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भेद खोलने का समय

भेद खोलने का समय

भेद खोलने का समय

कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनको गुप्त रखने या ना रखने से बहुत फर्क पड़ सकता है। इससे या तो शांति बनी रह सकती है या फिर फूट पैदा हो सकती है। मगर किसी भेद को खोलने का क्या एक समय होता है? गौर कीजिए कि भविष्यवक्‍ता आमोस ने अपने परमेश्‍वर के बारे में क्या कहा: “यहोवा अपने दास भविष्यद्वक्‍ताओं पर अपना मर्म [“भेद,” NHT] बिना प्रगट किए कुछ भी न करेगा।” (आमोस 3:7) इन शब्दों से हम भेद रखने के बारे में यहोवा से कुछ सीखते हैं। यहोवा चाहे तो किसी बात को कुछ समय तक गुप्त रख सकता है और फिर वक्‍त आने पर उसे अपने कुछ सेवकों पर ज़ाहिर करता है। इस मामले में हम यहोवा की तरह कैसे बन सकते हैं?

मसीही कलीसिया में नियुक्‍त चरवाहों को पता है कि कभी-कभी कुछ बातों को गुप्त रखने में ही फायदा है। (प्रेरितों 20:28) मसलन, कलीसिया की भलाई की खातिर वे शायद कलीसिया के कुछ इंतज़ामों की बारीकियों या कुछ ज़िम्मेदारियों में की गयी फेरबदल को किसी खास समय तक भेद रखने का फैसला करें।

अगर किसी मामले को भेद रखना है तो यह ज़रूरी है कि उसमें शामिल सभी को साफ-साफ बताया जाए कि उस मामले को कब और कैसे ज़ाहिर किया जाएगा। इससे उन्हें उस बात को गुप्त रखने में आसानी होगी।—नीतिवचन 25:9.