इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

बाइबल को समझने के लिए मदद

बाइबल को समझने के लिए मदद

बाइबल को समझने के लिए मदद

बाइबल एक बेमिसाल किताब है। उसके लेखकों का दावा है कि उन्होंने इसे परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखा है। इस दावे के ढेरों सबूत बाइबल में लिखी बातों से मिलते हैं। (2 तीमुथियुस 3:16) बाइबल हमें कई सवालों का जवाब देती है, जैसे कि हमारी शुरूआत कैसे हुई, हमारे जीने का मकसद क्या है, और हमारा भविष्य कैसा होगा? बेशक, यह किताब विचार करने योग्य है!

शायद आपने बाइबल पढ़ने की कोशिश की होगी मगर आपको लगा कि इसे समझना मुश्‍किल है। हो सकता है आपको नहीं मालूम कि अपने सवालों के जवाब इस किताब में कैसे ढूँढ़ें? अगर ऐसा है तो आप अकेले नहीं हैं। पहली सदी में रहनेवाला एक कूशी अधिकारी भी ऐसे ही हालात में था। एक बार रथ पर सवार होकर यरूशलेम से अपने वतन, कूश लौटते वक्‍त, वह सात सौ साल से भी पहले लिखे यशायाह की भविष्यवाणी की किताब को ज़ोर-ज़ोर से पढ़ता जा रहा था।

अचानक, उसे एक आदमी पुकारता है, जो उसके रथ के साथ-साथ दौड़ रहा था। यह आदमी यीशु का शिष्य फिलिप्पुस था। वह उस कूशी से पूछता है: “तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?” वह जवाब देता है: “जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं?” फिर वह फिलिप्पुस को अपने रथ में बुला लेता है। तब फिलिप्पुस उस कूशी को वह जो पढ़ रहा था उसका अर्थ समझाता और उसे “यीशु का सुसमाचार” सुनाने लगता है।—प्रेरितों 8:20-35.

जिस तरह फिलिप्पुस ने बहुत पहले उस कूशी आदमी को परमेश्‍वर का वचन समझने में मदद दी थी, ठीक वैसे ही आज यहोवा के साक्षी लोगों को बाइबल समझने में मदद देते हैं। उन्हें आपकी भी मदद करने में बेहद खुशी होगी। आम तौर पर बाइबल का सिलसिलेवार अध्ययन करना अच्छा होता है और शुरूआत बाइबल की बुनियादी शिक्षाओं से करना ठीक रहेगा। (इब्रानियों 6:1) फिर जैसे-जैसे आप बाइबल की समझ पाने में उन्‍नति करते जाएँगे, तो आप “अन्‍न” लेने के काबिल होंगे। प्रेरित पौलुस द्वारा ज़िक्र किया गया यह “अन्‍न” बाइबल की गूढ़ सच्चाइयों को सूचित करता है। (इब्रानियों 5:14) और हालाँकि आप बाइबल का अध्ययन करेंगे, पर इसके साथ यहोवा के साक्षी आपको बाइबल समझानेवाले दूसरे प्रकाशन भी देंगे। ये प्रकाशन आपको यह देखने में मदद करेंगे कि अलग-अलग विषयों पर आयतें बाइबल में कहाँ से ली गई हैं और उनका क्या मतलब है।

अध्ययन के लिए समय और जगह का इंतज़ाम आपकी सहूलियत के हिसाब से किया जा सकता है। कुछ लोग तो टेलिफोन पर भी अध्ययन करते हैं। यह अध्ययन स्कूल की किसी कक्षा की तरह नहीं चलाया जाता है। बल्कि यह इंतज़ाम आपके अपने हालात के मुताबिक, साथ ही आपकी परवरिश और आपकी समझने की क्षमता को ध्यान में रखकर किया जाता है। आपको इस बाइबल अध्ययन के लिए कोई पैसा खर्च करने की भी ज़रूरत नहीं। (मत्ती 10:8) इसके लिए आपको कोई परीक्षा देने की ज़रूरत नहीं। और ना ही आपको किसी तरह का संकोच महसूस होने दिया जाएगा। अध्ययन में आपके सवालों का जवाब दिया जाएगा और आप सीखेंगे कि कैसे आप सच्चे परमेश्‍वर के करीब आ सकते हैं। मगर सवाल यह है कि आपको बाइबल का अध्ययन क्यों करना चाहिए? ऐसे कुछ कारणों पर विचार कीजिए कि क्यों बाइबल अध्ययन आपकी ज़िंदगी में खुशियाँ ला सकता है।