क्या गरीबी कभी खत्म होगी?
क्या गरीबी कभी खत्म होगी?
प्राचीन इस्राएल के बुद्धिमान राजा सुलैमान ने कहा: “देखो उत्पीड़ितों के आंसू! और उनको सान्त्वना देने वाला कोई नहीं। और दूसरी ओर अत्याचारियों के पास अधिकार था, परन्तु उत्पीड़ितों के पास सान्त्वना देनेवाला कोई नहीं था।” (सभोपदेशक 4:1, NHT) इसमें शक नहीं कि जिन बहुत-से उत्पीड़ितों के बारे में राजा सोच रहा था, वे गरीब भी थे।
गरीबी को सिर्फ लोगों के खर्च के आँकड़ों से ही आँका नहीं जा सकता है। जून 2002 में वर्ल्ड बैंक के दिए आँकड़ों के मुताबिक, “सन् 1998 में यह अनुमान लगाया गया कि संसार-भर में 120 करोड़ लोगों को 1 डॉलर से भी कम में अपना गुज़ारा करना पड़ता है . . . और 280 करोड़ लोगों की एक दिन में 2 डॉलर से भी कम आमदनी होती है।” यह देखा गया था कि हालाँकि ये संख्या पहले के आँकड़ों से कम थी, “फिर भी यह संख्या दिखाती है कि बड़े पैमाने पर लोग अब भी दुःख झेल रहे हैं।”
क्या गरीबी कभी खत्म होगी? यीशु ने अपने चेलों को कहा: “कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं।” (यूहन्ना 12:8) तो क्या यीशु के कहने का मतलब यह है कि गरीबी और इससे होनेवाले भयंकर अंजाम हमेशा बने रहेंगे? नहीं, बेशक यीशु ने अपने चेलों से यह वादा नहीं किया कि वे सब अमीर हो जाएँगे मगर हमें उसके शब्दों का यह मतलब भी नहीं निकालना चाहिए कि गरीबों के लिए कोई आशा नहीं है।
इंसानी कोशिशों और इस हकीकत के बावजूद कि गरीबी मिटाने के सभी वादे नाकाम हुए हैं, परमेश्वर का वचन, बाइबल हमें यह विश्वास दिलाता है कि वह समय दूर नहीं जब कोई गरीब नहीं होगा। हकीकत तो यह है कि यीशु ने “कंगालों को सुसमाचार” सुनाया। (लूका 4:18) और इस सुसमाचार में यह वादा शामिल है कि गरीबी को जड़ से उखाड़ दिया जाएगा। यह तब होगा जब परमेश्वर का राज्य, पृथ्वी पर धार्मिकता लाएगा।
तब संसार कितना अलग होगा! स्वर्गीय राजा यीशु मसीह, “कंगाल और दरिद्र पर तरस खाएगा, और दरिद्रों के प्राणों को बचाएगा।” वाकई “वह उनके प्राणों को अन्धेर और उपद्रव से छुड़ा लेगा।”—भजन 72:13, 14.
उस वक्त के बारे में मीका 4:4 में लिखा है: “वे अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उनको न डराएगा; सेनाओं के यहोवा ने यही वचन दिया है।” परमेश्वर का राज्य उन समस्याओं को सुलझाएगा, जिन्होंने मानवजाति को परेशान कर रखा है। यहाँ तक कि बीमारी और मृत्यु को भी मिटा देगा। परमेश्वर “मृत्यु को सदा के लिये नाश करेगा, और प्रभु यहोवा सभों के मुख पर से आंसू पोंछ डालेगा।”—यशायाह 25:8.
आप इन वादों पर भरोसा रख सकते हैं क्योंकि ये वादे खुद परमेश्वर के हैं। क्यों न सबूतों को जाँचकर देखें कि बाइबल की भविष्यवाणी भरोसेमंद है या नहीं?
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FAO photo/M. Marzot