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गुज़रा कल और आज—परमेश्‍वर का वचन लोगों की ज़िंदगी बदल देता है

गुज़रा कल और आज—परमेश्‍वर का वचन लोगों की ज़िंदगी बदल देता है

“परमेश्‍वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा”

गुज़रा कल और आज—परमेश्‍वर का वचन लोगों की ज़िंदगी बदल देता है

जब टोनी 13 और 16 साल के बीच था, तब अगर आपने उसे देखा होता, तो आप उसे एक बहुत ही रूखे और गुस्सैल लड़के के रूप में पाते। उन दिनों वह सिडनी, आस्ट्रेलिया की बदनाम गलियों में अकसर आया-जाया करता था। गिरोह के लोगों से उसकी दोस्ती थी। डाका डालना, दूसरे गिरोह के लोगों के साथ लड़ना, और सड़कों पर खुलेआम गोलियाँ चलाना, यही उसका काम था।

टोनी ने नौ साल की उम्र से ही धूम्रपान करना शुरू कर दिया था। चौदह के होते-होते उसे गाँजा पीने की लत पड़ गयी और वह एक बदचलन ज़िंदगी जीने लगा। और जब वह सोलह साल का हुआ, तब तक वह हेरोइन का आदी हो गया और फिर उसे कोकेन और एल.एस.डी. (LSD) की लत भी पड़ गयी। टोनी कहता है: “मैं नशे की किसी भी चीज़ को नहीं छोड़ता था।” बाद में उसने दो कुख्यात अपराधी संगठनों के साथ ड्रग्स का धंधा करना शुरू किया। कुछ ही समय बाद, वह आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के इलाकों का जाना-माना ड्रग्स बेचनेवाला बन गया, जिसके पास किसी भी वक्‍त ड्रग्स मिलते थे।

हेरोइन और गाँजा पीने की लत की वजह से टोनी के रोज़ाना 8,000 से 16,000 रुपए खर्च होते थे। मगर इससे भी भारी कीमत उसके परिवार को चुकानी पड़ती थी। वह बताता है: “कई बार ऐसा होता था कि हमारे घर में रखे ड्रग्स और पैसे की तलाश में अपराधी घर में घुस आते थे। और वे मुझे और मेरी बीवी को बंदूक और छुरी की नोक दिखाकर घर की तलाशी लेते थे।” टोनी को तीन बार जेल जाना पड़ा। फिर वह सोचने लगा कि वह जिस तरह से ज़िंदगी जी रहा है उसका उसे क्या सिला मिलेगा।

हालाँकि टोनी चर्च जाया करता था, फिर भी उसने खुद को परमेश्‍वर के करीब महसूस नहीं किया क्योंकि चर्च में यह सिखाया जाता था कि वह पापियों को सज़ा देने के लिए उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए आग में तड़पाता है। मगर जब यहोवा के साक्षियों में से एक शादी-शुदा जोड़े ने उससे मुलाकात की और उसे बताया कि परमेश्‍वर ऐसा बेरहम नहीं है, तो उसे बड़ा ताज्जुब हुआ। टोनी को यह जानकर भी खुशी हुई कि वह अपनी ज़िंदगी सुधार सकता है और परमेश्‍वर की आशीषें पा सकता है। यीशु मसीह की यह बात उसके दिल को छू गयी: “परमेश्‍वर से सब कुछ हो सकता है।” (मरकुस 10:27) टोनी को खासकर इन शब्दों से बहुत हौसला मिला: “परमेश्‍वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा।”—याकूब 4:8.

अब टोनी के सामने यह चुनौती खड़ी हुई कि क्या वह अपनी ज़िंदगी में बदलाव करेगा और बाइबल के स्तरों के मुताबिक जीएगा। वह कहता है: “सबसे पहले तो मैंने धूम्रपान छोड़ा, जिसे मैं पहले लाख कोशिशों के बावजूद भी नहीं छोड़ पाया था। यहोवा की ताकत पाकर मैं हेरोइन और गाँजे की लत छोड़ पाया जिसने मुझे 15 साल तक अपने चंगुल में फँसा रखा था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं इन बुरी आदतों से निजात पाऊँगा।”

टोनी और उसकी पत्नी के दिल में अब यह खौफ नहीं रहा कि परमेश्‍वर, लोगों को हमेशा-हमेशा के लिए नरक में यातनाएँ देता है। ऐसी शिक्षा बाइबल में कहीं भी नहीं पायी जाती। अब वे धरती पर फिरदौस में हमेशा-हमेशा जीने की आशा रखते हैं। (भजन 37:10, 11; नीतिवचन 2:21) टोनी कबूल करता है: “परमेश्‍वर के स्तरों के मुताबिक ज़िंदगी में सुधार लाने के लिए मुझे जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ी और इसमें काफी वक्‍त भी लगा। मगर यहोवा की मदद से मैं कामयाब हो सका।”

जी हाँ, यह आदमी जो कभी दिन-रात ड्रग्स के नशे में धुत्त रहता था, आज एक मसीही है। वह और उसकी पत्नी अपना समय और अपने साधनों का इस्तेमाल करके दूसरों को बाइबल सिखाते हैं और इस काम में उन्होंने हज़ारों घंटे बिताए हैं। वे अपने दो बच्चों की भी परवरिश कर रहे हैं जो परमेश्‍वर का भय मानते हैं। टोनी की ज़िंदगी में यह बड़ा बदलाव सिर्फ परमेश्‍वर के वचन बाइबल की ज़बरदस्त ताकत से ही मुमकिन हो पाया है। प्रेरित पौलुस ने बिलकुल सच कहा कि “परमेश्‍वर का वचन जीवित, और प्रबल” है।—इब्रानियों 4:12.

यहोवा के साक्षियों के बाइबल सिखाने के काम से टोनी की तरह बहुत-से लोगों को फायदा हुआ है। फिर भी कुछ लोग साक्षियों पर यह बेबुनियाद इलज़ाम लगाते हैं कि वे लोगों को बाइबल सिखाकर उनके परिवारों में फूट डालते हैं और जवानों को गुमराह करते हैं। मगर टोनी का किस्सा इस इलज़ाम को बिलकुल झूठा साबित करता है।

टोनी की तरह बहुत-से लोगों ने सीखा है कि जानलेवा आदतों पर भी काबू पाना मुमकिन है। कैसे? परमेश्‍वर पर विश्‍वास करने, उस पर और उसके वचन पर भरोसा रखने और मसीही भाई-बहनों की मदद से, जो हमसे प्यार करते हैं और हमेशा सहारा देने के लिए तैयार रहते हैं। टोनी आखिर में खुशी-खुशी कहता है: “मैंने देखा है कि बाइबल के उसूलों ने कैसे मेरे बच्चों की हिफाज़त की है। बाइबल की शिक्षाओं ने मेरी शादी को टूटने से बचाया है। और मेरे पड़ोसी अब चैन की नींद सो पाते हैं, क्योंकि उनको मुझसे अब कोई खतरा नहीं है।”

[पेज 9 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

‘यहोवा की ताकत से मैं ड्रग्स की लत छोड़ पाया जिसने मुझे 15 सालों तक अपने चंगुल में फँसा रखा था’

[पेज 9 पर बक्स]

बाइबल के सिद्धांत वाकई फायदेमंद

बाइबल में ऐसे बहुत-से सिद्धांत हैं, जिनसे ड्रग्स की लत में पड़े कई लोगों को इस कमज़ोरी पर काबू पाने में मदद मिली है। ऐसे ही कुछ सिद्धांत यहाँ दिए गए हैं:

“आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें, और परमेश्‍वर का भय रखते हुए पवित्रता को सिद्ध करें।” (2 कुरिन्थियों 7:1) ड्रग्स लेना परमेश्‍वर के नियम के खिलाफ है।

“यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र ईश्‍वर को जानना ही समझ है।” (नीतिवचन 9:10) यहोवा और उसके मार्गों के बारे में सही ज्ञान पाकर उसके लिए भय और श्रद्धा पैदा करने की वजह से बहुत-से लोग ड्रग्स के शिकंजे से आज़ाद हो पाए हैं।

“तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।” (नीतिवचन 3:5, 6) परमेश्‍वर पर सच्चे दिल से भरोसा रखने और उस पर पूरी तरह निर्भर होने से खतरनाक आदतों से निजात पायी जा सकती है।