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“हम सब के साथ भलाई करें”

“हम सब के साथ भलाई करें”

“मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा”

“हम सब के साथ भलाई करें”

यीशु मसीह का सबसे खास काम था, परमेश्‍वर के राज्य का प्रचार करना और उसके बारे में सिखाना। (मरकुस 1:14; लूका 8:1) आज मसीह के चेले उसी की मिसाल पर चलना चाहते हैं, इसलिए वे मानते हैं कि बाइबल में दिया परमेश्‍वर के राज्य का संदेश प्रचार करना ही उनकी ज़िंदगी का सबसे खास काम है। (लूका 6:40) यह देखकर यहोवा के साक्षियों का दिल खुशी से भर जाता है कि जैसे यीशु के धरती पर रहते वक्‍त हुआ था, ठीक उसी तरह आज भी जो राज्य का संदेश कबूल करते हैं, उनके लिए यह संदेश हमेशा का विश्राम देनेवाला संदेश साबित होता है।—मत्ती 11:28-30.

परमेश्‍वर का वचन सिखाने के अलावा यीशु ने और भी नेक काम किए, जैसे उसने बीमारों को चंगा किया और भूखों को खिलाया। (मत्ती 14:14-21) उसी तरह, आज यहोवा के साक्षी बाइबल से सिखाने के साथ-साथ, ज़रूरतमंद लोगों की मदद भी करते हैं। उनका ऐसा करना ताज्जुब की बात नहीं क्योंकि पवित्रशास्त्र, मसीहियों को “हर एक भले काम के लिये” तैयार करता है और उन्हें “सब के साथ भलाई” करने के लिए उकसाता है। (तिरछे टाइप हमारे।)—2 तीमुथियुस 3:16,17; गलतियों 6:10.

“भाइयों ने हमें थाम लिया”

सितंबर 1999 में, ताइवान में एक भयानक भूकंप ने तबाही मचा दी। कुछ ही महीनों बाद, वेनेज़ुइला में मूसलाधार बारिश और बर्फ के खिसकने से उस देश को अब तक की सबसे घोर प्राकृतिक विपत्ति का सामना करना पड़ा। और हाल ही में, मोज़म्बिक देश में बाढ़ ने काफी तबाही मचा दी। इन तीनों जगहों पर, यहोवा के साक्षी पीड़ित लोगों के लिए खाना, पानी, दवाइयाँ, कपड़े, तंबू और खाना बनाने के बर्तन लेकर फौरन पहुँच गए। जो भाई-बहन इलाज करने की काबिलीयत रखते हैं, उन्होंने कामचलाऊ दवाखाने बनाकर घायलों की सेवा की और निर्माण काम करनेवाले स्वयं-सेवकों ने बेघरों के लिए नए मकान बनाए।

हादसे के शिकार लोगों को मुसीबत की घड़ी में जो मदद दी गयी, उससे उन पर गहरा असर पड़ा। वेनेज़ुइला की रहनेवाली माल्योरी का घर, बर्फ के खिसकने से पूरी तरह टूट गया था। वह कहती है: “जब हमारा सबकुछ लुट गया, तब हमारे भाइयों ने हमें थाम लिया।” माल्योरी के परिवार के लिए जब स्वयंसेवकों ने एक बिलकुल नया घर खड़ा कर दिया, तो उसने अपनी एहसानमंदी ज़ाहिर करते हुए कहा: “यहोवा ने हम पर जो उपकार किए हैं, उनके लिए चाहे जितना भी धन्यवाद करूँ, कम है!” और जब मोज़म्बिक में बाढ़ के शिकार लोगों को नए घर बनाकर उनकी चाबियाँ दी गयीं, तो उनका पूरा समूह दिल खोलकर “यहोवा हमारा गढ़,” * यह राज्य गीत गाने लगा।

ज़रूरतमंदों की मदद करने पर स्वयं-सेवकों ने भी विश्राम पाया। मार्सेलो ने मोज़म्बिक के एक राहत शिविर में बीमारों की देखभाल करके उनकी सेवा की। उसने कहा: “मुझे मन-ही-मन बहुत खुशी हुई कि मैं उन भाइयों की मदद कर सका जिन्होंने इतने सारे दुःख झेले थे।” ताइवान में एक स्वयं-सेवक, ह्वॉन्ग ने कहा: “ज़रूरतमंद भाइयों तक खाना और तंबू पहुँचाने में हाथ बँटाकर मुझे बहुत खुशी मिली। इस काम से मेरा विश्‍वास बहुत मज़बूत हुआ।”

सेवा का ऐसा कार्यक्रम जो अच्छे नतीजे लाता है

सेवा करनेवालों ने दुनिया की बहुत-सी जेलों में रहनेवाले हज़ारों कैदियों की मदद करके उन्हें भी आध्यात्मिक विश्राम दिलाया है। कैसे? अगर अमरीका की ही बात लें तो, हाल के सालों में वहाँ यहोवा के साक्षियों ने करीब 4,000 जेलों में 30,000 से ज़्यादा कैदियों तक बाइबल साहित्य पहुँचाए हैं। इसके अलावा, जहाँ मुमकिन होता है, वहाँ साक्षी खुद जेलों में जाकर, कैदियों को बाइबल से सिखाते और मसीही सभाएँ चलाते हैं। क्या इससे कैदियों को फायदा होता है?

कुछ कैदी, बाइबल का अध्ययन करते वक्‍त अपने साथी कैदियों को भी परमेश्‍वर के वचन से ताज़गी देनेवाली सच्चाइयाँ बताने लगते हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि संसार के कई जेलखानों में अब बहुत-से कैदियों के ऐसे समूह हैं जो साथ मिलकर यहोवा की उपासना कर रहे हैं। सन्‌ 2001 में, अमरीका के ऑरिगन के एक कैदी ने कहा: “हमारा समूह अच्छी तरक्की कर रहा है। हम राज्य के 7 प्रचारक हैं और हम 38 बाइबल अध्ययन चला रहे हैं। जन-भाषण और प्रहरीदुर्ग की हाज़िरी 25 से ज़्यादा होती है और [मसीह की मौत के] स्मारक पर 39 लोग हाज़िर हुए। बहुत जल्द तीन और लोग बपतिस्मा लेनेवाले हैं!”

फायदे और खुशियाँ

जेल के अधिकारियों ने गौर किया है कि कैदियों की मदद करने के इस कार्यक्रम के अच्छे नतीजे निकल रहे हैं। जो बात अधिकारियों को खासकर प्रभावित करती है, वह है कैदियों की मदद करने के इस कार्यक्रम से होनेवाला हमेशा का फायदा। एक रिपोर्ट कहती है: “कैदियों की मदद करने के इस कार्यक्रम को शुरू हुए दस साल हो गए हैं और इन सालों के दौरान, यहोवा के साक्षियों के तौर पर जेल में बपतिस्मा लेनेवालों में से एक भी कैदी को दोबारा जेल की सज़ा नहीं हुई, जबकि दूसरे समूहों के 50-60 प्रतिशत कैदी वापस आते हैं।” कैदियों को साक्षियों से मिलनेवाली मदद से होनेवाले फायदे देखकर, आइडाहो के एक जेल के पादरी ने यहोवा के साक्षियों के हेडक्वार्टर्स्‌ को खत लिखा: “मैं आपके धर्म की शिक्षाओं से तो सहमत नहीं हूँ, लेकिन मुझे आपके संगठन के काम करने का तरीका बेहद पसंद है।”

जो साक्षी कैदियों की मदद करते हैं, उन्हें भी बेहद खुशी होती है। एक साक्षी ने कैदियों के एक समूह में सभा चलायी और उन्होंने पहली बार राज्य गीत गाया। बाद में उस साक्षी ने लिखा: “अट्ठाइस पुरुषों को साथ मिलकर यहोवा की स्तुति में गीत गाते देखकर मुझे बड़ी खुशी हुई। वे ऊँची आवाज़ में गा रहे थे! उस वक्‍त वहाँ हाज़िर रहना, मेरे लिए वाकई एक सुनहरा मौका था!” ऐरिज़ोना के जेलखानों में कैदियों की मदद करनेवाले एक भाई ने कहा: “इस खास काम में हिस्सा लेना कितनी बड़ी आशीष है!”

संसार के अलग-अलग भागों में दूसरों की मदद करनेवाले साक्षी, यीशु की इस बात से पूरे दिल से सहमत हैं: “लेने से देना धन्य है।” (प्रेरितों 20:35) वे इस बात को भी पुख्ता करते हैं कि सबके साथ भलाई करने की बाइबल की सलाह को मानने से सचमुच विश्राम मिलता है।—नीतिवचन 11:25.

[फुटनोट]

^ यहोवा के भजन गाओ में गीत नंबर 11 देखिए। इस गीत-पुस्तक को यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित की है।

[पेज 8 पर तसवीर]

वेनेज़ुइला

[पेज 8 पर तसवीर]

ताइवान

[पेज 8 पर तसवीर]

मोज़म्बिक