी हड्डियों को पुष्टता प्राप्त होगी”!—नीतिवचन 3:7, 8, NHT.

हड्डियों का ढाँचा शरीर को आकार देता है और उसे सँभालता भी है। इसलिए, बाइबल व्यक्‍ति को, खासकर उसकी गहरी भावनाओं को दर्शाने के लिए ‘हड्डी’ शब्द इस्तेमाल करती है। मगर, यहोवा का भय मानने से ‘शरीर [नाभि] कैसे स्वस्थ रहता’ है?

इस आयत में ‘नाभि’ शब्द के ज़िक्र के बारे में बाइबल विद्वानों की अलग-अलग राय है। एक विद्वान कहता है, “क्योंकि ये शरीर के एकदम बीच का हिस्सा है,” इसलिए ‘नाभि’ शरीर के सभी ज़रूरी अंगों को दर्शाती है। एक दूसरा विद्वान कहता है कि शब्द ‘नाभि’ का मतलब शायद नाभि-नाड़ि या नाल है जैसे यहेजकेल 16:4 में ज़िक्र है। अगर यह सही है, तो नीतिवचन 3:8 (NHT) शायद परमेश्‍वर पर पूरी तरह निर्भर होने की बात पर ज़ोर दे रहा है, उसी तरह जैसे माँ के गर्भ में पल रहा असहाय शिशु अपने आहार के लिए माँ पर पूरी तरह निर्भर होता है। दूसरी तरफ, ऐसा भी कहा जाता है कि यहाँ ज़िक्र की गयी ‘नाभि’ शायद शरीर की माँस-पेशियों और टैडन को सूचित करती है। आयत के आगे-पीछे लिखी बातों को देखें, तो शायद यहाँ शरीर के इन नरम भागों की विषमता ‘हड्डी’ जैसे ठोस भाग से की गयी है।

चाहे इसका मतलब जो भी हो, एक बात तो पक्की है: यहोवा के प्रति श्रद्धा और भय दिखाना ही सबसे बुद्धिमानी की बात है। परमेश्‍वर के स्तरों को मानकर चलने से आज भी हमारी सेहत अच्छी हो सकती है। इतना ही नहीं, ऐसा करके हम यहोवा को खुश करते हैं, जिसकी बदौलत यहोवा हमें आनेवाली नयी दुनिया में, शरीर से और मन से भी अच्छी सेहत के साथ हमेशा-हमेशा की ज़िंदगी देगा।—यशायाह 33:24; प्रकाशितवाक्य 21:4; 22:2.

[पेज 32 पर चित्र का श्रेय]

Dr. G. Moscoso/SPL/Photo Researchers