इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

माता-पिताओ अपने बच्चों की ज़रूरत पूरी कीजिए!

माता-पिताओ अपने बच्चों की ज़रूरत पूरी कीजिए!

माता-पिताओ अपने बच्चों की ज़रूरत पूरी कीजिए!

बच्चों को सही मार्गदर्शन और प्यार से ताड़ना देने की ज़रूरत है, और यह ज़रूरत खासकर माता-पिता पूरी कर सकते हैं। इस बारे में ब्राज़ील की एक शिक्षिका, तान्या ज़ागूरी कहती हैं: “बच्चे अकसर मौज-मस्ती में ही डूबे रहना चाहते हैं। मगर उन पर पाबंदियाँ लगाना ज़रूरी है और यह माता-पिता की ज़िम्मेदारी है। अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो बच्चे हाथ से निकल जाएँगे और फिर उन्हें काबू करना मुश्‍किल होगा।”

मगर, बहुत-से देशों में ऊपर दी गयी सलाह को मानना मुश्‍किल हो सकता है, क्योंकि उनके समाज में लोगों पर पाबंदियाँ नहीं लगायी जातीं और हरेक की आज़ादी को बहुत अहमियत दी जाती है। ऐसे में, माता-पिताओं को कहाँ से मदद मिल सकती है? परमेश्‍वर का भय माननेवाले माता-पिता अच्छी तरह जानते हैं कि “बच्चे यहोवा के दिए हुए दान हैं।” (भजन 127:3, NHT) इसलिए, बच्चों की परवरिश करने में वे परमेश्‍वर के वचन, बाइबल से सलाह लेते हैं। मिसाल के लिए, नीतिवचन 13:24 कहता है: “जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, परन्तु जो उस से प्रेम रखता, वह यत्न से उसको शिक्षा देता है।”

बाइबल में इस्तेमाल किए गए शब्द “छड़ी” का मतलब सिर्फ यह नहीं कि बच्चों को मारना-पीटना है; इसका मतलब बच्चों को सुधारने का कोई भी तरीका हो सकता है। दरअसल, भटके हुए बच्चों को सही राह पर लाने के लिए ज़्यादातर डाँट-फटकार ही काफी होती है। नीतिवचन 29:17 कहता है: “अपने बेटे की ताड़ना कर, तब उस से तुझे चैन मिलेगा; और तेरा मन सुखी हो जाएगा।”

बच्चों में बुरे लक्षणों को मिटाने के लिए उन्हें प्यार से ताड़ना देने की ज़रूरत होती है। सख्ती के साथ-साथ प्यार से दी गयी ऐसी ताड़ना का मतलब है कि माता-पिता अपने बच्चों की परवाह करते हैं। (नीतिवचन 22:6) इसलिए माता-पिताओ, हिम्मत मत हारिए! बाइबल की भरोसेमंद और कारगर सलाह को मानने से, आप यहोवा परमेश्‍वर को खुश कर पाएँगे, साथ ही अपने बच्चों का दिल जीत पाएँगे और वे आपका आदर करेंगे।