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‘परमेश्‍वर का वचन प्रबल है’

‘परमेश्‍वर का वचन प्रबल है’

राज्य उद्‌घोषक रिपोर्ट करते हैं

‘परमेश्‍वर का वचन प्रबल है’

जमाइका, कैरिबियन सागर में एक द्वीप है। यहाँ अच्छी धूप पड़ती है। इस द्वीप के ज़्यादातर लोग बाइबल से वाकिफ हैं। बाइबल का किंग जेम्स वर्शन अनुवाद तो यहाँ हर घर में मिलेगा। यहाँ के कुछ लोगों ने इस बात की सच्चाई महसूस की है कि “परमेश्‍वर का वचन जीवित, और प्रबल” है। (इब्रानियों 4:12) सचमुच, इस वचन में इतनी ताकत है कि यह लोगों की ज़िंदगियाँ बदल सकती है। इसकी एक मिसाल, हम इस अनुभव से देख सकते हैं।

क्लीवलैंड नाम का एक आदमी अपने काम से घर लौटा ही था कि यहोवा का एक साक्षी उसके दरवाज़े पर आया। बाइबल से कुछ बातें बताने के बाद, साक्षी ने क्लीवलैंड को बाइबल समझने में मदद देनेवाली किताब ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है दी। क्लीवलैंड को ज़रा भी खबर नहीं थी कि परमेश्‍वर का वचन उसकी ज़िंदगी पर कितना ज़बरदस्त असर डालनेवाला था।

क्लीवलैंड, हर रोज़ ईश्‍वर से तीन बार प्रार्थना करता था और उपासना करने का सही रास्ता ढूँढ़ने में मदद माँगता था। क्लीवलैंड को यकीन था कि उसके माता-पिता का उपासना करने का तरीका सही नहीं है। दूसरे धर्मों की जाँच करने पर भी उसे निराशा ही हाथ लगी। उसने यहोवा के साक्षियों के बारे में सुना था, मगर उसे यकीन नहीं था कि उनके पास सच्चाई हो सकती है। इस संदेह के बावजूद, क्लीवलैंड अपने घर आए साक्षी के साथ बाइबल अध्ययन करने के लिए राज़ी हो गया। मगर इसकी वजह क्या थी? वह साक्षियों को गलत साबित करना चाहता था!

क्लीवलैंड के दो औरतों के साथ नाजायज़ संबंध थे। बहुत जल्द, वह बाइबल से जान गया कि परमेश्‍वर इसे पसंद नहीं करता। (1 कुरिन्थियों 6:9, 10) सिर्फ दो बार अध्ययन करने के बाद ही, उसने हिम्मत जुटाई और उन स्त्रियों से नाता तोड़ दिया। वह राज्यगृह में मसीही सभाओं में हाज़िर होने लगा। मगर उसके सामने एक और परीक्षा खड़ी हुई।

क्लीवलैंड अपनी बिरादरी की फुटबाल टीम का एक खिलाड़ी था और उसमें ज़ोर-शोर से हिस्सा लेता था। मगर इसकी वजह से उसे सभाओं में आने का वक्‍त नहीं मिलता था। अब वह क्या करता? उसके साथी खिलाड़ी, कोच और दोस्तों ने उस पर बहुत दबाव डाला कि वह टीम का सदस्य बना रहे, फिर भी क्लीवलैंड ने फुटबाल टीम को छोड़ने का फैसला किया। जी हाँ, परमेश्‍वर का वचन उसकी भलाई के लिए उस पर असर करने लगा था!

परमेश्‍वर के वचन की ताकत तब और भी ज़ाहिर हुई जब क्लीवलैंड, दूसरों के साथ बाइबल का ज्ञान बाँटने लगा। (प्रेरितों 1:8) इसका नतीजा यह हुआ कि उसके दो पुराने साथी खिलाड़ियों ने भी यहोवा के साक्षियों की सभाओं में आना शुरू कर दिया। क्लीवलैंड सुसमाचार के प्रचार में हिस्सा लेने के काबिल हुआ। और उसे प्रचार काम में परमेश्‍वर का वचन इस्तेमाल करके दूसरों को मदद देने में बहुत खुशी हुई।

परमेश्‍वर के वचन की ताकत से उभारे जाने की वजह से क्लीवलैंड ने यहोवा को अपना जीवन समर्पित किया और यह समर्पण बपतिस्मा लेकर ज़ाहिर किया। उसे अब एक पूरे समय के सेवक और कलीसिया में एक सहायक सेवक के तौर पर सेवा करने का सुनहरा मौका मिला है।

जमाइका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हज़ारों लोग देख पाए हैं कि परमेश्‍वर का वचन वाकई “जीवित, और प्रबल” है।

[पेज 8 पर नक्शा/तसवीर]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

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[चित्र का श्रेय]

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