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एक टी.वी. कार्यक्रम की वजह से वह परमेश्‍वर की महिमा करने लगी

एक टी.वी. कार्यक्रम की वजह से वह परमेश्‍वर की महिमा करने लगी

राज्य उद्‌घोषक रिपोर्ट करते हैं

एक टी.वी. कार्यक्रम की वजह से वह परमेश्‍वर की महिमा करने लगी

प्रेरित पौलुस ने कहा कि “कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।” (फिलिप्पियों 1:15) कई बार देखा गया है कि जो लोग अपने झूठे प्रचार के ज़रिए यहोवा के सेवकों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, वही लोग अनजाने में सच्चे दिल के लोगों को सच्चाई की तरफ खींचने में मदद करते हैं।

नवंबर 1998 में, फ्रांस के राष्ट्रीय टी.वी. चैनल पर एक डॉक्यूमॆन्ट्री पेश की गयी जिसमें लूवीए शहर के बेथेल यानी यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर की तसवीरें दिखायी गयीं। हालाँकि यह कार्यक्रम देखने के बाद लोग अलग-अलग तरीके से पेश आए, फिर भी उसके ऐसे अच्छे नतीजे निकले जिसकी उम्मीद किसी ने भी नहीं की थी।

इस कार्यक्रम को देखनेवालों में से एक थी, आना-पौला। आना-पौला का घर, बेथेल से बस 60 किलोमीटर की दूरी पर था। तलाकशुदा और दो बच्चों की माँ होने के साथ-साथ उसे नौकरी की तलाश थी। इसलिए कार्यक्रम देखने के बाद, अगले दिन सुबह ही उसने बेथेल फोन किया और पूछा कि क्या उसे वहाँ नौकरी मिल सकती है। उसने कहा: “कार्यक्रम देखने के बाद मुझे लगा कि यह काम करने की बहुत बढ़िया जगह है और वहाँ जो भी काम किया जा रहा है, वह फायदेमंद है।” जब उसे बताया गया कि बेथेल में सेवा करनेवाले सभी लोग यहोवा के साक्षी हैं, जो बिना तनख्वाह लिए वहाँ सेवा करते हैं, तो उसे अपने कानों पर विश्‍वास नहीं हुआ! उसके बाद, उसे चंद शब्दों में समझाया गया कि यहोवा के साक्षी क्या-क्या काम करते हैं। बातचीत के आखिर में, वह इस बात के लिए राज़ी हो गयी कि एक साक्षी आकर उससे मिले।

उस इलाके की कलीसिया की एक पूरे समय की सेवक लैना, आना-पौला से मिलने गयी। उन्होंने बड़ी देर तक बातचीत की, जिसके बाद आना-पौला ने ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है * किताब कबूल की। दूसरी मुलाकात तक, आना-पौला ने पूरी किताब पढ़ ली थी और उसके मन में ढेरों सवाल थे। वह बाइबल अध्ययन करने के लिए फौरन तैयार हो गयी। आना-पौला कहती है: “यह मेरे लिए परमेश्‍वर के वचन को अच्छी तरह जानने का बढ़िया मौका था। इससे पहले मैंने बाइबल को अपने हाथों में कभी नहीं लिया था।”

जनवरी 1999 में, आना-पौला ने बेथेल का दौरा किया और उसके अगले हफ्ते वह पहली बार मसीही सभा में हाज़िर हुई। कुछ ही समय बाद, वह अपने बच्चों के संग बाइबल अध्ययन करने लगी और अपने दोस्तों को भी गवाही देने लगी। वह कहती है: “मैं जो कुछ सीख रही थी, उसे जानकर चुप न रह सकी। मैं लोगों को बाइबल की सच्चाइयाँ बताना चाहती थी और उन्हें दिलासा देना चाहती थी।” आना-पौला की निजी ज़िंदगी कई समस्याओं से उलझी हुई थी। उसने बड़ी मुश्‍किल से इन समस्याओं को निपटाया और फिर सभाओं में बिना नागा हाज़िर होने लगी। वह तेज़ी से तरक्की करने लगी और मई 5, 2002 को उसने बपतिस्मा लिया।

इतना ही नहीं, आना-पौला की अच्छी मिसाल और प्रचार में उसका जोश देखकर उसकी माँ भी बाइबल का अध्ययन करने लगी और कुछ समय बाद उसने भी बपतिस्मा लिया। आना-पौला कहती है: “मैं कितनी खुश हूँ, इसे बयान करने के लिए मेरे पास अलफाज़ नहीं हैं। मैं हर दिन यहोवा का शुक्रिया अदा करती हूँ कि उसने मुझे अपने बारे में जानने और अपनी सेवा करने का मौका दिया है। साथ ही, उसने मुझे जो आशीषें दी हैं, उसके लिए भी मैं तहे-दिल से उसकी एहसानमंद हूँ।”

[फुटनोट]

^ पैरा. 6 इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

[पेज 8 पर तसवीरें]

ऊपर: आना-पौला

नीचे: फ्रांस के शाखा दफ्तर का प्रवेश