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कटनी का काम खुशी से कीजिए!

कटनी का काम खुशी से कीजिए!

कटनी का काम खुशी से कीजिए!

“पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।” —मत्ती 9:37,38.

1. परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करते रहने में कौन-सी बात हमें उकसाती है?

 हमारे बपतिस्मे को चाहे चंद साल बीते हों या फिर बहुत साल, मगर जब हम अपने बपतिस्मे के दिन को याद करते हैं, तो ऐसा लगता है मानो यह कल ही की बात है। उस दिन यहोवा के सेवकों के तौर पर उसकी स्तुति करना, हमारे समर्पित जीवन का खास मकसद बन गया था। और जैसे-जैसे हम समय निकालकर दूसरों को राज्य संदेश सुनाने और उसे स्वीकार करने में उनकी मदद करने लगे, तो यहोवा की सेवा खुशी-खुशी करना हमारे लिए सबसे अहम बात बन गई। (इफिसियों 5:15,16) आज भी हम यही महसूस करते हैं कि जब हम ‘प्रभु के काम में काफी कुछ’ करते हुए व्यस्त रहते हैं, तो समय मानो पंख लगाकर उड़ जाता है। (1 कुरिन्थियों 15:58, NW) हालाँकि हमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है, मगर यहोवा की इच्छा पूरी करने से जो खुशी हासिल होती है वह हमें उसकी सेवा करते रहने के लिए उकसाती रहती है।—नहेमायाह 8:10.

2. लाक्षणिक कटनी के काम में हमें किन कारणों से खुशी मिलती है?

2 मसीही होने के नाते, हम लाक्षणिक तौर पर एक कटनी के काम में लगे हुए हैं। यीशु मसीह ने अनंत जीवन के लिए लोगों को इकट्ठा करने के काम की तुलना कटनी से की। (यूहन्‍ना 4:35-38) आज जब हम इस कटनी के काम में शामिल हैं तो आइए हम शुरू के मसीहियों पर विचार करें कि उन्होंने कटनी के काम से कैसी खुशी पाई थी। इससे यह काम करने में हमारा हौसला और भी बढ़ेगा। हम ऐसे तीन मुद्दों पर विचार करेंगे, जिनसे आज हमें इस काम में खुशी मिलती है। ये मुद्दे हैं: (1) हमारी आशा का संदेश, (2) लोगों को ढूँढ़ने में हमें मिल रही कामयाबी और (3) कटनी के काम में शांति बनाए रखने का हमारा नज़रिया।

कटनी का काम करने के लिए भेजे गए

3. किस मायने में यीशु के शुरू के चेलों ने आनंद पाया था?

3 सामान्य युग 33 में कटनी का काम करनेवाले शुरू के मसीहियों, खासकर यीशु के 11 वफादार प्रेरितों के जीवन में उस दिन वाकई एक बड़ा बदलाव आया, जब वे पुनरुत्थान किए गए मसीह से मिलने गलील पर्वत पर गए थे। (मत्ती 28:16) शायद उस अवसर पर ‘पांच सौ से अधिक भाई’ मौजूद थे। (1 कुरिन्थियों 15:6) उस दिन यीशु ने उनको एक काम सौंपा था जिसे उन्होंने पूरी वफादारी से किया। यीशु ने उनसे कहा था: “तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।” (मत्ती 28:19,20) हालाँकि कटनी का काम करते समय उन्हें बुरी तरह सताया गया, मगर फिर भी उन्होंने इस काम में बहुत आनंद पाया क्योंकि जगह-जगह मसीह के चेलों की कलीसियाएँ बनती गईं। और आखिरकार वह समय भी आया जब ‘सुसमाचार का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्टि में किया जाने लगा।’—कुलुस्सियों 1:23; प्रेरितों 1:8; 16:5.

4. जब मसीह के चेलों को कटनी के काम के लिए भेजा गया था, तब हालात कैसे थे?

4 गलील में अपनी सेवकाई की शुरूआत में, यीशु ने 12 प्रेरितों को खासकर इस संदेश का ऐलान करने के लिए भेजा: “स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।” (मत्ती 10:1-7) वह खुद गलील के “सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।” भीड़ को देखकर यीशु को तरस आया “क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, ब्याकुल और भटके हुए से थे।” (मत्ती 9:35,36) उन्हें देखकर उसके दिल पर गहरा असर हुआ इसलिए उसने अपने चेलों से कहा: “पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। इसलिये खेत के स्वामी [यहोवा परमेश्‍वर] से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।” (मत्ती 9:37,38) जब पृथ्वी पर यीशु की सेवकाई के सिर्फ छः महीने बाकी रह गए थे, तब भी यीशु ने यहूदा में मजदूरों की उतनी ही ज़रूरत महसूस की। (लूका 10:2) दोनों अवसरों पर उसने अपने चेलों को कटनी का काम करनेवालों के तौर पर भेजा।—मत्ती 10:5; लूका 10:3.

हमारी आशा का संदेश

5. हम किस तरह के संदेश का ऐलान करते हैं?

5 आज हम यहोवा के सेवक भी कटनी का काम करने के बुलावे को खुशी से स्वीकार करते हैं। हमारी खुशी का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि हम निराश और हताश लोगों को आशा का संदेश देते हैं। पहली सदी के चेलों की तरह, हमें भी सुसमाचार सुनाने का कितना बढ़िया काम सौंपा गया है। हम उन लोगों को सच्ची आशा का संदेश देते हैं जो ऐसी ‘भेड़ों की नाईं हैं जिनका कोई रखवाला न हो’!

6. पहली सदी में प्रेरित किस काम में लगे हुए थे?

6 पहली सदी के मध्य तक, प्रेरित पौलुस सुसमाचार का प्रचार करने में काफी व्यस्त था। बेशक, वह कटनी के काम में प्रभावशाली रहा क्योंकि लगभग सा.यु. 55 में कुरिन्थ के मसीहियों को उसने लिखा: “हे भाइयो, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो।” (1 कुरिन्थियों 15:1) प्रेरित और पहली सदी के दूसरे मसीहियों ने कटनी का काम पूरी लगन के साथ किया। इसलिए हालाँकि बाइबल हमें नहीं बताती कि सा.यु. 70 में यरूशलेम के विनाश से पहले हुई महत्वपूर्ण घटनाओं से कितने प्रेरित ज़िंदा बचे मगर हम इतना ज़रूर जानते हैं कि सा.यु. 70 के कुछ 25 सालों बाद भी यूहन्‍ना प्रचार कर रहा था।—प्रकाशितवाक्य 1:9.

7, 8. आशा का कौन-सा संदेश सुनाने का काम आज यहोवा के सेवक पहले से भी ज़ोर-शोर से कर रहे हैं?

7 इसके बाद कई सदियों तक धर्मत्यागी ‘पाप के पुरुष’ यानी ईसाईजगत के पादरियों का दबदबा रहा। (2 थिस्सलुनीकियों 2:3) लेकिन 19वीं सदी के खत्म होते-होते कुछ लोगों ने पहली सदी की सच्ची मसीहियत के मुताबिक अपनी ज़िंदगी में बदलाव किए और आशा का संदेश यानी राज्य का ऐलान करना शुरू किया। दरअसल, इस पत्रिका के पहले अंक (जुलाई 1879) से ही इसके ये शीर्षक रहे हैं: “मसीह की उपस्थिति की घोषणा,” “मसीह के राज्य की घोषणा” और “यहोवा के राज्य की घोषणा करता है।”

8 सन्‌ 1914 में स्वर्ग में परमेश्‍वर के राज्य की स्थापना हुई और यीशु मसीह को उसका राजा नियुक्‍त किया गया। अब आशा का यह संदेश सुनाने का काम हम इतने ज़ोर-शोर से कर रहे हैं, जितना पहले कभी नहीं किया गया। मगर क्यों? क्योंकि राज्य शासन के ज़रिए मिलनेवाली आशीषों में से एक यह है कि बहुत जल्द इस दुष्ट संसार का नाश कर दिया जाएगा। (दानिय्येल 2:44) क्या इससे बेहतर और कोई संदेश हो सकता है? और “भारी क्लेश” के आने से पहले राज्य का ऐलान करने से बढ़कर क्या किसी और काम से हमें इतनी खुशी मिल सकती है?—मत्ती 24:21; मरकुस 13:10.

ढूँढ़ने के काम में कामयाबी

9. यीशु ने अपने शिष्यों को कौन-सी हिदायत दी थी और राज्य संदेश के प्रति लोगों ने कैसा रवैया दिखाया?

9 कटनी के काम में हमें मिलनेवाली खुशी की एक और वजह यह है कि हम ऐसे लोगों को तलाशने में कामयाब हो रहे हैं जो मसीह के चेले बनकर हमारे साथ कटनी के काम में जुट जाते हैं। सामान्य युग 31-32 में यीशु ने अपने शिष्यों को यह हिदायत दी थी: “जिस किसी नगर या गांव में जाओ, तो पता लगाओ [“ढूँढ़ो,” NW] कि वहां कौन योग्य है।” (मत्ती 10:11) लोगों ने राज्य के संदेश के प्रति जो रवैया दिखाया उससे ज़ाहिर हुआ कि सभी लोग योग्य नहीं थे। मगर फिर भी, यीशु के चेलों ने ऐसी सभी जगह जाकर पूरे उत्साह के साथ प्रचार किया जहाँ लोग मिल सकते थे।

10. पौलुस ने योग्य लोगों को ढूँढ़ने का काम कैसे किया?

10 यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के बाद भी योग्य लोगों को ढूँढ़ने का काम ज़ोरों से चलता रहा। पौलुस ने अथेने के आराधनालय में यहूदियों को और वहाँ के बाज़ार में मिले लोगों को सुसमाचार के बारे में दलील देकर समझाया। जब उसने उस यूनानी शहर के अरियुपगुस में गवाही दी, तो “कई एक मनुष्य उसके साथ मिल गए, और विश्‍वास किया, जिन में दियुनुसियुस अरियुपगी था, और दमरिस नाम एक स्त्री थी, और उन के साथ और भी कितने लोग थे।” पौलुस जहाँ कहीं भी गया वहाँ उसने “लोगों के साम्हने और घर घर” प्रचार करने में भी अच्छी मिसाल कायम की।—प्रेरितों 17:17,34; 20:20.

11. सालों पहले किन तरीकों से सेवकाई की जाती थी?

11 उन्‍नीसवीं सदी के आखिरी दशकों के दौरान, अभिषिक्‍त मसीहियों ने योग्य लोगों को ढूँढ़ने का काम पूरे साहस के साथ किया। सन्‌ 1881 की जुलाई/अगस्त की ज़ायंस वॉच टावर पत्रिका में एक लेख छपा, जिसका शीर्षक था: “प्रचार करने के लिए अभिषिक्‍त।” उसमें कहा गया था: “सुसमाचार का प्रचार . . . ‘नम्र लोगों तक’ पहुँच रहा है—ऐसे लोगों तक जो सुनने की इच्छा और काबीलीयत रखते हैं ताकि उनसे मसीह की देह, उसके संगी वारिस तैयार किए जा सकें।” परमेश्‍वर की कटनी का काम करनेवाले अकसर चर्चों के पास जाते थे और जब लोग चर्च से निकल रहे होते, तो वे उन्हें ट्रैक्ट बाँटते थे। इन ट्रैक्टों में बाइबल के ऐसे संदेश छापे जाते थे जिनसे योग्य लोगों को सही कदम उठाने के लिए उकसाया जा सके। गवाही देने का यह तरीका कितना असरदार रहा, इस पर अच्छी तरह विचार करने के बाद, 1903, मई 15 के वॉच टावर ने कटनी का काम करनेवालों को उकसाया कि वे “रविवार की सुबह घर-घर जाकर” लोगों को ट्रैक्ट बाँटें।

12. हम अपने प्रचार के काम में किस तरह पहले से ज़्यादा असरदार बने हैं? इसका एक उदाहरण दीजिए।

12 हाल के कुछ सालों से, हमने सेवकाई को बढ़ाने के लिए घर-घर प्रचार करने के अलावा दूसरी जगहों पर भी जाकर लोगों से मुलाकात करना शुरू किया है। यह तरीका उन देशों में काफी असरदार साबित हुआ है जहाँ लोग हमें आर्थिक परिस्थितियों के कारण या घूमने-फिरने के लिए बाहर निकलने की वजह से आम तौर पर घर पर नहीं मिलते। एक बार इंग्लैंड में एक बहन और उसकी साथी ने देखा कि पर्यटक हमेशा समुद्र के किनारे अपना दिन बिताने के बाद बस से वापस लौट जाते हैं। बहन और उसकी साथी ने हिम्मत जुटायी और बसों में चढ़कर यात्रियों को प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! की कॉपियाँ दीं। एक महीने में उन्होंने 229 पत्रिकाएँ बाँटी। वे कहती हैं: “हमें चाहे समुद्र किनारे गवाही देनी हो या बिज़नॆस के इलाके में या हमारे सामने जो भी चुनौती आए, हम नहीं घबराते क्योंकि हम जानते हैं कि यहोवा हमेशा हमारे साथ है।” उन्होंने एक मैगज़ीन रूट बनाया, एक बाइबल अध्ययन शुरू किया और दोनों ने ऑक्ज़लरी पायनियर सेवा भी की।

13. अब कुछ जगहों पर हमें सेवकाई में किस तरह का फेरबदल करने की ज़रूरत है?

13 योग्य लोगों को ढूँढ़ने का काम जारी रखते हुए कुछ जगहों पर शायद हमें प्रचार करने के तरीकों की दोबारा अच्छी तरह जाँच करनी पड़े। हालाँकि कई साक्षी, लंबे अरसे से रविवार के दिन सुबह के वक्‍त घर-घर प्रचार करते आए हैं, मगर उन्होंने देखा है कि कुछ इलाकों में सवेरे के समय घर-घर का प्रचार इतना असरदार नहीं होता क्योंकि तब लोग सो रहे होते हैं। इसलिए कई साक्षियों ने अपने शॆड्यूल में फेरबदल की है और अब वे शाम के वक्‍त, शायद मसीही सभाओं के बाद जाकर प्रचार करते हैं। और इस तरह की तलाश वाकई कामयाब रही है। पिछले साल संसार-भर में राज्य के प्रचारकों की गिनती 2.3 प्रतिशत बढ़ गई। इससे खेत के स्वामी की महिमा होती है और हमें खुशी मिलती है।

कटनी के काम में शांति बनाए रखना

14. हम किस भावना के साथ अपना संदेश पेश करते हैं, और क्यों?

14 हमारी खुशी की एक और वजह यह है कि हम कटनी के काम में शांति बनाए रखते हैं। यीशु ने कहा: “घर में दाख़िल होते वक़्त उसे सलाम करना। और अगर वह घर लायक़ हो तो तुम्हारी सलामती उसे पहुंचे।” (मत्ती 10:12,13, हिन्दुस्तानी बाइबल) सलाम के लिए इब्रानी शब्द का, साथ ही बाइबल में इस्तेमाल किए गए यूनानी शब्द का मतलब है, ‘आपका भला हो।’ हम भी इसी भावना के साथ लोगों को सुसमाचार सुनाते हैं। हम यही उम्मीद करते हैं कि वे राज्य संदेश को स्वीकार करेंगे। जो लोग यह संदेश स्वीकार करके अपने पापों से पश्‍चाताप करते, गलत मार्ग से फिरते और परमेश्‍वर की इच्छा पर चलते हैं, उन्हें परमेश्‍वर के साथ मेल-मिलाप करने का मौका मिलता है। और इस तरह परमेश्‍वर के साथ शांति बनानेवालों को भविष्य में अनंत जीवन मिलेगा।—यूहन्‍ना 17:3; प्रेरितों 3:19; 13:38,48; 2 कुरिन्थियों 5:18-20.

15. जब कोई व्यक्‍ति प्रचार में हमारे संदेश को ठुकरा देता है, तब भी हम किस तरह अपनी शांति बरकरार रख सकते हैं?

15 लेकिन जब कोई हमारे संदेश को ठुकरा देता है, तब हम किस तरह अपनी शांति बनाए रख सकते हैं? इस बारे में हिदायत देते हुए यीशु ने कहा: “यदि [घर के लोग] योग्य न हों तो तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आएगा।” (मत्ती 10:13) लूका की किताब में 70 शिष्यों को भेजने का जो ब्यौरा दिया गया है, उसमें यीशु की यह बात भी बताई गई है: “यदि वहां कोई कल्याण के योग्य होगा; तो तुम्हारा कल्याण उस पर ठहरेगा, नहीं तो तुम्हारे पास लौट आएगा।” (लूका 10:6) जब हम सुसमाचार लेकर लोगों के पास जाते हैं, तो हम एक अच्छे अंदाज़ में और शांतिमय तरीके से अपना संदेश पेश करते हैं। जब एक व्यक्‍ति दिलचस्पी नहीं दिखाता, शिकायत करता या हमें कुछ भला-बुरा कहता है, तो हमारी शांति का संदेश बस ‘हमारे पास लौट’ आता है। लेकिन इनमें से किसी भी कारण से हम अपनी शांति नहीं खोते, जो परमेश्‍वर की पवित्र आत्मा का एक फल है।—गलतियों 5:22,23.

कटनी का काम करनेवालों के लिए एक बढ़िया लक्ष्य

16, 17. (क) पुनःभेंट करने में हमारा लक्ष्य क्या है? (ख) जो लोग बाइबल के बारे में सवाल पूछते हैं, उनकी हम किस तरह मदद कर सकते हैं?

16 कटनी का काम करनेवालों की हैसियत से हम कितने खुश हैं कि हम अनंत जीवन के लिए लोगों को इकट्ठा करने में हिस्सा ले रहे हैं। और जब कोई व्यक्‍ति प्रचार में हमारे संदेश को स्वीकार करता है, और भी ज़्यादा सीखना चाहता है और “कल्याण के योग्य” साबित होता है, तो हम कितने खुश होते हैं! लेकिन हो सकता है उसके मन में बाइबल के कई सवाल हों और एक ही मुलाकात में उसके सभी सवालों का जवाब देना हमारे लिए मुमकिन न हो। पहली मुलाकात में उसके साथ ज़्यादा समय बिताना ठीक भी नहीं होगा, इसलिए हम क्या कर सकते हैं? इस बारे में करीब 60 साल पहले एक लक्ष्य रखने के लिए बताया गया था जिसे आज हम भी रख सकते हैं।

17 “सभी यहोवा के साक्षियों को आदर्श अध्ययन चलाने के लिए तैयार रहना चाहिए।” यह बात मॉडल स्टडी नामक हिदायतें देनेवाली पुस्तिका की श्रृंखला के तीसरे अंक में कही गई थी। इन पुस्तिकाओं को 1937 से 1941 के बीच प्रकाशित किया गया था। उस अंक में आगे कहा गया: “राज्य संदेश में दिलचस्पी दिखानेवाले नेक लोगों की हर मुमकिन तरीके से मदद करने के लिए सभी [राज्य] प्रचारकों को कोशिश करनी चाहिए। ऐसे लोगों से दोबारा मुलाकात करके [पुनःभेंट करके] उनके सवालों के जवाब देने चाहिए . . . , और फिर जितनी जल्दी हो सके . . . एक आदर्श अध्ययन शुरू कीजिए।” जी हाँ, पुनःभेंट करने का हमारा लक्ष्य है, एक बाइबल अध्ययन शुरू करना और उसे लगातार जारी रखना। * अगर दिलचस्पी दिखानेवाले व्यक्‍ति के लिए हमारे अंदर प्यार मदद करने की भावना होगी तो हम अध्ययन की अच्छी तैयारी करेंगे और असरदार तरीके से सिखाएँगे।

18. नए लोगों को यीशु मसीह के चेले बनने में हम किस तरह मदद दे सकते हैं?

18 ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है किताब और परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है? जैसे ब्रोशरों की मदद से हम बाइबल अध्ययन में असरदार तरीके से सिखा सकते हैं और इस तरह दिलचस्पी दिखानेवाले नए लोगों को चेले बनने में मदद दे सकते हैं। अगर हम महान शिक्षक, यीशु मसीह की मिसाल पर चलेंगे, तो हमारे बाइबल विद्यार्थी भी हमारी शांति, खुशी, निष्कपटता और यहोवा के स्तरों और सिद्धांतों के लिए हमारा आदर देखकर काफी कुछ सीख सकेंगे। जब हम नए लोगों को उनके सवालों के जवाब पाने में मदद करें, तो आइए हम उन्हें यह भी सिखाने की पूरी कोशिश करें कि अगर कोई उनसे सवाल करे तो वे भी किस तरह जवाब दे सकते हैं। (2 तीमुथियुस 2:1,2; 1 पतरस 2:21) लाक्षणिक कटनी का काम करनेवालों की हैसियत से यह जानकर हमें ज़रूर खुशी होती है कि पिछले सेवा-वर्ष के दौरान संसार-भर में औसतन 47,66,631 बाइबल अध्ययन चलाए गए थे। अगर हम भी उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने बाइबल अध्ययन चलाने के ज़रिए कटनी के काम में हिस्सा लिया था, तो यह हमारे लिए खुश होने की खास वजह है।

कटनी के काम से खुशी पाते रहिए

19. किन बढ़िया कारणों से यीशु की सेवकाई के दौरान और उसके तुरंत बाद कटनी के काम में खुशी मिली थी?

19 यीशु की सेवकाई के दौरान और उसके तुरंत बाद कटनी का काम करनेवालों को बहुत खुशी मिली थी और इसके बढ़िया कारण भी थे। उस समय बहुत सारे लोगों ने सुसमाचार को स्वीकार किया था। खासकर सा.यु. 33 में पिन्तेकुस्त का दिन बहुत खुशी का मौका था क्योंकि उस दिन करीब 3,000 लोगों ने पतरस की हिदायत मानी, यहोवा की पवित्र आत्मा पाई और इस तरह वे परमेश्‍वर की आत्मिक इस्राएल जाति का एक हिस्सा बन गए। उनकी संख्या रोज़-ब-रोज़ बढ़ती चली गई और उनकी खुशी भी बढ़ती गई क्योंकि “जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रति दिन उन में मिला देता था।”—प्रेरितों 2:37-41,46,47; गलतियों 6:16; 1 पतरस 2:9.

20. किस बात से हमें कटनी के काम में बेहद खुशी मिलती है?

20 उस समय यशायाह की यह भविष्यवाणी पूरी हो रही थी: “तू [यहोवा] ने जाति को बढ़ाया, तू ने उसको बहुत आनन्द दिया; वे तेरे साम्हने कटनी के समय का सा आनन्द करते हैं, और ऐसे मगन हैं जैसे लोग लूट बांटने के समय मगन रहते हैं।” (यशायाह 9:3) हालाँकि आज अभिषिक्‍त लोगों की ‘बड़ी जाति’ की संख्या लगभग पूरी हो चुकी है, मगर यह देखकर हमें बेहद खुशी होती है कि कटनी का काम करनेवाले दूसरे लोगों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है।—भजन 4:7; जकर्याह 8:23; यूहन्‍ना 10:16.

21. अगले लेख में हम किस बात पर चर्चा करेंगे?

21 कटनी के काम में अपनी खुशी बरकरार रखने के लिए हमारे पास बेशक बहुत सारे वाजिब कारण हैं। हमारी आशा का संदेश, लोगों को ढूँढ़ने में मिल रही कामयाबी और शांति बनाए रखने का हमारा नज़रिया—इन सभी कारणों से हमें कटनी के काम में खुशी मिलती है। लेकिन इन्हीं कारणों से कई बार हम लोगों की नफरत के शिकार भी हो जाते हैं। ऐसा प्रेरित यूहन्‍ना के साथ भी हुआ था। उसे “परमेश्‍वर के वचन, और यीशु की गवाही” देने के कारण पतमुस नाम के द्वीप में कैद किया गया था। (प्रकाशितवाक्य 1:9) तो फिर हम लोगों द्वारा सताए जाने और विरोध का सामना करते समय अपनी खुशी कैसे बरकरार रख सकते हैं? आज हम जिन लोगों को प्रचार करते हैं, उनमें से ज़्यादातर लोग कठोर होते जा रहे हैं इसलिए धीरज धरने में कौन-सी बात हमारी मदद करेगी? अगले लेख में बाइबल से इन सवालों का जवाब दिया गया है।

[फुटनोट]

^ शुरू में ऐसी जगहों में अध्ययन आयोजित किए जाते थे, जहाँ दिलचस्पी दिखानेवाले कई लोग एक-साथ इकट्ठे हो सकें। लेकिन कुछ समय बाद अलग-अलग व्यक्‍तियों और परिवारों के साथ भी अध्ययन चलाए जाने लगे।—यहोवा के साक्षियों द्वारा प्रकाशित किताब यहोवा के साक्षी—परमेश्‍वर के राज्य की घोषणा करनेवाले (अँग्रेज़ी) का पेज 574 देखिए।

आप क्या जवाब देंगे?

• लाक्षणिक कटनी का काम क्या है?

• हम किस तरह का संदेश सुनाते हैं?

• चेलों को ढूँढ़ने में हम क्यों कामयाब होते हैं?

• कटनी के काम में हम शांति कैसे बनाए रखते हैं?

• हम कटनी के काम में क्यों हमेशा खुशी पाते हैं?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 12, 13 पर तसवीरें]

पहली और 20 सदी में प्रचार

[पेज 13 पर तसवीरें]

पौलुस की तरह आज भी कटनी का काम करनेवाले हर जगह जाकर लोगों से मिलने की कोशिश करते हैं

[पेज 13 पर तसवीर]

एक अच्छे अंदाज़ में सुसमाचार पेश कीजिए