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आंधी से छिपने का स्थान

आंधी से छिपने का स्थान

आंधी से छिपने का स्थान

यूरोप के ऊँचे अल्पाइन पहाड़ों पर आपको कुछ मज़बूत झाड़ियाँ नज़र आएँगी जिन्हें अल्पाइन रोस कहा जाता है। ये बौनी झाड़ियाँ या रोडोडॆन्ड्रोन अकसर छोटे-छोटे घने जंगलों के रूप में उगती हैं और एक-दूसरे से सटकर रहती हैं, जिसकी वजह से पर्वत के ऊपर चलनेवाली आंधियों से उनकी हिफाज़त होती है। हवा के बड़े-बड़े झोंकों से अकसर अल्पाइन पौधों के मिट जाने का खतरा रहता है क्योंकि उनका तापमान गिर जाता है, हवा और मिट्टी में नमी नहीं रहती और जड़ें उखड़ जाती हैं।

अल्पाइन रोस, चट्टानों के बीच की दरारों में से उगता है, इसलिए वह अकसर तूफानी हमलों से बच जाता है। चट्टानों की इन दरारों में मिट्टी बहुत कम होने पर भी, ये जगहें पौधों को हवा से महफूज़ रखती हैं और पानी बचाए रखने में उनकी मदद करती हैं। साल के ज़्यादातर महीनों के दौरान ये रोडोडॆन्ड्रोन दिखायी नहीं देतीं, लेकिन गर्मी के मौसम में वे अपने आश्रय यानी उन पहाड़ों को गहरे लाल रंग के फूलों से सजा देती हैं।

भविष्यवक्‍ता यशायाह ने कहा था कि परमेश्‍वर ‘राजकुमारों’ को नियुक्‍त करेगा और हर राजकुमार “आंधी से छिपने का स्थान” होगा। (यशायाह 32:1, 2) राजा, यीशु मसीह के निर्देशन में, ये आध्यात्मिक राजकुमार यानी ओवरसियर, तनाव या दुःख की घड़ियों में मज़बूत चट्टानों की तरह काम करेंगे। मुसीबत के तूफानों से गुज़र रहे लोगों को वे सच्ची पनाह देंगे और ज़रूरतमंद लोगों को परमेश्‍वर के वचन के अपने आध्यात्मिक जल का भंडार बनाए रखने में मदद देंगे।

जब एक मसीही पर ज़ुल्म, निराशा या बीमारियों की तेज़ आंधियाँ चलती हैं, तो वह आध्यात्मिक मायने में बुरी तरह घायल हो सकता है। ऐसे में उसकी हिफाज़त की जानी चाहिए, वरना उसका विश्‍वास जड़ से उखड़ सकता है। मसीही प्राचीन उसे शरण देने के लिए उसकी समस्या को ध्यान से सुन सकते हैं, उसे बाइबल पर आधारित सलाह दे सकते हैं और उसकी हिम्मत बँधाने के लिए दो-चार शब्द बोल सकते है। या फिर कुछ कारगर तरीकों से उसकी मदद कर सकते हैं। अपने ठहराए हुए राजा, यीशु मसीह की तरह वे भी ऐसे लोगों को सहारा देना चाहते हैं जो “भटके हुए से” हैं। (मत्ती 9:36) और वे ऐसे लोगों की मदद करना चाहते हैं, जो झूठी शिक्षा की तूफानी हवाओं से घायल हो गए हैं। (इफिसियों 4:14) सही वक्‍त पर दी जानेवाली ऐसी मदद वाकई अनमोल साबित हो सकती है।

मिरयीम कहती है: “वह मेरी ज़िंदगी की सबसे दर्दनाक घड़ी थी, जब मेरे कुछ करीबी दोस्तों ने सच्चाई की राह पर चलना छोड़ दिया और उसी दौरान मेरे पिता को मस्तिष्क रक्‍तस्राव हो गया। अपनी मायूसी पर काबू पाने के इरादे से मैं एक ऐसे लड़के के साथ घूमने लगी जो सच्चाई में नहीं था। फिर कुछ ही समय बाद मैं खुद को बिलकुल बेकार महसूस करने लगी और यह मानने लगी कि यहोवा अब मुझे हरगिज़ प्यार नहीं करेगा। इसलिए मैंने कलीसिया के प्राचीनों को बता दिया कि मैंने सच्चाई छोड़ देने का फैसला कर लिया है।

“इस नाज़ुक घड़ी में, एक हमदर्द प्राचीन ने मुझे उन सालों की याद दिलायी जब मैं एक रेग्यूलर पायनियर थी। उसने कहा कि वह मेरी वफादारी की हमेशा सराहना करता था और उसने प्यार से मुझसे गुज़ारिश की कि मैं प्राचीनों को अपनी मदद करने का मौका दूँ ताकि मुझे यहोवा के प्यार का दोबारा यकीन हो। उस आध्यात्मिक तूफान में प्राचीनों ने मुझे जो प्यार और परवाह दिखायी, वह मेरे लिए एक ‘छिपने का स्थान’ जैसा था। एक महीने के अंदर, मैंने उस लड़के से नाता तोड़ दिया और तब से मैं सच्चाई की राह पर अटल हूँ।”

जब प्राचीन अपने भाई-बहनों को ऐन वक्‍त पर पनाह देते हैं तो वे आध्यात्मिक मायनों में फलते-फूलते हैं, और यह देखकर प्राचीनों को बड़ी खुशी होती है कि उनकी मेहनत रंग लायी है। ‘छिपने के ये स्थान’ इस बात की भी एक झलक हैं कि मसीह के हज़ार साल के राज के दौरान हमें आध्यात्मिक मदद कैसे बहुतायत में मिलेगी।