इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

लगलग से एक सबक

लगलग से एक सबक

लगलग से एक सबक

“आकाश में लगलग भी अपने नियत समयों को जानता है, . . . परन्तु मेरी प्रजा यहोवा का नियम नहीं जानती।” (यिर्मयाह 8:7) भविष्यवक्‍ता यिर्मयाह ने इन्हीं शब्दों के साथ यहूदा के धर्मत्यागी लोगों के खिलाफ यहोवा का न्यायदंड सुनाया। इन लोगों ने अपने परमेश्‍वर यहोवा को छोड़कर दूसरी जातियों के देवी-देवताओं की उपासना शुरू कर दी थी। (यिर्मयाह 7:18, 31) लेकिन यिर्मयाह ने विश्‍वासघाती यहूदियों को लगलग पक्षी की ही मिसाल क्यों दी?

इस्राएलियों के देशों में लगलग, खासकर सफेद लगलग पक्षी का नज़र आना आम बात थी क्योंकि दूसरी जगहों के लिए यात्रा करते वक्‍त, ये पक्षी उनके देश से होकर जाते थे। लंबी-लंबी टाँगों की मदद से पानी में चलनेवाले इस बड़े पक्षी का इब्रानी नाम एक स्त्रीलिंग शब्द है। और इसका मतलब ‘वफादार; प्रेम निभानेवाली’ है। यह नाम इन पक्षियों पर बिलकुल ठीक बैठता है, क्योंकि ये दूसरे पक्षियों की तरह नहीं होते। सफेद लगलग पक्षियों में नर और मादा ज़िंदगी-भर एक-दूसरे का साथ निभाते हैं। जाड़े का मौसम गरम प्रदेशों में बिताने के बाद, ज़्यादातर लगलग साल-दर-साल उसी घोंसले में वापस लौट आते हैं, जहाँ वे पहले रहते थे।

लगलग के इस कुदरती व्यवहार में वफादारी का गुण और भी कई लाजवाब तरीकों से नज़र आता है। नर और मादा दोनों ही अंडों को सेते हैं और चूज़ों को खिलाते हैं। हमारे लाजवाब जंगली जीव-जन्तु (अँग्रेज़ी) किताब बताती है: “एक माँ या पिता के रूप में लगलग पक्षियों का एक-दूसरे के लिए वफादारी, वाकई देखने लायक है। जर्मनी में एक नर लगलग उड़ते वक्‍त बिजली के तारों से जा टकराया और बिजली के झटके से मर गया। उसकी साथी, तीन दिन तक अकेली ही अंडों को सेती रही। उस दौरान उसने सिर्फ एक बार ही खाना ढूँढ़ने के लिए घोंसले को थोड़ी देर के लिए छोड़ा। . . . एक और मामले में जब मादा लगलग को गोली मार दी गयी, तो नर पक्षी ने चूज़ों को पालकर बड़ा किया।”

सचमुच, एक लगलग पक्षी कुदरती तौर पर अपने साथी का ज़िंदगी-भर साथ निभाता है और प्यार से अपने बच्चों की देखभाल करता है। इस तरह ‘वफादार’ रहकर वह अपने नाम के मतलब के मुताबिक जीता है। इसलिए विश्‍वासघाती और ज़िद्दी इस्राएली, लगलग से एक बेहतरीन सबक सीख सकते थे।

आज कई लोगों के लिए वफादारी और निष्ठा दकियानूसी बातें हैं। वे मानते तो हैं कि ये गुण तारीफ के काबिल हैं, मगर इन्हें कारगर नहीं समझते। तलाक, गैरज़िम्मेदारी, धोखा-धड़ी और दूसरे किस्म के फरेब का इतनी तेज़ी से बढ़ना यही दिखाता है कि वफादारी का कोई मोल नहीं रह गया है। इसके विपरीत बाइबल में ऐसी वफादारी को बहुत अनमोल समझा गया है जिसकी बुनियाद प्यार और दया हो। यह मसीहियों को ज़बरदस्त तरीके से उकसाती है कि वे ‘नये मनुष्यत्व को पहिन लें जो परमेश्‍वर की इच्छा के मुताबिक सच्ची धार्मिकता और वफादारी में सृजा गया है।’ (इफिसियों 4:24, NW) जी हाँ, नया मनुष्यत्व हमें वफादार बनने में मदद करता है, मगर हम लगलग पक्षी से भी वफादारी का सबक सीख सकते हैं।