इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

आध्यात्मिक फिरदौस क्या है?

आध्यात्मिक फिरदौस क्या है?

आध्यात्मिक फिरदौस क्या है?

गुस्ता  की परवरिश ब्राज़ील के एक छोटे-से शहर में हुई थी। * उसे बचपन से सिखाया गया था कि जब भले इंसान मर जाते हैं, तो वे स्वर्ग चले जाते हैं। उसे परमेश्‍वर के इस उद्देश्‍य के बारे में मालूम नहीं था कि भविष्य में एक दिन इस पृथ्वी को फिरदौस बना दिया जाएगा और उसमें सभी वफादार लोग सिद्ध जीवन जीएँगे। (प्रकाशितवाक्य 21:3, 4) इसके अलावा गुस्तावू आध्यात्मिक फिरदौस के बारे में भी नहीं जानता था। उसे यह नहीं मालूम था कि आज भी उसे इस फिरदौस में रहने का मौका मिल सकता है।

क्या आपने कभी उस आध्यात्मिक फिरदौस के बारे में सुना है? क्या आप जानते हैं कि आध्यात्मिक फिरदौस क्या होता है और इसमें रहने के लिए हमें क्या करना चाहिए? अगर आप सच्ची खुशी पाना चाहते हैं, तो यह बहुत ज़रूरी है कि आप आध्यात्मिक फिरदौस के बारे में जानें।

आध्यात्मिक फिरदौस का पता लगाना

आज की दुनिया में भी कोई फिरदौस में जी सकता है, यह बात शायद आपको नामुमकिन लगे। बेशक, यह दुनिया फिरदौस तो नहीं है। आज जहाँ देखें वहाँ लोगों की ज़िंदगी ठीक वैसी है जैसे एक प्राचीन इब्रानी राजा ने कहा था: “अन्धेर सहनेवालों के आंसू बह रहे हैं, और उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं! अन्धेर करनेवालों के हाथ में शक्‍ति थी, परन्तु उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं था।” (सभोपदेशक 4:1) आज राजनीति, धर्म और अर्थ-व्यवस्था में भ्रष्टाचार हर तरफ फैला हुआ है, जिसकी वजह से करोड़ों लोग पीड़ित हैं। उन्हें कहीं से राहत नहीं मिलती, उन्हें कोई “शान्ति देनेवाला” नहीं है। और ऐसे अनेक लोग हैं जिन्हें रोज़मर्रा का खर्च उठाने, बच्चों का पालन-पोषण करने और दूसरी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे लोगों को भी किसी शान्ति देनेवाले की ज़रूरत है, जो उनका बोझ कुछ हद तक हलका कर सके। इन सब लोगों के लिए फिरदौस की ज़िंदगी तो बस एक ख्वाब है।

तो फिर आध्यात्मिक फिरदौस है कहाँ? यूनानी और इब्रानी भाषा में “फिरदौस” के लिए जो शब्द इस्तेमाल किया गया है, उसका मतलब एक बाग या उद्यान है, एक ऐसी जगह, जहाँ जाने पर हमारे अंदर नयी जान आ जाती है और मन को बहुत सुकून मिलता है। इसके अलावा बाइबल वादा करती है कि एक दिन ऐसा आएगा जब इस पृथ्वी को सचमुच एक फिरदौस या सुंदर बाग बना दिया जाएगा और उसमें सिर्फ सिद्ध इंसान रहेंगे। (भजन 37:10, 11) इन बातों को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते हैं कि आध्यात्मिक फिरदौस एक ऐसा माहौल है जिसमें हमारी आँखों को आराम और मन को चैन मिलता है और हम न सिर्फ लोगों के साथ बल्कि परमेश्‍वर के साथ भी अच्छा रिश्‍ता रख पाते हैं। यह आध्यात्मिक फिरदौस आज मौजूद है और ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग इसमें आ रहे हैं। गुस्तावू ने भी इस फिरदौस के बारे में जान लिया है।

जब गुस्तावू 12 साल का था, तब उसने एक रोमन कैथोलिक पादरी बनने का फैसला किया था। उसका यह फैसला माँ-बाप को भी मंज़ूर था, इसलिए वह एक सेमिनरी में भर्ती हो गया। उस सेमिनरी की ओर युवकों को आकर्षित करने के लिए चर्च संगीत, थिएटर और राजनीति को बढ़ावा देता था। गुस्तावू इन कामों में पूरी तरह डूब गया। वह जानता था कि एक पादरी को लोगों की सेवा में पूरी तरह लग जाना चाहिए और उसके लिए शादी करना मना है। लेकिन गुस्तावू ने देखा कि सेमिनरी के कुछ पादरी और विद्यार्थी अनैतिक कामों में उलझे हुए थे। ऐसे माहौल में रहने का गुस्तावू पर भी असर हुआ और इसलिए बहुत जल्द वह खूब शराब पीने लगा। बेशक, अब तक उसे आध्यात्मिक फिरदौस का पता नहीं मिला था।

एक दिन गुस्तावू को बाइबल पर आधारित एक ट्रैक्ट मिला जिसमें बताया गया था कि एक दिन यह पृथ्वी फिरदौस होगी। उसे पढ़ने पर वह अपनी ज़िंदगी के मकसद के बारे में सोचने पर मजबूर हुआ। वह कहता है: “तब से मैंने बाइबल को बार-बार पढ़ना शुरू कर दिया, मगर मुझे कुछ समझ नहीं आता था। मैं यह भी नहीं समझ पाया कि परमेश्‍वर का एक नाम है।” फिर उसने सेमिनरी छोड़ दी और यहोवा के साक्षियों के पास गया और उनसे बाइबल समझने के लिए मदद माँगी। इसके बाद से उसने आध्यात्मिक बातों में अच्छी तरक्की की और कुछ ही समय बाद अपना जीवन यहोवा को समर्पित कर दिया। इस तरह गुस्तावू आध्यात्मिक फिरदौस के बारे में सीख रहा था।

परमेश्‍वर के नाम के लिए लोग

गुस्तावू ने सीखा कि परमेश्‍वर का नाम यहोवा है और बाइबल सीखनेवालों के लिए यह सिर्फ दिलचस्प जानकारी नहीं है। (निर्गमन 6:3) सच्ची उपासना में इस नाम की बहुत बड़ी अहमियत है। यीशु ने अपने अनुयायियों को यह प्रार्थना करनी सिखाई: “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए।” (मत्ती 6:9) जो गैर-यहूदी लोग मसीही बन गए थे, उनके बारे में शिष्य याकूब ने कहा: “परमेश्‍वर ने . . . अन्यजातियों पर कैसी कृपादृष्टि की, कि उन में से अपने नाम के लिये एक लोग बना ले।” (प्रेरितों 15:14) पहली सदी में ‘उसके नाम के लिए लोग’ मसीही कलीसिया थी। क्या आज भी परमेश्‍वर के नाम के लिए लोग हैं? बेशक हैं और गुस्तावू ने पहचान लिया कि वे लोग यहोवा के साक्षी हैं।

यहोवा के साक्षी 235 देशों और इलाकों में परमेश्‍वर की सेवा ज़ोर-शोर से कर रहे हैं। उनकी गिनती आज 60 लाख से ज़्यादा है और उनके अलावा दिलचस्पी रखनेवाले करीब 80 लाख लोग उनकी सभाओं में हाज़िर हुए हैं। वे दुनिया भर में प्रचार काम के लिए जाने जाते हैं और इस तरह यीशु की यह भविष्यवाणी उन्हीं पर पूरी हो रही है: “राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।” (मत्ती 24:14) लेकिन यहोवा के साक्षियों की ऐसी कौन-सी खासियत है जिसकी वजह से गुस्तावू को लगा कि आध्यात्मिक फिरदौस उन्हीं के बीच मौजूद है? वह बताता है: “मैंने देखा कि यहोवा के साक्षी इस दुनिया से और जिस सेमिनरी में मैं था, उससे बिलकुल अलग हैं। सबसे बड़ा फर्क तो यह है कि यहोवा के साक्षी एक-दूसरे को जान से प्यार करते हैं।”

यहोवा के साक्षियों के बारे में और भी कई लोगों ने ऐसी ही अच्छी बातें कही हैं। ब्राज़ील की एक युवती, मिरीयम ने कहा: “न तो मेरी ज़िंदगी में और न ही मेरे परिवार में खुशी नाम की कोई चीज़ थी। प्यार कैसे दिखाया जाता है, यह मैंने पहली बार यहोवा के साक्षियों के बीच देखा।” क्रीस्टियान नाम के एक आदमी ने कहा: “मैं अकसर जादू-टोना किया करता था, मगर धर्म में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं थी। समाज में मेरा रुतबा और इंजीनियर की हैसियत से मेरा काम ही मेरे लिए सबसे ज़्यादा मायने रखता था। लेकिन जब मेरी पत्नी ने यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन करना शुरू किया, तो मैंने उसके अंदर कुछ बदलाव देखे। उससे मिलने जो मसीही स्त्रियाँ आती थीं उनमें परमेश्‍वर की सेवा के लिए खुशी और जोश देखकर भी मैं बहुत प्रभावित हुआ।” लोग यहोवा के साक्षियों की इस तरह तारीफ क्यों करते हैं?

आध्यात्मिक फिरदौस क्या है?

यहोवा के साक्षियों की एक खासियत यह है कि वे बाइबल का ज्ञान हासिल करने की अहमियत समझते हैं। वे मानते हैं कि बाइबल सच्ची है और परमेश्‍वर का वचन है। इसलिए वे अपने धर्म के बारे में सिर्फ ऊपरी ज्ञान रखना काफी नहीं समझते। वे निरंतर बाइबल पढ़ने और अध्ययन करने के एक कार्यक्रम का पालन करते हैं। एक व्यक्‍ति यहोवा के साक्षियों के साथ जितने ज़्यादा समय तक संगति करता है वह बाइबल से परमेश्‍वर और उसके उद्देश्‍यों के बारे में उतना ज़्यादा ज्ञान पाता है।

ऐसे ज्ञान की वजह से यहोवा के साक्षी अंधविश्‍वासों और खतरनाक शिक्षाओं से दूर रहते हैं, जिन्हें मानने से लोगों की ज़िंदगी दुःखों से भर जाती है। यीशु ने कहा था: “सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।” और यहोवा के साक्षियों ने देखा है कि यह बात कितनी सच है। (यूहन्‍ना 8:32) अब फर्नान्डू की बात लीजिए। एक समय था जब वह जादू-टोना करता था मगर आज वह कहता है: “पहले मुझे हमेशा यह डर सताता था कि अगर मैं या मेरे माता-पिता मर गए तो पता नहीं हम कहाँ जाएँगे। लेकिन जब मैंने अनंत जीवन के बारे में सीखा तो मुझे बहुत राहत महसूस हुई।” जब फर्नान्डू ने बाइबल से सच्चाई सीखी, तो आत्मिक लोक और मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में उसका डर मिट गया।

बाइबल के मुताबिक, परमेश्‍वर के ज्ञान का फिरदौस के साथ गहरा ताल्लुक है। भविष्यवक्‍ता यशायाह ने कहा था: “मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।”—यशायाह 11:9.

यह बात सच है कि यशायाह ने जिस शान्ति का वर्णन किया, उसे पाने के लिए सिर्फ ज्ञान होना काफी नहीं है। ज्ञान के मुताबिक काम करना भी ज़रूरी है। फर्नान्डू कहता है: “जब एक इंसान अपने अंदर आत्मा के फल पैदा करता है, तो वह आध्यात्मिक फिरदौस की खुशहाली को बढ़ाने में मदद देता है।” फर्नान्डू यहाँ प्रेरित पौलुस के शब्दों का ज़िक्र कर रहा था। एक मसीही को अपने अंदर जो अच्छे गुण बढ़ाने चाहिए उन्हें प्रेरित पौलुस ने ‘आत्मा के फल’ कहा। उसने बताया कि वे गुण हैं, “प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, कृपा, भलाई, विश्‍वास, नम्रता, और संयम।”—गलतियों 5:22, 23.

क्या आप समझ सकते हैं कि जो लोग अपने अंदर ऐसे गुण बढ़ाने की कोशिश करते हैं, उनके साथ संगति करना फिरदौस में होने जैसा क्यों है? इन्हीं लोगों के बीच वह आध्यात्मिक फिरदौस है, जिसकी भविष्यवाणी सपन्याह ने की थी। उसने कहा: “[वे] न तो कुटिलता करेंगे और न झूठ बोलेंगे, और न उनके मुंह से छल की बातें निकलेंगी। वे चरेंगे और विश्राम करेंगे, और कोई उनको डरानेवाला न होगा।”—सपन्याह 3:13.

प्रेम की अहमियत

आपने शायद गौर किया होगा कि पौलुस ने आत्मा के फलों में सबसे पहले प्रेम का ज़िक्र किया है। प्रेम एक ऐसा गुण है जिसके बारे में बाइबल बहुत कुछ बताती है। यीशु ने कहा था: “यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो।” (यूहन्‍ना 13:35) यह सच है कि यहोवा के साक्षी सिद्ध नहीं हैं। उनमें भी आपस में कभी-कभी तकरार हो जाती है, जैसे यीशु के प्रेरितों में भी होती थी। मगर फिर भी साक्षी सच्चे दिल से एक-दूसरे को प्यार करते हैं और अपने अंदर यह गुण और भी बढ़ाने के लिए परमेश्‍वर से पवित्र आत्मा की मदद माँगते हैं।

इसका नतीजा हम देख सकते हैं कि उनके आपस का प्रेम बेमिसाल है। उनके बीच जाति या राष्ट्र को लेकर कोई भेद-भाव नहीं होता। इतना ही नहीं, 20वीं सदी के आखिरी सालों में जब कुछ जगहों में नस्लों और जातियों के भेद को लेकर जनसंहार हुआ तो वहाँ के कई साक्षियों ने एक-दूसरे की रक्षा करने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल दी। हालाँकि यहोवा के साक्षियों में “हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा” के लोग हैं, फिर भी उनके बीच की एकता इतनी अनोखी है कि आप उसे तभी समझ पाएँगे जब आप खुद उनके साथ रहेंगे।—प्रकाशितवाक्य 7:9.

फिरदौस उन्हीं के बीच जो परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करते हैं

ऐसे लोग आध्यात्मिक फिरदौस का भाग नहीं बन सकते जो लालची, अनैतिक और स्वार्थी हैं। इसलिए मसीहियों से कहा गया है: “इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नए हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्‍वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।” (रोमियों 12:2) अगर हम शुद्ध जीवन जीएँ, अपना चरित्र अच्छा रखें और दूसरे मामलों में भी परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करें, तो हम आध्यात्मिक फिरदौस को और खूबसूरत बना पाएँगे और इससे हमारी अपनी खुशी भी बढ़ेगी। कार्ला ने महसूस किया कि यह बात वाकई सच है। वह कहती है: “मेरे पापा ने मुझे खूब मेहनत करना सिखाया ताकि मुझे कभी पैसों की कमी न हो। विश्‍व-विद्यालय की पढ़ाई की वजह से मुझे अपने भविष्य के बारे में कोई चिंता तो नहीं थी, मगर मैं परिवार से मिलनेवाले ऐसे प्यार और सुरक्षा के लिए तरस रही थी, जो सिर्फ परमेश्‍वर के वचन का ज्ञान होने पर हासिल होता है।”

यह बात सच है कि आध्यात्मिक फिरदौस में रहने से जीवन के शारीरिक दुःख दूर नहीं हो जाते। औरों की तरह हम मसीहियों को भी बीमारी या अपने देश में हो रहे दंगे-फसाद का सामना करना पड़ता है। हम में से कई मसीहियों को गरीबी की समस्या से जूझना पड़ता है। मगर परमेश्‍वर के साथ एक करीबी रिश्‍ता होने की वजह से हम परमेश्‍वर से मदद माँग सकते हैं कि वह हमें इन मुश्‍किलों को झेलने की शक्‍ति दे। और यहोवा के साथ हमारा यह रिश्‍ता ही आध्यात्मिक फिरदौस का सबसे ज़रूरी और बुनियादी तत्व है। यहोवा खुद कहता है कि हम ‘अपना बोझ उस पर डाल दें।’ और कई लोग अपने तजुर्बे से बता सकते हैं कि परमेश्‍वर ने उन्हें किस तरह अद्‌भुत तरीके से मुश्‍किल-से-मुश्‍किल हालात में भी संभाला है। (भजन 55:22; 86:16, 17) परमेश्‍वर वादा करता है कि अगर उसके सेवक “घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में” भी रहें तो वह उनका हाथ नहीं छोड़ेगा। (भजन 23:4) हमें यह पूरा भरोसा है कि ज़रूरत की घड़ी में परमेश्‍वर फौरन हमारी मदद करेगा। इसलिए हम “परमेश्‍वर की शान्ति” कायम रख पाते हैं, जो आम इंसान की “समझ से बिलकुल परे है।” आध्यात्मिक फिरदौस के लिए ऐसी शान्ति का होना भी बहुत ज़रूरी है।—फिलिप्पियों 4:7.

आध्यात्मिक फिरदौस की खूबसूरती बढ़ाना

आम तौर पर लोग बाग में जाना पसंद करते हैं। उन्हें बाग में टहलना या किसी बैंच पर बैठकर आस-पास के खूबसूरत नज़ारे देखना अच्छा लगता है। उसी तरह, कई लोगों को यहोवा के साक्षियों के साथ संगति करना अच्छा लगता है। साक्षियों के साथ मिलने-जुलने पर उन्हें बहुत ताज़गी महसूस होती है, मन को शांति मिलती है और वे अपने अंदर नई शक्‍ति महसूस करते हैं। लेकिन गौर कीजिए कि एक बाग को हमेशा खूबसूरत बनाए रखने के लिए उसकी अच्छी देखभाल करना भी ज़रूरी होता है। उसी तरह इस वीराने जैसी दुनिया में भी आध्यात्मिक फिरदौस इसीलिए कायम है क्योंकि यहोवा के साक्षी इस फिरदौस को बनाए रखने के लिए मेहनत करते हैं और परमेश्‍वर उनकी मेहनत पर आशीष देता है। तो इस फिरदौस की खूबसूरती बनाए रखने के लिए आप अपनी तरफ से क्या कर सकते हैं?

सबसे पहले आपको यहोवा के साक्षियों की किसी कलीसिया के साथ मेल-जोल रखना चाहिए। आपको उनके साथ बाइबल का अध्ययन करना चाहिए और बाइबल का ज्ञान पाना चाहिए, जो इस आध्यात्मिक फिरदौस की बुनियाद है। कार्ला कहती है: “आध्यात्मिक भोजन के बिना आध्यात्मिक फिरदौस नहीं हो सकता।” आध्यात्मिक भोजन लेने का मतलब है कि हम नियमित रूप से परमेश्‍वर का वचन पढ़ें और पढ़ी हुई बातों पर मनन करें। इस तरह ज्ञान लेते रहने से आप यहोवा परमेश्‍वर के और करीब आएँगे और आपके दिल में उसके लिए प्यार बढ़ेगा। इसके अलावा, आप परमेश्‍वर से प्रार्थना करना सीखेंगे और उससे मार्गदर्शन और उसकी आत्मा की मदद माँगेंगे ताकि आप उसकी इच्छा पूरी कर सकें। यीशु ने बताया कि हमें प्रार्थना में लगे रहना चाहिए। (लूका 11:9-13) प्रेरित पौलुस ने कहा था: “निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो।” (1 थिस्सलुनीकियों 5:17) परमेश्‍वर से प्रार्थना करने का सम्मान भी आध्यात्मिक फिरदौस का एक ज़रूरी हिस्सा है। प्रार्थना करते वक्‍त हम पूरा विश्‍वास रख सकते हैं कि वह हमारी प्रार्थनाओं को ज़रूर सुनता है।

वक्‍त के गुज़रते आप जो ज्ञान लेते रहेंगे, उससे आपकी ज़िंदगी बेहतर बनती जाएगी और फिर आप इस बारे में दूसरों को भी बताना चाहेंगे। तब आप यीशु की इस आज्ञा का पालन कर पाएँगे: “तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में है, बड़ाई करें।” (मत्ती 5:16) जब आप दूसरों को भी यहोवा परमेश्‍वर और यीशु मसीह के बारे में ज्ञान देंगे और इस बात की प्रशंसा करेंगे कि किस तरह उन दोनों ने पूरी मानवजाति के लिए गहरा प्यार दिखाया है, तो इससे आपको बहुत खुशी महसूस होगी।

वह दिन बहुत करीब है जब हम इस पूरी पृथ्वी को एक फिरदौस के रूप में देखेंगे। जी हाँ, सारी ज़मीन एक ऐसा बाग होगी जहाँ प्रदूषण नहीं होगा और यह वफादार इंसानों के लिए एक बेहतरीन घर होगा। आज इस “कठिन समय” में एक आध्यात्मिक फिरदौस का होना इस बात का सबूत है कि परमेश्‍वर के पास कितनी शक्‍ति है और यह इस बात की एक झलक भी है कि वह भविष्य में कौन-कौन-से काम करने की शक्‍ति रखता है।—2 तीमुथियुस 3:1.

जो लोग आज आध्यात्मिक फिरदौस में रहते हैं वे आज भी यशायाह 49:10 को आध्यात्मिक मायने में पूरा होता हुआ देख रहे हैं। उस आयत में कहा गया है: “वे भूखे और प्यासे न होंगे, न लूह और न घाम उन्हें लगेगा, क्योंकि, वह जो उन पर दया करता है, वही उनका अगुवा होगा, और जल के सोतों के पास उन्हें ले चलेगा।” इस बात में कितनी सच्चाई है, यह हम झूज़े के उदाहरण से जान सकते हैं। उसकी यह ख्वाहिश थी कि वह एक महान संगीतकार बने, लेकिन उसे सच्ची खुशी तब मिली जब उसने मसीही कलीसिया के साथ मिलकर परमेश्‍वर की सेवा करनी शुरू की। वह कहता है: “अब मेरी ज़िंदगी को एक मकसद मिल गया है। अपने मसीही भाई-बहनों के साथ रहकर मैं खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करता हूँ। मैं जानता हूँ कि यहोवा हमसे प्यार करनेवाला एक पिता है, जिस पर हम भरोसा रख सकते हैं।” झूज़े और उसकी तरह लाखों लोग आज आध्यात्मिक फिरदौस में जो खुशियाँ पा रहे हैं, उसका वर्णन भजन 64:10 में बहुत अच्छी तरह किया गया है: “धर्मी तो यहोवा के कारण आनन्दित होकर उसका शरणागत होगा।” यह आध्यात्मिक फिरदौस का क्या ही खूबसूरत वर्णन है!

[फुटनोट]

^ यहाँ बताए गए अनुभव सचमुच के हैं मगर कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

[पेज 10 पर तसवीर]

आध्यात्मिक फिरदौस की खुशियाँ पाने के साथ-साथ इसे फैलाने में भी अपनी तरफ से मेहनत कीजिए!