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पाठकों के प्रश्‍न

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परमेश्‍वर के पुत्र के बारे में कुलुस्सियों 1:16 कहता है कि “सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।” किस अर्थ में सारी वस्तुएँ परमेश्‍वर के पुत्र, यीशु “के लिये” सृजी गयी थीं?

यहोवा ने अपने एकलौते बेटे, यीशु को छोड़ बाकी सभी चीज़ों की सृष्टि करने के लिए खुद यीशु को एक कुशल कारीगर के तौर पर इस्तेमाल किया। (नीतिवचन 8:27-30; यूहन्‍ना 1:3) ये सारे काम करने से पुत्र को ज़रूर खुशी मिली होगी और इसी अर्थ में कहा जा सकता है कि ये सारी वस्तुएँ उसी “के लिये” थीं।

हम जानते हैं कि माँ-बाप अपनी औलाद यानी अपने बेटे-बेटियों से सुख पाने की उम्मीद करते हैं और अकसर पाते भी हैं। इसलिए बाइबल के एक नीतिवचन में ऐसे “बेटे” का ज़िक्र है ‘जिससे उसका बाप खुश होता है।’ (नीतिवचन 3:12, किताब-ए-मुकद्दस; नीतिवचन 29:17) उसी तरह जब यहोवा परमेश्‍वर के अपने लोग यानी इस्राएल जाति उसकी वफादार रही तो वह बहुत आनंदित हुआ। (भजन 44:3; भजन 119:108; भजन 147:11) आज हमारे समय में भी उसे अपने निष्ठावान लोगों की वफादारी देखकर खुशी मिलती है।—नीतिवचन 12:22; इब्रानियों 10:38.

इसलिए यह बिलकुल सही था कि यहोवा ने अपने सहकर्मी, यीशु को भी अपने कामों से खुशी पाने का मौका दिया। दरअसल, नीतिवचन 8:31 कहता है कि पुत्र ‘उसकी बसाई हुई पृथ्वी से प्रसन्‍न था और उसका सुख मनुष्यों की संगति से होता था।’ इसीलिए कुलुस्सियों 1:16 में कहा गया है कि “सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।” (तिरछे टाइप हमारे।)